* डाo डी० के० गर्ग की कलम✒️✒️ से.. भाग 1 कुबेर को लेकर अनेको प्रकार के विश्वास और मुहावरे समाज मे प्रचलित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कुबेर नामक एक देवता भी है जिनकी पूजा से खजाना मिलता है ,गरीबी दूर होती है।इसलिए जरुरी है की कुबेर के विषय में वास्तविकता सामने लाकर अंधविश्वास / […]
श्रेणी: आज का चिंतन
कन्हैया लाल आर्य, उपप्रधान आत्मशुद्धि आश्रम बहादुरगढ़ संस्कृत साहित्य के एक उज्ज्वल रत्न थे आचार्य भवभूति जी। इन्होंने एक उत्तम पुस्तक की रचना की है जिसका नाम है ‘उत्तर राम चरितम्’। इस पुस्तक में भवभूति जी ने भगवान राम का उस समय का वर्णन किया है जब उनकी धर्मपत्नी सीता जी का अपहरण हो जाता […]
Dr D K Garg हिंदू धर्म में ईश्वर को सर्वव्यापी मानते हैं लेकिन इस मान्यता के विपरीत ईश्वर को अलग अलग रूपों में भी माना लिया और सत्य सिद्ध करने के लिया कहानी व्यहु की रचना भी कर दी , इस कारण हिंदु धर्म की मान्यताओं पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वावाभिक हैं। दुखद पहलू ये […]
========== यज्ञ सर्वश्रेष्ठ कार्य वा कर्म को कहते हैं। आजकल यज्ञ शब्द अग्निहोत्र, हवन वा देवयज्ञ के लिए रूढ़ हो गया है। अतः पहले अग्निहोत्र वा देवयज्ञ पर विचार करते हैं। अग्निहोत्र में प्रयुक्त अग्नि शब्द सर्वज्ञात है। होत्र वह प्रक्रिया है जिसमंत अग्नि में आहुत किये जाने वाले चार प्रकार के द्रव्यों की आहुतियां […]
========= आर्यसमाज धामावाला-देहरादून के आज दिनांक 6-8-2023 को रविवारीय सत्संग में यज्ञ, भजन एवं वैदिक विद्वान डा. सत्यदेव निगमालंकार जी का व्याख्यान हुआ। यज्ञ आर्यसमाज के विद्वान पुरोहित पं. विद्यापति शास्त्री जी के पौरोहित्य में सम्पन्न हुआ। यज्ञ के बाद स्वामी श्रद्धानन्द बाल वनिता आश्रम के एक बालक ने कविता पाठ किया। एक कन्या का […]
* डॉ डी के गर्ग पौराणिक मान्यता : उनके 24 अवतार अब तक पृथ्वी पर अवतरित हो चुके हैं। इन 24 अवतार में से 10 अवतार विष्णु जी के मुख्य अवतार माने जाते हैं। यह है मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, वराह अवतार, नृसिंह अवतार, वामन अवतार, परशुराम अवतार, राम अवतार. कृष्ण अवतार, बुद्ध अवतार, कल्कि […]
* डॉ डी के गर्ग पौराणिक मान्यता : उनके 24 अवतार अब तक पृथ्वी पर अवतरित हो चुके हैं। इन 24 अवतार में से 10 अवतार विष्णु जी के मुख्य अवतार माने जाते हैं। यह है मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, वराह अवतार, नृसिंह अवतार, वामन अवतार, परशुराम अवतार, राम अवतार. कृष्ण अवतार, बुद्ध अवतार, कल्कि […]
– आचार्य राहुलदेवः महर्षि दयानन्द सन् १८५५ ई. में विद्या ग्रहण की उत्कण्ठा से मूर्धन्य सन्यासी, वीतराग शिरोमणि, स्वनाम धन्य स्वामी पूर्णानन्द से मिले थे। स्वामी पूर्णानन्द ने कहा कि इस समय हम अति वृद्ध होने से तुम्हें पढ़ाने में असमर्थ हैं और हमने मौन धारण कर लिया है। किन्तु मेरा शिष्य दण्डी विरजानन्द जो […]
* Dr D K Garg भाग-१ PLZ share हिन्दू धर्म की अधिकांश मान्यताएं,कथाएं शाप और वरदान से भरी हुई है। महाभारत ,रामायण और किसी भी अन्य देवता जैसे गंगा ,यमुना ,शिव ,गणेश,ब्रह्म ,विष्णु ऐसे हजारों कथानक पौराणिक ग्रंथों में और पुराणों में भरे पड़ें है की किसी ऋषि ने क्रोध में आकर श्राप दिया उसको […]
========== यज्ञ सर्वश्रेष्ठ कार्य वा कर्म को कहते हैं। आजकल यज्ञ शब्द अग्निहोत्र, हवन वा देवयज्ञ के लिए रूढ़ हो गया है। अतः पहले अग्निहोत्र वा देवयज्ञ पर विचार करते हैं। अग्निहोत्र में प्रयुक्त अग्नि शब्द सर्वज्ञात है। होत्र वह प्रक्रिया है जिसमंत अग्नि में आहुत किये जाने वाले चार प्रकार के द्रव्यों की आहुतियां […]