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पुस्तक समीक्षा

पुस्तक समीक्षा :    ‘वेदना का चक्रव्यू तथा अन्य कहानियां’

‘वेदना का चक्रव्यूह तथा अन्य कहानियां’- पुस्तक प्रो0 रूप देवगुण जी द्वारा लिखी गई है। इस पुस्तक के विषय में डॉ इंदु बाली का कहना है कि प्रोफेसर देवगुण की कहानियों में नए और पुराने मूल्यों की संधि है ,विघटन नहीं। मानवीय मूल्य और भारतीय संस्कृति के प्रति पूर्ण आस्था, पितृभक्ति, संबंधों की गरिमा , […]

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ईशादि नौ उपनिषद (काव्यानुवाद) : प्रश्नोपनिषद के बारे में

प्रश्नोपनिषद कुछ प्रश्नों को लेकर बनाया गया उपनिषद है। डॉक्टर मृदुला कीर्ति इसके शांति पाठ की व्याख्या करते हुए लिखती हैं:- हे देवगण! कल्याणमय हम वचन कानों से सुनें, कल्याण ही नेत्रों से देखें सुदृढ़ अंग बली बनें। आराधना स्तुति प्रभु की हम सदा करते रहें , मम आयु देवों के काम आए हम नमन […]

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पुस्तक समीक्षा : ईशादि नौ उपनिषद (काव्यानुवाद) ( कठोपनिषद पर डॉ मृदुल कीर्ति का काव्यानुवाद )

कठोपनिषद का शान्तिपाठ है :- ॐ सह नाववतु।सह नौ भुनक्तु।सह वीर्यं करवावहै।तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै॥ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥ इसकी पद्यात्मक शैली में व्याख्या करते हुए डॉक्टर मृदुला कीर्ति कहती हैं :- रक्षा करो पोषण करो गुरु शिष्य की प्रभु आप ही , ज्ञातव्य ज्ञान हो तेज में शक्ति मिले अतिशय मही । न हो  पराजित हम […]

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“महत्वपूर्ण पुस्तक विश्व की वैदिक चेतना”

ओ३म् ========== हितकारी प्रकाशन समिति, हिण्डौन सिटी की ओर से समय-समय से महत्वपूर्ण वैदिक साहित्य का प्रकाशन किया जाता रहता है। ऐसा ही एक प्रकाशन ‘‘विश्व की वैदिक चेतना” है। इस पुस्तक के लेखक श्री नवकान्त शर्मा, ग्वालियर हैं। पुस्तक के लिए प्रकाशक महोदय से उनके पते ‘हितकारी प्रकाशन समिति, ब्यानिया पाड़ा, द्वारा-‘अभ्युदय’ भवन, अग्रसेन […]

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पुस्तक समीक्षा :   मैं कृष्ण सखी

‘मैं कृष्ण सखी’ नामक पुस्तक श्रीमती नीलिमा गुप्ता द्वारा लिखी गई है। इसमें महाभारत की एक प्रमुख पात्र रही द्रौपदी की व्यथा कथा को विदुषी लेखिका ने बहुत ही सहज – सरल भाषा के शब्दों की माला में गूँथने का सफल प्रयास किया है। कहानी और उपन्यासात्मक शैली में लिखी गई इस पुस्तक के संवादों […]

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पुस्तक समीक्षा :  ‘भावों की उर्मियां’ ( कुंडलियां संग्रह )

‘भावों की उर्मियां’ ( कुंडलियां संग्रह ) –  की लेखिका श्रीमती शकुंतला अग्रवाल ‘शकुन’ हैं। जब मनुष्य का आध्यात्मिक जागरण होता है तो उसे ‘कुंडली जागरण’ भी कहा जाता है। ‘कुंडली जागरण’ का अर्थ है बड़ी आध्यात्मिक साधना के पश्चात एक ऐसे विशाल क्षेत्र के दर्शन हो जाना जिसमें आत्मा को आनंद के साथ उड़ान […]

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“आर्यसमाज के भजनों की महत्वपूर्ण पुस्तक त्रिवेंणी भजन सरिता”

ओ३म् ========== आर्यसमाज के भजनों की एक महत्वपूर्ण पुस्तक ‘त्रिवेंणी भजन सरिता’ ‘हितकारी प्रकाशन समिति, हिण्डौन सिटी-322230 (राजस्थान)’ से प्रकाशित की गई है। डेमी आकार में 56 पृष्ठों की इस पुस्तक का मूल्य 20.00 रुपये है। पुस्तक की प्राप्ति के लिये श्री प्रभाकरदेव आर्य, हितकारी प्रकाशन समिति, ब्यानिया पाड़ा, द्वारा-‘अभ्युदय’ भवन, अग्रसेन कन्या महाविद्यालय मार्ग, […]

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पुस्तक समीक्षा :  ‘एक चादर कोहरे की’

डॉ सुदेश बत्रा जी हिंदी साहित्य की एक सशक्त हस्ताक्षर हैं। विभिन्न विधाओं में लिखकर उन्होंने हिंदी साहित्य की अप्रतिम सेवा की है। प्रस्तुत पुस्तक ‘एक चादर कोहरे की’ भी उनकी एक अद्भुत कृति है । जिसमें उन्होंने कहानियों के माध्यम से समाज के लिए अपना गहरा संदेश देने का प्रयास किया है।   कोई […]

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पुस्तक समीक्षा : ‘अलविदा’

अलविदा : लेखिका-करुणा श्री, प्रकाशक-दीपज्योति ग्रुप ऑफ पब्लिकेशन्स, मूल्य-250/-रू. समीक्षक-सुमतिकुमार जैन, प्र. सं.-जगमग दीपज्योति (मा.) पत्रिका, महावीर मार्ग, अलवर  (राज.) 301001 कथा तथा उपन्यास सम्राट प्रेमचन्द ने एक जगह लिखा है-”उपन्यास मानव चरित्र का चित्र है, मानव चरित्र पर प्रकाश डालना और उसके रहस्यों को खोलना ही उपन्यास का मूल तत्त्व है।ÓÓ उन्होंने यह भी […]

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“महत्वपूर्ण पुस्तक ‘आर्य सिद्धान्त विमर्श’ का नवीन संस्करण उपलब्ध”

ओ३म् ======== आर्यसमाज चार वेदों को ईश्वरीय ज्ञान मानता है और इसके प्रचार के लिए वेदभाष्य, ऋषिप्रणीत ग्रन्थ दर्शन, उपनिषद्, मनुस्मृति, ब्राह्मण ग्रन्थ, रामायण, महाभारत सहित ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका आदि ग्रन्थों एवं इतर वेदानकूल ग्रन्थों का प्रचार करता है जो ऋषि दयानन्द से पूर्व व उनके अनुयायी विद्वानों ने समय-समय पर लिखे व […]

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