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भारतीय संस्कृति

क्या महर्षि मनु जातिवाद के पोषक थे?

मनुस्मृति जो सृष्टि में नीति और धर्म (कानून) का निर्धारण करने वाला सबसे पहला ग्रंथ माना गया है उस को घोर जाति प्रथा को बढ़ावा देने वाला भी बताया जा रहा है। आज स्थिति यह है कि मनुस्मृति वैदिक संस्कृति की सबसे अधिक विवादित पुस्तक बना दी गई है | पूरा का पूरा दलित आन्दोलन […]

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वैदिक संस्कृति में यज्ञोपवीत का महत्व

◼️ यज्ञोपवीत का महत्व ◼️ ✍🏻 लेखक – डॉ. भवानीलाल भारतीय प्रत्येक जाति में शरीर , मन , बुद्धि और आत्मा की शुद्धि तथा विकास के लिये विभिन्न प्रकार के संस्कारों का विधान किया जाता है । संसार की सर्व प्राचीन और सर्वाधिक सभ्य एवं सुसंस्कृत आर्य जाति ने भी अपने प्रत्येक सदस्य के लिये […]

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ऋषि चरक और चरक संहिता

चरक संहिता उगता भारत ब्यूरो आयुर्वेद का एक मूल ग्रन्थ है। यह प्रसिद्ध ग्रंथ संस्कृत भाषा में है, जिसके रचयिता आचार्य चरक थे। यह आयुर्वेद के सिद्धांत का पूर्ण ग्रंथ है। ‘चरक संहिता’ में व्याधियों के उपचार तो बताए ही गए हैं, प्रसंगवश स्थान-स्थान पर दर्शन और अर्थशास्त्र के विषयों के भी उल्लेख है। रचनाकाल […]

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वेदों का सामगान

वेदों में वाण, वीणा और कर्करि इत्यादि तंतु वाद्यों का उल्लेख मिलता है। अवनद्ध वाद्यों में दुदुंभि, गर्गर इत्यादि का, घनवाद्यों में आघाट या आघाटि और सुषिर वाद्यों में बाकुर, नाडी, तूणव, शंख इत्यादि का उल्लेख है। यजुर्वेद में 30वें कांड के 19वें और 20वें मंत्र में कई वाद्य बजानेवालों का उल्लेख है जिससे प्रतीत […]

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विलक्षण हैं भारतीय वाद्ययंत्र

लेखिका- पूनम नेगी सनातन हिंदू दर्शन में सृष्टि की उत्पत्ति नाद से मानी जाती है। हमारे यहां इस नाद को ब्रह्म की संज्ञा दी गयी है। भारतीय ऋषियों की मान्यता है कि समूचे विश्व ब्रह्माण्ड में अनहद नाद (ओम् की ध्वनि) सतत गूंजता रहता है। इस तथ्य को अब नासा ने भी स्वीकार कर लिया […]

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“वेदों का यथार्थ ज्ञान वेदांगों के अध्ययन से ही सम्भव”

ओ३म् ========== वेद ईश्वरीय ज्ञान है और सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। सभी विद्याओं का विस्तार वेदों के आधार व ज्ञान से ही सम्भव हो सका है। वेद सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा से उत्पन्न हुए। परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में अमैथुनी सृष्टि की थी। इस अमैथुनी सृष्टि में सभी स्त्री व पुरुष […]

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वेदों की देन है सत्य और अहिंसा का सिद्धान्त

ओ३म् ======== आजकल सत्य और अहिंसा की बात बहुत की जाती है। वस्तुतः सत्य और अहिंसा क्या है और इनका उद्गम स्थल कहां हैं? इसका उत्तर है कि इन शब्दों का उद्गम स्थल वेद और समस्त वैदिक साहित्य है। वेद वह ग्रन्थ हैं जो सृष्टि की आदि में ईश्वर से मनुष्यों को प्राप्त हुए थे। […]

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संतान को संस्कार देने के प्रति सजग रहें माता पिता

माता-पिता बच्चों के लालन-पालन में अनेक प्रकार के कष्ट उठाते हैं। यदि बच्चा अस्वस्थ या बीमार पड़ जाता है , तो माता – पिता ईश्वर की प्रार्थना करते हुए रातों को जागते हैं और अस्पताल में डाक्टरों या हकीमों का चक्कर लगा – लगा कर थक जाते हैं , तब कहीं जाकर बच्चे को स्वस्थ […]

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भारतीय संस्कृति

वैदिक धर्म की सार्वभौमिकता

वैदिक धर्म की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि या विश्व का प्रथम धर्म होने के साथ केवल मनुष्यों की नहीं बल्कि प्राणी मात्र के कल्याण कामना चाहता है , वेद और गीता इस बात की पुष्टि करते है , उदहारण के लिए , शं नो अस्तु द्विपदे शं चतुष्पदे ” यजुर्वेद 36:8 दो पैर […]

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इतिहास के पन्नों से भारतीय संस्कृति

महर्षि मनु, मनु स्मृति और भारत में जातिवादी व्यवस्था

क्या महर्षि मनु जातिवाद के पोषक थे? मनुस्मृति जो सृष्टि में नीति और धर्म (कानून) का निर्धारण करने वाला सबसे पहला ग्रंथ माना गया है उस को घोर जाति प्रथा को बढ़ावा देने वाला भी बताया जा रहा है। आज स्थिति यह है कि मनुस्मृति वैदिक संस्कृति की सबसे अधिक विवादित पुस्तक बना दी गई […]

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