अंग्रेजी काल मे गुलामी व शोषण की एक श्रृंखला होती थी।अंग्रेजों के गुलाम देशी राजा और देशी राजाओं के गुलाम जागीरदार/सामंत।अंत मे सामंतों के गुलाम किसान-कामगार।शोषण की इस श्रृंखला में सबसे निचले पायदान वाला पिसता है क्योंकि ऊपर वाले सारे परजीवी बनकर मेहनतकशों की पूंजी लूटते है। 10मई 1914 को पटियाला में भैराराम सुंडा व […]
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(ऋषि निर्वाण दिवस) पावन पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं ! एवं क) संक्षिप्त जीवन-परिचय स्वामी दयानन्द सरस्वती का जन्म- नाम मूलशंकर था। उनका जन्म 12 फरवरी 1824 में टंकारा ( काठियावड़, मौरवी राज्य– गुजरात) में हुआ। उनके पिता श्रीकर्षणजी तिवाड़ी, शिवभक्त औदीच्य ब्राह्मण थे। सन् 1834 में मूलशंकर ने पिता के आदेश पर, शिवरात्रि का […]
*बंदे में था दम*!
लेखक आर्य सागर तिलपता ग्रेटर नोएडा 🖋️। 354 साल पहले आज ही के दिन 27 अक्टूबर 1670 को राजौरी जम्मू कश्मीर के एक साधारण क्षत्रिय परिवार में एक बालक का जन्म हुआ उस बालक की उम्र जब 15 वर्ष की हुई तो उसके हाथों एक गर्भवती हिरणी का शिकार हो गया पश्चाताप के कारण वह […]
(डॉ. रामसिया सिंह पटेल- विनायक फीचर्स) सरदार वल्लभ भाई पटेल कुशल राजनीतिज्ञ तो थे ही, उनमें अद्भुत प्रशासनिक पटुता भी थी। जुलाई 1947 से भारत की अन्तरिम सरकार मेें वे देशी राज्यों के मंत्री के रूप में कार्यरत रहे। स्वतंत्र भारत में सरदार पटेल ने भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री के रूप में अपनी सेवाएं […]
=========== ऋषि दयानन्द का सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इसके चौथे अध्याय में समावर्तन, विवाह तथा गृहाश्रम पर उपदेश प्रस्तुत किये गये हैं। जैसा उपदेश ऋषि दयानन्द जी ने सत्यार्थप्रकाश में प्रस्तुत किया है वैसा उनके समय व पूर्वकाल में अन्यत्र प्राप्त होना दुर्लभ था। इसका दिग्दर्शन कराने के लिये हम इस अध्याय से […]
स्वाधीन भारत के पहले गृहमंत्री और उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था। उन्होंने भारत के स्वाधीनता आंदोलन में बढ़ चढ़कर भाग लिया था। गांधी जी के आवाहन पर वह अपने विधि व्यवसाय को छोड़कर स्वाधीनता आंदोलन में सम्मिलित हुए थे। यद्यपि वह गांधी जी की कांग्रेस में अपने […]
144वीं जयंती पर उनको श्रद्धापूर्ण स्मरण* खूबसूरत पहाड़ों की शीतल हवाएँ,जहाँ तक नजरें जाएं मनमोहक वादियाँ, नदियों एवं झरनों के कल कल स्वर फिर भी मन व्यथित क्योंकि एक तरफ जहां भारत माँ गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी ब्रिटिश हुकूमत के से त्रस्त थी वहीं सामाजिक विषमता की व्याधि से ग्रस्त समाज निरंतर परिस्थितियों को […]
स्वतंत्रता सेनानी विरांगना दुर्गावती वोहरा साक्षात्कार के दौरान प्रश्नोत्तर पुन्यतिथि पर शत शत नमन भारत की आजादी के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना अंग्रेजो से लड़ने वालों में महिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का भी विशेष महत्व है। देश की आजादी की लड़ाई के लिए महिलाओं ने खुद को बलिदान कर दिया था। झांसी […]
आज हम वाल्मीकि जी की जयंती मना रहे हैं । जिन्हें संसार का आदि कवि कहा जाता है। इन्होंने रामायण जैसा पवित्र ग्रंथ लिखकर मानवता की अपूर्व सेवा की। कालांतर में जब हमारे देश में छुआछूत की बीमारी बढ़ी तो एक वर्ग विशेष को हमने अछूत मान लिया। यद्यपि उसे वर्ग के लोग भारतीय धर्म […]
आ सिंधु-सिंधु पर्यन्ता, यस्य भारत भूमिका l पितृभू-पुण्यभू भुश्चेव सा वै हिंदू रीति स्मृता ll इस श्लोक के अनुसार “भारत के वह सभी लोग हिंदू हैं जो इस देश को पितृभूमि-पुण्यभूमि मानते हैं” वीर दामोदर सावरकर के इस दर्शन को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का मूलाधार बनाकर संघ का संगठन, संस्थापना करने वाले डॉ. केशव […]