नोएडा।आधार कार्ड आज हर भारतीय की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। इसके बगैर कई सरकारी सेवाओं और सुविधाओं से वंचित रहना पड़ सकता है। बहरहाल, फर्जी आधार कार्ड के कुछ केस भी सामने आए हैं। ऐसे में यह देख लेना सही है कि हमें जो Aadhaar Card जारी हुआ है या किसी शख्स […]
श्रेणी: आओ कुछ जाने
ऐतिहासिक और प्रमाणिक सत्य है कि पांचवी सदी में बने टिम्बकटू शहर से 15वीं-16वी सदी तक ऊँटों के काफिले सहारा रेगिस्तान हो कर सोना ढोया करते थे। आजतक के मानव इतिहास में सन 1280 से 1337 ई तक टिम्बकटू के राजा रहे #मनसा_मूसाकेता यानि सुल्तान मूसा केता को टाईम और फोर्ब्स मैगजीन्स ने अब तक […]
श्री कृष्ण जुगनू कीमियागरी यानी कौतुकी विद्या। इसी तरह से भारतीय मनीषियों की जो मौलिक देन है, वह रसायन विद्या रही है। हम आज केमेस्ट्री पढ़कर सूत्रों को ही याद करके द्रव्यादि बनाने के विषय को रसायन कहते हैं मगर भारतीयों ने इसका पूरा शास्त्र विकसित किया था। यह आदमी का कायाकल्प करने के काम […]
लेखक:- ओम प्रभात अग्रवाल सेवानिवृत्त अध्यक्ष, रसायन शास्त्र विभाग, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक (हरियाणा) भारत में रसायन शास्त्र की अति प्राचीन परंपरा रही है। पुरातन ग्रंथों में धातुओं, अयस्कों, उनकी खदानों, यौगिकों तथा मिश्र धातुओं की अद्भुत जानकारी उपलब्ध है। इन्हीं में रासायनिक क्रियाओं में प्रयुक्त होने वाले सैकड़ों उपकरणों के भी विवरण मिलते हैं। […]
समय द्वापर का था. बड़ी भीषण परिस्थितियां थीं. राज्याध्यक्ष उच्श्रृंखल हो चुके थे। प्रजा परेशान थी. न्याय माँगने वालों को काल कोठरी नसीब होती थी। अराजकता का बोल-बाला था. भोग-विलास का आलम छाया हुआ था। उस समय मथुरा का राज्य कंस के हाथों में था। वह भी निरंकुश व पाषाण ह्रदय नरेश था. वैसे तो […]
देश की सीमाओं को जानना अत्यावश्यक है । अपनी सीमाओं की वास्तविकता के विषय में जब हम जानेंगे तभी तो आने वाली पीढ़ी भी जानेगी कि हमारे देश की वास्तविक सीमाएं कहां से कहां तक है या अतीत में कहां से कहां तक रही हैं और यह क्रम तब तक चलता रहेगा जब तक कि […]
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भारत में भी पिछले माह नीति आयोग द्वारा ‘आरोग्य सेतु एप’ लांच किया गया था, जो उपयोगकर्ता को यह बताने में सहायक सिद्ध होता है कि उसके आसपास कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति तो नहीं है। आरोग्य सेतु एप पर कुछ विपक्षी दलों द्वारा लगातार उठाए जा रहे सवालों के […]
प्रकृति चौधरी बृहदेश्वर मंदिर इतना विशाल है कि तंजोर के किसी भी कोने से इसको आसानी से देखा जा सकता है, सबसे ज्यादा इस मंदिर के तेरह मंज़िले भवन सबको ही अपनी ओर आकर्षित करता है। हिन्दू अधि-स्थापनाओं में मंदिर की संख्या सम होती है मगर यहां ऐसा नही है। भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में […]
प्रकृति चौधरी बृहदेश्वर मंदिर इतना विशाल है कि तंजोर के किसी भी कोने से इसको आसानी से देखा जा सकता है, सबसे ज्यादा इस मंदिर के तेरह मंज़िले भवन सबको ही अपनी ओर आकर्षित करता है। हिन्दू अधि-स्थापनाओं में मंदिर की संख्या सम होती है मगर यहां ऐसा नही है। भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में […]
सुखदु:खयोश्च ग्रहणाच्छिन्नस्य च विरोहणात्| जीवं पश्यामि वृक्छाणामचैतन्यं न विघते|| शांति पर्व||10 मई 1901 को पूरी दुनिया के वनस्पति शास्त्री जीव वैज्ञानिक दांतो तले उंगलियां दबा लेते हैं जब प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु अपने द्वारा अविष्कार किए गए यंत्र क्रिस्कोग्राफ से वृक्षों में जीवन सिद्ध कर देते हैं | जगदीश चंद्र बोस के अनुसार […]