रायसीना हिल्स पर बना राष्ट्रपति भवन गणतांत्रिक भारत के हर ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना है। आजादी से पूर्व इसे वायसरीगल हाउस के नाम से जाना जाता था। लेकिन 26 जनवरी 1950 को सुबह 10.15 बजे जब डा. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेकर गणतांत्रिक भारत के राजपथ पर कदम रखे […]
श्रेणी: महत्वपूर्ण लेख
स्वतंत्र प्रभुतासम्पन्न भारत के निर्माताओं में डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम उल्लेखनीय है। जो एक महान देशभक्त, शिक्षाविद, संसदविज्ञ, राजनेता, मानवतावादी और इन सबसे ऊपर राष्ट्रीय एकता और अखंडता के समर्थक थे। 6 जुलाई, 1901 को कलकत्ता में जन्मे श्यामा प्रसाद को विद्वत्ता, राष्ट्रीयता की भावना और निर्भयता अपने पिता श्री आशुतोष मुखर्जी से […]
मगन देव नारायण सिंह जनता दल (यू.) और भाजपा नेताओं के वाक्युद्ध से राजग अर्थात राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की दीवारें दरकने लगीं है। राजनीतिक विश्लेषकों को अब यह विश्वास हो गया है कि राजग के देदिप्यमान भवन के ध्वस्त होने में अब देर नहीं है। वैसे राजनीति के पंडितों का यह भी कहना है कि […]
विश्व में लगभग २०० देश हैं। सम्भवत: भारत ही अपवाद स्वरूप एक मात्र ऐसा देश है जहां कि बहुसंख्यकों (मूल निवासियों ) का जनसंख्या में प्रतिशत लगातार घटता रहता है। यह क्रम १८८१ ई. से निरन्तर जारी है जबसे जनगणना आरम्भ हुई थी। हर १० वर्ष में हिन्दू का प्रतिशत, एक प्रतिशत सरकारी आकंडों के […]
गाजियाबाद। सारा देश इस समय बिजली संकट से गुजर रहा है। उत्तर भारत में लू का प्रकोप ज्यों ज्यों बढ़ा त्यों त्यों बिजली की किल्लत लोगों को झेलनी पड़ी। दक्षिण भारत की स्थिति भी बिजली के विषय में ऐसी ही रही है। उत्तर भारत में गुजरे हुए माह में 3000 मेगावाट बिजली की कमी रही। […]
प्रिय मतदाताओ, उत्तर प्रदेश नगर निकायों के चुनाव चल रहे हैं। वैसे तो हर चुनाव ही हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है लेकिन इन चुनावों का तो और भी अधिक महत्व है। हम अपने सभासदों का या पार्षदों का नगरपालिका चेयरमैनों का या मेयरों का चुनाव कर रहे हैं। प्रदेश के बहुत से स्थानों पर […]
हिन्दुत्व को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी भारत की एक जीवन प्रणाली स्वीकार किया है। माननीय उच्च न्यायालय के अपने एक आदेश में पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि यह विचारधारा किसी प्रकार की साम्प्रदायिकता नहीं है, अपितु यह विचारधारा मानवतावादी रही है। महाराष्ट्र उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस एम.सी. छांगला ने […]
राष्ट्र के प्रति शुभचिंतन और शुद्घ चिंतन व्यक्ति को राष्ट्र के प्रति समर्पित करता है, और उसकी सोच को दलीय भावना से ऊपर सोचने के लिए प्रेरित करता है। यदि व्यक्ति शुद्घ और शुभचिंतन को अपने आचरण में नहीं लाता है तो राष्ट्र में उच्च चिंतन का पतन होने लगता है। यह कहना है उगता […]
यहां पर अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए महासभा के राष्ट्रीय स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने केन्द्र सरकार की विफल घरेलू और विदेश नीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मनमोहन सरकार देश के लिए मनतोडऩ सरकार साबित हुई है। इसने देश के नागरिकों को हर मोर्चे पर […]