शांता कुमार विश्व इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं है, जहां किसी ने मोक्ष प्राप्त करने के लिए घर-बार छोड़ दिया और फिर उसी मोक्ष को मातृभूमि की सेवा के लिए छोड़ दिया। ऐसे त्यागी और तपस्वी स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिन पर हम सब यह संकल्प करें कि अपने जीवन में उनके आदर्शों […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
स्वामी विवेकानंद जी ने भारत को व भारतत्व को कितना आत्मसात कर लिया था यह कविवर रविन्द्रनाथ टैगोर के इस कथन से समझा जा सकता है जिसमें उन्होनें कहा था कि – यदि आप भारत को समझना चाहते हैं तो स्वामी विवेकानंद को संपूर्णत: पढ़ लीजिये. नोबेल से सम्मानित फ्रांसीसी लेखक रोमां रोलां ने स्वामी […]
दीपावली के अवसर पर महर्षि दयानंद को निर्वाण मिला था। अत: इस पावन पर्व पर महर्षि दयानंद का स्मरण हो आना स्वाभाविक है। उनका भारतीय स्वातन्त्र्य संग्राम में अनुपम और अद्वितीय योगदान था। भारत में राष्ट्रवाद की अलख जगाने वाले महर्षि दयानंद के विषय में ‘भारतीय स्वातन्त्र्य संग्राम में आर्यसमाज का योगदान’ के विद्वान लेखक […]
ऋषि दयानन्द के जीवन एवं कार्यों का देश व विश्व में समुचित व यथार्थ मूल्यांकन नहीं हुआ है। इसका प्रमुख कारण लोगों की सत्य जानने के प्रति उपेक्षा, स्व-स्व मत-मतान्तरों के प्रति अनुचित आदर भाव और भौतिक सुखों की प्राप्ति आदि प्रमुख कारण प्रतीत होते हैं। यदि देश व विश्व के लोगों में सत्य के […]
सरदार भगत सिंह और उनके साथी सुखदेव और राजगुरू को लाहौर षडय़ंत्र केस में फांसी की सजा हुई थी। 1928 में लाला लाजपत राय जब लाहौर में साईमन कमीशन के विरोध में सडक़ों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन कर रहे थे, तो क्रांति के उस महानायक पर पुलिस कप्तान सांडर्स ने लाठियों से निर्मम प्रहार किया […]
ऋषि भक्त स्वामी सत्यपति जी महाराज ऋषि दयानन्द जी की वैदिक विचारधारा और पातंजल योग दर्शन के सफल साधक हैं। आपने दर्शन योग महाविद्यालय और वानप्रस्थ साधक आश्रम की रोजड़, गुजरात में स्थापना की है और अपने अनेक शिष्यों को दर्शनों का आचार्य बनाया है। दर्शन के अध्ययन सहित आपने उन्हें योगाभ्यास भी कराया है। […]
देश इस समय 1965 के भारत-पाक युद्घ की 50वीं वर्षगांठ मना रहा है। स्पष्ट है कि 1965 का जिक्र आये तो तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का पावन स्मरण भी लोगों को अवश्य ही आता है। यह वह व्यक्तित्व था जिसने 1962 के युद्घ में लज्जास्पद ढंग से पिटे एक राष्ट्र के ऊपर मात्र तीन […]
भगत सिंह को भारत के सभी विचारों वाले लोग बहुत श्रद्धा और सम्मान से याद करते हैं। वे उन्हें देश पर कुर्बान होने वाले एक जज़बाती हीरो और उनके बलिदान को याद करके उनके आगे विनत होते हैं। वे उन्हें देवत्व प्रदान कर तुष्ट हो जाते हैं और अपने कर्तव्य की इतिश्री मान लेते हैं। […]
महान विचारक पं. दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर 1916 को हुआ था। पण्डितजी के पिता का नाम पण्डित भगवती प्रसाद उपाध्याय था जो कि भारतीय संस्कृति और परम्परा का पालन करते थे। बालक दीना का जन्म मथुरा जनपद क नगलाचंद्रभान में हुआ था। उनकी मेधा बचपन से ही प्रबल थीं तथा उन्होनें हाईस्कूल,इंटर की […]
सुरेश हिंदुस्थानी भारत के महानायक नेताजी सुभाष चंद बोस की मौत (?) के रहस्य खुलने की कवायद शुरू हो गई है। तीन आयोगों की जांच में क्या परिणाम आया, इस बात को देश की जनता के समक्ष आना ही चाहिए। अभी हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष […]