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संपादकीय

गुजरात विधानसभा चुनाव : अब क्या करना चाहिए पीएम को?

वैसे तो हमारे देश में ऐसा कई बार हुआ है कि जब केंद्र में किसी पार्टी विशेष की सरकार होती है तो प्रदेश के लोग किसी दूसरी पार्टी को अपने यहां सरकार बनाने का जनादेश दे देते हैं। ऐसा हमने उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से देखा है, जब यहां पर सपा या बसपा की […]

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संपादकीय

जनसंख्या विस्फोट और भारत

भारत में बढ़ती जनसंख्या बहुत बड़े खतरे की घंटी है। स्वाधीनता प्राप्ति के पश्चात ही यदि इस दिशा में सरकारों की ओर से उचित कदम उठाए जाते तो आज देश में भुखमरी, बेरोजगारी, गरीबी जैसी समस्याओं से जूझने की स्थिति नहीं आती। निस्संदेह भारत ने स्वाधीनता प्राप्ति के पश्चात कई क्षेत्रों में आशातीत उन्नति की […]

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संपादकीय

जी – 20 का नया नेता भारत

जी -20 देशों के सम्मेलन का इंडोनेशिया के शहर बाली में समापन होने के साथ ही अब इस वैश्विक संगठन की अध्यक्षता भारत को सौंप दी गई है। अभी तक इसकी अध्यक्षता इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो कर रहे थे। रुस – यूक्रेन युद्ध के चलते विश्व की बदलती हुई परिस्थितियों पर इस सम्मेलन में […]

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संपादकीय

अल्पसंख्यक आयोग और भाजपा

भारत जटिलताओं में जकड़ा हुआ देश है। इसकी जटिलताओं को और भी अधिक जटिल बनाने में राजनीति का विशेष योगदान रहा है। राजनीतिक दल और उनके नेता इन जटिलताओं को खोलने और सुलझाने के स्थान पर उलझाने का काम करते आए हैं। 1947 में मिली स्वाधीनता के पश्चात होना तो यह चाहिए था कि इसकी […]

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संपादकीय

गुजरात चुनाव करेंगे देश की दिशा तय

गुजरात विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी गई है जिसके अनुसार पहले चरण में 1 दिसंबर को 89 सीटों पर मतदान होगा ,जबकि 5 दिसंबर को दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान होगा। इसके पश्चात 8 दिसंबर को मतगणना के पश्चात किस दल की नई सरकार बनेगी ? यह स्थिति स्पष्ट हो […]

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संपादकीय

नेहरू की विदेश नीति के मिथक को तोड़ते राजनाथ सिंह

विदेश नीति और रक्षा नीति का राजनीति में गहरा संबंध होता है। यह दोनों अन्योन्याश्रित होते हैं। इन दोनों को लेकर ही राजनीति में कूटनीति का खेल चलता है। जो देश कूटनीति के माध्यम से अपनी राजनीति को सही दिशा देने में सफल होता है वही अपनी विदेश नीति और रक्षा नीति को सबल बनाने […]

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इतिहास के पन्नों से संपादकीय

एआईएमआईएम के शौकत अली के कथन का सच : इस्लाम के आक्रमणकारी और भारत के वीर हिंदू राष्ट्र नायक

भारत वर्ष के इतिहास के प्रति हमारी अपनी नीरसता और उदासीनता का परिणाम यह है कि कोई भी व्यक्ति हमारे महान पूर्वजों के महान पुरुषार्थ और पराक्रम के विषय में कुछ भी कह जाने के लिए स्वतंत्र है। अपने इतिहास के प्रति बरती गई लापरवाही का परिणाम यह है कि हमें अपने ही पूर्वजों पर […]

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संपादकीय

रूस – यूक्रेन युद्ध और मानवता का भविष्य

युद्ध के विषय में यह आवश्यक नहीं कि यदि आप शक्ति संपन्न है तो विजय आपकी ही होगी। ऐसे अनेक युद्ध रहे हैं जब शक्ति संपन्न देश हार गए हैं और जिनको लोग दुर्बल मान रहे थे वह बलशाली होकर उभरे हैं। यदि शक्तिशाली ही जीतते तो धीरे-धीरे शक्ति संपन्न होता चला गया ब्रिटेन आज […]

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संपादकीय

योगी आदित्यनाथ के बाद अब जनसंख्या नियंत्रण पर मोहन भागवत भी हुए मुखर

  गाजियाबाद ( डॉ राकेश कुमार आर्य ) हमारे देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक स्पष्ट और ठोस नीति की चिरकाल से आवश्यकता अनुभव की जा रही है। जनसांख्यिकीय आंकड़ों को गड़बड़ाने के लिए जिस प्रकार मुस्लिम समुदाय बच्चे पैदा करता जा रहा है उसके दृष्टिगत कुछ हिंदूवादी संगठनों और राष्ट्रवादी लोगों को इस […]

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आज का चिंतन संपादकीय

वैदिक संस्कृति की महानता

डॉ0 राकेश कुमार आर्य हम यज्ञादि पर उद्घोष लगाया करते हैं कि-‘प्राणियों में सदभावना हो’ और-‘विश्व का कल्याण हो’-इनका अर्थ तभी सार्थक हो सकता है जब हम अपनी नेक कमाई में से अन्य प्राणियों के लिए भी कुछ निकालें और उसे हमारे पूर्वज वैद्य हम लोगों से कितने सुंदर और उत्तम ढंग से निकलवा लेते […]

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