अवधेश कुमार हमारे देश में कुछ महापुरुषों के नाम और चित्र लेकर कैसे लोगों को भ्रमित किया जा सकता है इसका सबसे बड़ा उदाहरण डॉ. बाबा साहब भीमराव आंबेडकर हैं। इन दिनों नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए का विरोध करने वाले उनकी तस्वीरें लहाराते देखे जा रहे हैं। वहीं कुछ समय से अनेक दलित और […]
श्रेणी: भारतीय संस्कृति
ओ३म् =========== वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून साधना उपासना सहित वृहद वेद पारायण यज्ञों का केन्द्र है। यहां पर योग शिविर एवं युवक-युवति शिविर लगाकर वेद प्रचार किया जाता है। वर्ष में दो बार मई एवं अक्टूबर माह में पांच दिवसीय वार्षिकोत्सव होता है जिसमें देश भर से लोग श्रद्धापूर्वक सम्मिलित होते हैं और यहां […]
ओ३म् ============ ऋषि दयानन्द जन्मभूमि न्यास, टंकारा-गुजरात में आयोजित ऋषि बोधोत्सव पर्व के प्रथम दिन दिनांक 20-2-2020 को प्रातः 8.30 बजे से न्यास की यज्ञशाला में सामवेद पारायण यज्ञ को जारी रखा गया। यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य रामदेव जी थे तथा यज्ञ में मंत्रोच्चार टंकारा गुरुकुल के ब्रह्मचारियों ने किया। यज्ञवेदि पर न्यास के सहयोगी […]
गतांक से आगे… चिनियों के आदि पुरुष के विषय में प्रसिद्ध चीनी विद्वान् यांगत्साई ने सन् 1558 में एक ग्रंथ लिखा था। इस ग्रंथ को सन् 1776 में हूया नामी विद्वान् ने फिर सम्पादित किया।इस उसी पुस्तक का पादरी क्लार्क ने अनुवाद किया है।उसमें लिखा है कि ‘अत्यंत प्राचीन काल के मो०लो० ची० राज्य का […]
प्रस्तुति : ज्ञान प्रकाश वैदिक ***** वेद के इस मन्त्र में राम शब्द आया है। भद्रो भद्रया सचमान आगात्स्वसारं जारो अभ्येति पश्चात्। सुप्रकेतैर्द्युभिरग्निर्वितिष्ठन् रुशद्भिर्वर्णैरभि रामस्थात्।। 【सामवेद उत्तरार्चिक १२/५/३ (१५४८) ऋग्वेद १०/३/३] यहां ‘राम’ शब्द आया है। सायणाचार्य इसका अर्थ कहते हैं, ‘रामकृष्ण शार्वरतमः’ अर्थात राम कहते हैं रात के काले अंधेरे को। इससे मालूम होता […]
आर्य समाज के संस्थापक एवं युग प्रवर्तक, सत्य एवं धर्म के पोषक, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम उद्घोषक, क्रांति दूत,धर्म संस्कृति के पुरोधा,शास्त्रार्थ महारथी, वेद मर्मज्ञ महर्षि दयानंद सरस्वती का नाम मानव इतिहास में सदैव अमर है। जिस समय महर्षि का जन्म हुआ उस काल में भारत वर्ष में पूर्णरूपेण अविद्या, अज्ञान का अंधेरा था। […]
पूजनीय प्रभु हमारे – – – – -अध्याय 5 प्रकृति चलायमान है,संसार परिवर्तनशील है। यहां हर पल परिवर्तन हो रहा है। जीव का आश्रय यह परिवर्तनशील संसार नहीं हो सकता। पर इसके उपरांत भी उसे इसी संसार में आना पड़ता है,कर्मभोग भोगने के लिए। इस जीव का साथी तो नित्य प्रभो है,उस साथी से मिलने […]
ओ३म् ========== ईश्वरीय ज्ञान वेद में मनुष्यों को अग्निहोत्र यज्ञ करने की आज्ञा है। अग्निहोत्र यज्ञ में गोघृत व चार प्रकार के पदार्थों की आहुतियां यज्ञ में दी जाती हैं। यह चार पदार्थ गोघृत के अतिरिक्त सोमलता, गिलोय, गुग्गल, सूखे फल नारीयल, बादाम, काजू, छुआरे आदि ओषधियां, मिष्ट पदार्थ शक्कर तथा सुगन्धित द्रव्य केसर, कस्तूरी […]
संसार में किसी भी व्यक्ति से पूछा जाए कि एक और एक मिलकर कितने होते हैं ? उत्तर आएगा कि दो होते हैं। कई लोग इसे ग्यारह भी बताते हैं। उनके ग्यारह बताने का भी विशेष अर्थ है। परंतु वैदिक गृहस्थाश्रम का गणित एक और एक के मिलन को न तो दो कहता है और […]
” तोड़ के पिंजरा जाने कब उड़ जाऊँगी मैं लाख बिछा दो बंदिशे फिर भी आसमान मैं जगह बनाऊंगी मैं हाँ गर्व है मुझे मैं नारी हूँ भले ही रूढ़िवादी जंजीरों सेबांधे है दुनिया ने पैर मेरे फिर भी इसे तोड़ जाऊँगी मैं किसी से कम नहीं सारी दुनिया को दिखाऊंगी जो हालत से हारे […]