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महत्वपूर्ण लेख

प्रीतिः मंजरीषु इव

प्रीतिः मंजरीषु इव वसंत आया है। वैसे ही आया है, जैसे प्रतिवर्ष आता है – प्रत्येक हृदय को सुमन सम प्रफुल्लित करता हुआ, आशाओं को पत्र इव पल्लवित करता हुआ! मन मधुप हुये जा रहे हैं तथा सुधियों की अमराइयों में कोकिलों की तान उठ रही है। जिनकी काया निरी ठूँठ होकर रह गयी थी, […]

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इतिहास के पन्नों से

बौद्ध पंथ = सनातन समाज के विध्वंश की साजिश* पार्ट-9

क्या महात्मा गौतम बौद्ध नास्तिक थे? Note -यह आलेख महात्मा बुद्ध के प्रारम्भिक उपदेशों पर आधारित है। ।और विभिन्न विद्वानों के विचार उपरांत है।ये कुल 9 भाग में है। इसको पढ़कर वे पाठक विस्मय का अनुभव कर सकते हैं जिन्होंने केवल परवर्ती बौद्ध मतानुयायी लेखकों की रचनाओं पर आधारित बौद्ध मत के विवरण को पढ़ा […]

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आज का चिंतन

नफ़रत और अंधविश्वास का जन्म कुरान से हुआ है

नफ़रत और अंधविश्वास का जन्म कुरान से हुआ है मुसलमानों का मानना है कि कुरान लेकिन अल्लाह ने आसमान से भेजी थी , लेकिन यह ऐसी किताब है जिसके आते ही सम्पूर्ण मानव जाति दो भागों में विभाजित हो गई एक तरफ ईमान वाले यानि मुसलमान और दूसरी तरफ गैर मुस्लिम , जिनको कुरान ने […]

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भारतीय संस्कृति

सहचर- सखी – सखाओं और भक्तों ने बनाया रामसखा सम्प्रदाय

डॉ. राधे श्याम द्विवेदी ए सब सखा सुनहु मुनि मेरे। भए समर सागर कहँ बेरे।। मम हित लागि जन्म इन्ह हारे। भरतहु ते मोहि अधिक पिआरे।। (राम चरित मानस) अपने सहचर सखी सखाओं और भक्तों की प्रशंसा करते हुए श्रीरामजी गुरुदेव वशिष्ठजी से उक्त बचन कहे थे। धर्म ग्रंथ भक्तमाल के बीसवें छ्न्द में कवि […]

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इतिहास के पन्नों से

सम्राट मिहिर भोज और राजा भोज दोनों ही थे महान गुर्जर शासक

उगता भारत ब्यूरो आज गुर्जर वंश के प्रबल प्रतापी राजा भोज की जयंती है। देश के लोग अपने स्वर्णिम इतिहास के इस वीर सपूत को पूरे गौरव के साथ याद कर रहे हैं। लोग जब गुर्जर शासकों की बात करते हैं तो सम्राट मिहिर भोज और राजा भोज के नामों में समरूपता होने के कारण […]

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उगता भारत न्यूज़

राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन बन अब अमृत उद्यान

उगता भारत ब्यूरो नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शनिवार को नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन स्थित मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया। भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘अमृत महोत्सव’ की थीम को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार ने मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान […]

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इतिहास के पन्नों से

संविधान निर्माण के समय उभरी असहमतियां भी हैं याद रखने लायक

उमेश चतुर्वेदी संविधान को लागू हुए आज 72 साल हो गए। इन बहत्तर सालों में देश ने कई सारी उपलब्धियां हासिल की हैं, वैश्विक स्तर पर अपनी धाक जमाई है। सबसे बड़ी बात यह कि समान और वयस्क मतदान अधिकार के जरिए देश ने लोकतंत्र का जो बिरवा रोपा, वह अब लोकतांत्रिक इतिहास का वटवृक्ष […]

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इतिहास के पन्नों से

मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा अध्याय – 7 ( ख ) कठिनाइयों का दौर और राणा अजय सिंह

कठिनाइयों का दौर और राणा अजय सिंह हम यहां पर यह भी स्पष्ट करना चाहेंगे कि कैलवाड़ा अरावली पर्वत पर बसा हुआ एक नगर है। इस नगर में राणा अजय सिंह अपने दुर्दिनों के उस दौर को काट रहा था। वह उस समय किसी से भी किसी प्रकार की शत्रुता मोल लेने की स्थिति में […]

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राजनीति

पार्टी के नेताओं का सार्वजनिक दिया गया बयान निजी कैसे हो सकता है ?

अशोक भाटिया गांधी परिवार के सबसे करीबी समझे जाने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह बेबाक हैं लेकिन उनकी यही बेबाकी अक्सर पार्टी को संकट में भी डाल देती है। जम्मू-कश्मीर में राहुल गांधी की यात्रा में शामिल हुए दिग्विजय सिंह ने सोमवार को भी ऐसा विवादास्पद बयान दे डाला, परन्तु राहुल गांधी ने […]

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इतिहास के पन्नों से

गौतम बुद्ध और बौद्ध धर्म =एक विस्तृत अध्ययन* पार्ट 8

Dr DK Garg Note -यह आलेख महात्मा बुद्ध के प्रारम्भिक उपदेशों पर आधारित है। ।और विभिन्न विद्वानों के विचार उपरांत है। ये 9 भाग में है। इसको पढ़कर वे पाठक विस्मय का अनुभव कर सकते हैं जिन्होंने केवल परवर्ती बौद्ध मतानुयायी लेखकों की रचनाओं पर आधारित बौद्ध मत के विवरण को पढ़ा है । कृपया […]

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