पूरे विश्व में ही यात्रा एवं माल ढोने के लिए रेल्वे एक कुशल साधन माना जाता है। कई देशों के आर्थिक विकास को गति देने का श्रेय वहां विकसित की गई दक्ष रेल्वे लाइनों के योगदान को भी दिया जाता है। विश्व के कई विकसित देशों, जैसे जापान, फ़्रान्स, कनाडा, सिंगापुर, चीन, अमेरिका आदि, के […]
श्रेणी: महत्वपूर्ण लेख
पूज्य भगवान श्रीराम हमें सदैव ही मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में दिखाई देते रहे हैं। पूरे विश्व में भारतीय नागरिकों को प्रभु श्रीराम के वंशज के रूप में जानने के कारण, आज पूरे विश्व में हर भारतीय की यही पहचान भी बन पड़ी है। लगभग हर भारतीय न केवल “वसुधैव कुटुंबकम”, अर्थात इस धरा पर […]
प्रहलाद सबनानी देश में ब्रिटिश राज के समय रेलवे को विकसित करने हेतु कुछ बुनियादी काम हुए और उन्होंने रेलवे को अपनी ज़रूरतों के हिसाब से देश के विभिन्न भागों में विकसित करने का काम किया। रेलवे के विकास की रफ़्तार न केवल ब्रिटिश राज के समय बल्कि आज़ादी के बाद भी काफ़ी धीमी […]
रामेश्वर प्रसाद सुशासन पर विचार करने से पूर्व इसके आधार और स्वरूप के विषय में भारतीय ज्ञानपरंपरा, राजनीति की परंपरा को तथा इतिहास के तथ्यों को जान लेना चाहिए। इसमें यह भी स्मरण रखना चाहिए कि विश्व में केवल भारत ही एकमात्र ऐसा राष्ट्र है, जहां प्राचीन काल से ही राजनीतिशास्त्र के अनेक […]
ललित गर्ग डीडीसी चुनावों में भाजपा के अच्छे प्रदर्शन के पीछे थी अनुराग ठाकुर की कुशल रणनीति इन चुनावों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर घाटी के लोगों ने यही साबित किया कि उनका भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पूरा भरोसा है, इस तरह का माहौल बनाने में अनुराग ठाकुर की भूमिका उल्लेखनीय रही है। वे […]
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा दुनिया बड़ी उम्मीदों के साथ साल 2021 का स्वागत कर रही है नया जो आता है वह अपने आप में अनेक संभावनाओं को लेकर आता है। वैक्सीन की उपलब्धता से आशा का संचार हुआ है तो आर्थिक गतिविधियां संचालित होने से अर्थव्यवस्था में सुधार की चहुंओर आशा व्यक्त की जा […]
(चीन एक बढ़ती और आक्रामक महाशक्ति भारत के लिए बड़ा रणनीतिक खतरा है और पाकिस्तान के साथ चीन के कंटेनर भारत की रणनीति के लिए खतरा है। इसे देखते हुए, भारत के लिए दो-मोर्चे के खतरे के लिए तैयार रहना समझदारी होगी। ) वर्ष 2020 तक चल रहे कोरोनावायरस महामारी के कारण कई मोर्चों पर […]
संसार को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने वाला भारत सबसे पहला और प्राचीन देश है । इसके उपरांत भी यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत की राजनीति आज भी कई प्रकार की विसंगतियों और जटिलताओं में जकड़ी हुई है । हम अभी भी संसार के सबसे बड़े लोकतंत्र तो हैं परंतु सबसे ‘परिपक्व लोकतंत्र’ अभी भी […]
हम आज ऐसी बातों पर लड़ रहे हेैं जो लड़ाई के मुद्दे हो ही नहीं सकते। वैचारिक लचीलेपन का दावा करने के बावजूद हम हर पचास सौ सालों में पैदा होने वाले पंथों के बीच ऐसी अभेद्य दीवारें खड़ी कर रहे हैें कि हजारों मील दूर विकसित धर्मों और पंथों के साथ संवाद करना […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत में आज किसकी आजादी में क्या कमी है ? जो भी जो चाहता है, वह बोलता और लिखता है। उसे रोकने वाला कौन है ? जो अखबार, पत्रकार और टीवी चैनल खुशामदी हैं, डरपोक हैं, कायर हैं, लालची हैं— वे अपना ईमान बेच रहे हैं। भारत के किसानों ने विपक्षी […]