विष्णुगुप्त क्रांति काल और शांति काल की राजनीति में अंतर होता है। क्रांति काल की राजनीति की सीमाएं अराजक भी होती हैं, उफान वाली भी होती हैं, हिंयक भी होती हैं, सारी मान्यताओं और परमपराओं को तोड़ने वाली होती है जबकि शांति काल की राजनीति न तो अराजक होती है और न ही मान्यताओं और […]
श्रेणी: महत्वपूर्ण लेख
सुरेश हिन्दुस्थानी जहां तक भारतीय परिवेश और खानपान की बात है तो यह कहना भी जरूरी है कि कोरोना संक्रमण के दौरान यह बात सबके ध्यान में भी आ चुकी है कि हाथ मिलाने के स्थान पर नमस्ते करने से भी संक्रमण से बचा जा सकता है। कोरोना के प्रति शासन, प्रशासन और आम […]
राष्ट्रीय उपलब्धियों,समस्याओं और अन्य समाचारों का प्रसार व प्रचार करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में समाचार पत्रों व टीवी न्यूज चैनलों का वर्षो से विशेष योगदान बना हुआ है। उसी कड़ी में बढ़ते संचार संसाधनों के कारण ट्विटर,फेसबुक व व्हाट्सऐप आदि की जन जन तक पहुँच होने से बढ़ते संवादों ने सोशल मीडिया को […]
समय रहते अगर होश में नही आये तो फिर – कोई कुछ नही कर पायेगा। *–– मुसलमान भारत का इस्लामीकरण क्यों करना चाहते है –??–* जानिये — क्या सोचते हैं ये लोग…. पाकिस्तान मिलने के बाद मुसलमानों ने नारा दिया : *”हँस के लिया है पाकिस्तान, लड़ लेंगे हिन्दुस्तान”।* इसीलिए १९४७ से ही भारत […]
एक तरफ चुनावी मौसम विशेषज्ञ डूबते जहाज को छोड़ अपनी जीविका के अपने नए आश्रय की ओर कूच कर रहे हैं, लेकिन कुछ दल अभी भी अपनी विध्वंस और अराजक पृष्ठभूमि त्यागने को तैयार नहीं। नवंबर 28 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हैदराबाद में ओवैसी के गढ़ को भगवामय करने के अलावा […]
पूनम नेगी (लेखिका स्वतंत्र पत्रकार हैं।) कभी सोचा है कि क्यों रात को एक तय समय पर पलकें झपकने लगती हैं और सुबह एक तय समय पर खुद व खुद हमारी आंखें खुल जाती हैं। हम ही नहीं पशु-पक्षियों और वृक्ष-वनस्पतियों का जीवनक्रम भी एक सुनिश्चित प्राकृतिक लय के अनुरूप ही चलता है। यह […]
राकेश सैन राजनीतिक दल समस्या हल करने की बजाय बयानबाजी करके इसे और उलझाते जा रहे हैं। चूंकि पंजाब में लगभग एक साल बाद विधानसभा चुनावों का बिगुल बज जाना है, इसलिए कोई भी इस आंदोलन का लाभ लेने से पीछे हटने के लिए तैयार दिखाई नहीं दे रहा है। पिछले साल नागरिकता संशोधन […]
ललित गर्ग 25 नवम्बर, 1960, को राजनैतिक कार्यकर्ता डोमिनिकन शासक राफेल ट्रुजिलो (1930-1961) के आदेश पर तीन बहनों, पैट्रिया मर्सिडीज मिराबैल, मारिया अर्जेंटीना मिनेर्वा मिराबैल तथा एंटोनिया मारिया टेरेसा मिराबैल की 1960 में क्रूरता से हत्या कर दी थी। भारत ही नहीं, दुनियाभर की महिलाओं पर बढ़ती हिंसा, शोषण, असुरक्षा एवं उत्पीड़न की घटनाएं […]
घोटालेबाज़ गुपकार गैंग 1947 में जब से भारत स्वतंत्र हुआ है, तब से लेकर आज तक देश में घोटाले थमने का नाम ही नहीं ले रहे। जबकि देश में इतनी अधिक भ्रष्टाचार विरोधी एनजीओ बन चुके हैं, उसके बावजूद घोटाले होना सिद्ध करता है कि जिस तरह जनसेवा के नाम पर नेता और पार्टियां घोटालों […]
कोरोना वायरस महामारी इस सदी की सबसे बड़ी त्रासदी के रूप में पूरे विश्व पर आई है लेकिन आगे आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन के रूप में एक और महामारी पूरे विश्व को प्रभावित करने वाली है। जिस प्रकार भारत ने अभी तक कोरोना वायरस महामारी से नुक़सान को कम करने के सफल प्रयास […]