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आतंकवाद उगता भारत न्यूज़

किसान नेता लाल किले पर मौजूद थे, जिनके चेहरे ढके हुए थे : दीप सिद्धू

दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस के दंगों के मुख्य अभियुक्तों के बारे में जानकारी देने वालों के लिए इनाम की घोषणा की है, जिसमें अभिनेता से कार्यकर्ता बना खालिस्तानी समर्थक दीप सिद्धू भी शामिल है। वहीं दूसरी तरफ, सिद्धू ने अपने फेसबुक पेज पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए एक और वीडियो जारी किया है। सिद्धू […]

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इतिहास के पन्नों से

आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी कल्पना चावला

इंडिया सांइस वायर 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल में जन्मीं कल्पना अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं। जब वह आठवीं कक्षा में पहुँचीं, तो उन्होंने अपने पिता से इंजीनियर बनने की इच्छा व्यक्त की। लेकिन, कल्पना के पिता उन्हें डॉक्टर या शिक्षक के रूप में देखने का सपना बुन रहे थे। अनंत […]

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आर्थिकी/व्यापार

अर्थव्यवस्था के मज़बूत होते संकेतों के बीच भारतीय बैंकों के ग़ैर निष्पादनकारी आस्तियों (एनपीए) में आई कमी

देश के लिए, भारतीय बैंकों के सम्बंध में, अंततः एक अच्छी ख़बर आई है। 30 सितम्बर 2020 को समाप्त अवधि में भारतीय बैंकों के ग़ैर निष्पादनकारी आस्तियों में कमी दृष्टिगोचर हुई है। 31 मार्च 2018 को भारतीय बैंकों में ग़ैर निष्पादनकारी आस्तियां 10.36 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर थीं, जो 30 सितम्बर 2020 को […]

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आर्थिकी/व्यापार

स्वाभाविक कर नीति और कर ढांचे से इतना डर क्यों?

-प्रो. कुुसुमलता केडिया इस सन्दर्भ में कतिपय तथ्यों को याद कर लेना उचित होगा। अभी जो करों का ढाँचा है, वह दुनियाभर में 100 साल पुराना है। भारत में इंग्लैंड द्वारा भारत में बनाए गए कानूनों की निरंतरता में अधिकांश नीतियाँ जारी रखी गई हैं। यद्यपि ये नीतियाँ इंग्लैंड द्वारा स्वयं अपने देश इंग्लैंड में […]

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महत्वपूर्ण लेख

भारत में परिपक्वता की छाप छोड़ने में सफल हुआ है लोकतंत्र

विवेक काटजू प्रवासी भारतीय दिवस से जुड़े सम्मेलन में गत 9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में भारतीय लोकतंत्र से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण वास्तविकताओं पर प्रकाश डाला। चूंकि कुछ दिन बाद ही देश अपने गणतंत्र की वर्षगांठ मनाने जा रहा है तो इन तथ्यों की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है। मोदी ने […]

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उगता भारत न्यूज़ महत्वपूर्ण लेख

कानून से ऊंचा मानने वालों में केवल पत्रकार ही नहीं ग्राम पंचायतें भी शामिल हैं

राकेश सैन सामान्य परिस्थितियों में, जब चारों ओर हिंसा का वातावरण हो और दंगाई मरने मारने पर उतारू हों तों ऐसे हालात में हुई या जानबूझ कर की गई गलती को तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता। सामान्य घटना व दंगों की रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों को इनमें कुछ तो अंतर करना होता है। 26 जनवरी […]

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आर्थिकी/व्यापार

1952 के बाद सबसे खराब अर्थव्यवस्था की छाया में पहला बजट

योगेश कुमार गोयल हालांकि आयकर में सुधार की घोषणा करते हुए 75 वर्ष से ज्यादा उम्र के ऐसे बुजुर्गों को आयकर रिटर्न भरने से छूट दी गई है, जिनकी आय का एकमात्र स्रोत पेंशन है। यहां बड़ा सवाल यह है कि इस छूट का लाभ आखिर देश के कितने लोगों को मिलेगा? केन्द्र सरकार के […]

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देश विदेश

बर्मा में तख्तापलट का क्या असर पड़ेगा भारत बर्मा संबंधों पर

रमेश ठाकुर सवाल उठता है कि म्यांमार में सैन्य तख्तापलट होने के बाद भारत से कैसे रहेंगे रिश्ते? इसको लेकर भारत सरकार का चिंतित होना स्वाभाविक भी है। जिस देश ने दुर्दांत सोच और लाचार सिस्टम को संभालने में इतनी मेहनत की लेकिन अचानक उस पर पानी फिर गया। बामुश्किल भारत के अथक प्रयासों से […]

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उगता भारत न्यूज़

यह किसान आंदोलन नहीं बल्कि देश के विरुद्ध जारी किया गया एक युद्ध है : सुरेश चव्हाणके

किसान आंदोलन या देशविरोधी षड्यंत्र ?’ इस विषय पर विशेष परिसंवाद* सडक पर आकर किसानों के लिए आंदोलन किया गया और सरकार, पुलिस भी कुछ नहीं कर पाए । न्यायालय ने भी केवल पर्यवेक्षक भेजकर सब कुछ पुलिस पर छोड दिया एवं पुलिस भी प्रतिकार नहीं कर पाई । इस आंदोलन में तलवारें और अन्य […]

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आतंकवाद भयानक राजनीतिक षडयंत्र

मजहब ही तो सिखाता है आपस में बैर रखना, अध्याय -3(2) किताबी फितरत ने मजहब को मोर लेकर …

इतिहास के मर्मज्ञ विद्वानों का मानना है कि भारत में कभी ब्राह्मणों की एक पतित शाखा थी जिसको शैख के नाम से सम्बोधित किया जाता था । भारत के ब्राह्मणों की यही पतित शाखा ईरान और अरब में आज भी निवास करती है । संस्कृत के अर्व से ही अरब देश बना है, जिसका अर्थ […]

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