“मन चंगा तो कठौती में गंगा”, ये कहावत आपने जरूर सुनी होगी। क्या आप जानते हैं ये कहां से आई, इसके पीछे एक दिलचस्प घटना है, जिसका संबंध मिलजुल कर रहने, भेदभाव मिटाने और सबके भले की सीख देने वाले सामाजिक समरसता के महान संत शिरोमणी श्री रविदास जी महाराज से है। प्रति वर्ष माघ […]
श्रेणी: महत्वपूर्ण लेख
मुरली मनोहर श्रीवास्तव जब तक रामविलास पासवान थे, तब तक लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का अपना अलग वजूद था। वो अलग तरह की राजनीति करते थे। चाहे किसी की भी सरकार बने उनका मंत्री बनना तय था। ये बात अलग है कि बिहार की सियासत में भले ही उनका मुख्यमंत्री बनने का सपना अधूरा रह […]
बहू अर्पणा ने रामभक्तो के हत्यारे मुलायम,अखिलेश को कोसा भगवान राम में दिखाई आस्था / 11 लाख का दिया दान …. आचार्य श्री विष्णु गुप्त मुलायम सिंह यादव की बहू अर्पणा यादव ने अप्रत्यक्ष तौर पर खुलकर बोली कि भगवान श्रीराम के खिलाफ अपने परिवार की करतूतों के लिए वह किसी भी स्थिति में जिम्मेदार […]
अजय कुमार अपर्णा का राममंदिर निर्माण के लिए दान इसलिए भी चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि पहले समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और अब उनके पुत्र अखिलेश यादव ने तुष्टिकरण की सियासत के चलते कभी भी राम मंदिर निर्माण का पक्ष नहीं लिया था। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव […]
सुरेश हिंदुस्थानी लोकसभा चुनाव के बाद ही बंगाल में भाजपा की बढ़ती ताकत का अहसास हो गया था, वहीं ममता बनर्जी की तानाशाही प्रवृति का शिकार बनी तृणमूल कांग्रेस डूबता जहाज बनने की ओर अग्रसर होती दिखाई दे रही है। हालांकि यह कितना सही साबित होगा, यह अभी भविष्य के गर्भ में है। कभी वामपंथी […]
जब आंदोलनकारी आन्दोलनजीवी बन जाये तो शासन क्या करें? राष्ट्रीय व सामाजिक व्यवस्थाएं ठप्प होती रहें। नागरिकों के मौलिक व संविधानिक अधिकारों का हनन होता रहे। दैनिक दिनचर्याओं को बाधक बना दिया जाता रहे।फिर भी शासन-प्रशासन उदासीन बना रहे,क्यों?आज जब राष्ट्र में अराजकता का भीषण वातावरण बनाने के लिए भारतविरोधी तत्वों का दुःसाहस चरम पर […]
सरकार द्वारा इंटरनेट के जरिये अफवाहों और भ्रामक तथा भड़काऊ खबरों का प्रसार रोकने के लिए इंटरनेट शटडाउन किया जाता है लेकिन इससे लोगों की जिंदगी थम-सी जाती है क्योंकि रोजमर्रा की जिंदगी को चलाए रखने से जुड़ा हर कार्य अब इंटरनेट पर निर्भर जो हो गया है। 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा […]
आज हमारे देश का इतिहास करवट ले रहा है और कुछ सीमा तक उसे करवट दिलवाई भी जा रही है। हमारे ऐसा कहने का अभिप्राय है कि जब हम विश्व नेतृत्व की स्थिति में आते जा रहे हैं और विश्व को कोरोना वैक्सीन देने सहित कई क्षेत्रों में मार्गदर्शन दे रहे हैं तब हम कह […]
-अरुण लवानिया बामसेफियों और 22 प्रतिज्ञाओं वाले अंबेडकरवादियों की छटपटाहट मोदी के सत्तासीन होने के बाद और ही बढ़ गयी है।जितने भी ईश्वरवादी संत हैं उन्हें एक-एक कर नास्तिक, हिंदू द्रोही, डा. अंबेडकर के विचारों और बुध्द के समीप या बौध्द साबित करने का कुचक्र भी जोर-शोर से चल रहा है। बामसेफियों की प्रचार सामग्रियों, […]
हमने मैदानों का परिवेश तो बिगाड़ा ही, अब पहाड़ों पर भी विनाश करने को तत्पर है। पहाड़ों पर न केवल बसने को लालायिक है बल्कि वहां उद्योग लगा रहे हैं, होटल व्यवसाय पनपा रहे हैं। इसका असर पहाड़ों पर साफ तौर पर दिखने लगा है। मनुष्य इस दुनिया का एक हिस्सा है या उसका स्वामी […]