1.गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूरहोता है।2.गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म होजाती है।3.गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोगमें भी उपचार होता है।4.20-25 ग्राम घी व मिश्री खिलाने से शराब,भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है। 5.गायका घी नाक में डालने से कान […]
महीना: अक्टूबर 2015
निर्मल रानी हमारे देश और दुनिया में विभिन्न धर्मों व समुदायों के मध्य इस प्रकार की अनेकानेक ऐसी धार्मिक व सामाजिक मान्यताएं व रीति-रिवाज हैं जिनका सीधा संबंध लोगों की आस्था,उनके संस्कार तथा धार्मिक विश्वास से जुड़ चुका है। इनमें तमाम रीति-रिवाज व मान्यताएं ऐसी भी हैं जो भले ही इन्हें मानने वालों के लिए […]
दुनिया भर में धमाका मचा चुके अमेरिकी हाईएंड फोन निर्माता कंपनी एप्पल के नये आईफोन 6एस और 6एस प्लस की अग्रिम बुकिंग भारत में शुरू हो गई है। मोबाइल फोन के खुदरा विक्रेता द मोबाइल स्टोर ने इन दोनों आईफोन की अग्रिम बुकिंग का ऐलान करते हुए कहा कि 13 अक्टूबर तक ग्राहक महज 2000 […]
वीरेश्वर तोमर स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत की सामाजिक संरचना में विभिन्न कारकों का वर्चस्व रहा। समाज के कुछ विशेष वर्ग, वर्षों से शोषण परक सत्ता के कुकृत्यों से दबे हुए थे। संविधान निर्माताओं द्वारा एक समतामूलक समाज की प्राप्ति हेतु इस वर्ग के उत्थान हेतु दोहरे उपबंध करना आवश्यक प्रतीत हुआ- भेदभाव को समाप्त […]
निरंकार सिंह महात्मा गांधी ने ऐसी हिंसक पंचायती राज व्यवस्था की कल्पना नहीं की थी जैसी कि आज उत्तर भारत के कई राज्यों में दिखाई दे रही है। हमने ग्रामसभाओं को जिस तरह की राजनीति का अखाड़ा बना दिया है उससे ग्रामीण समाज की समरसता और एकता नष्ट हो गई है। उत्तर प्रदेश के नब्बे […]
भारत के संविधान के विषय में जीआईसी हरदोई में कौमी एकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने यह उचित ही कहा है कि भारतवासियों के लिए अपना संविधान ही एक धार्मिक पुस्तक है। वस्तुत: उपराष्ट्रपति के इस कथन में भारत की आत्मा के दर्शन होते हैं। भारत का मूल संविधान (जिसे विश्व […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत में शिक्षा के अध:पतन की आज एक नई खबर आई है। एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार देश में अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में प्रवेश करनेवाले छात्रों की संख्या दुगुनी हो गई है जबकि हिंदी माध्यम की पाठशालाओं में भर्ती सिर्फ एक-चाथाई बढ़ी है। याने अंग्रेजी माध्यम हिंदी माध्यम के मुकाबले चार […]
पीके खुराना मोदी सचमुच बहुत अच्छे इवेंट मैनेजर हैं और उन्होंने जनता से जुडऩे के हर माध्यम और हर मंच का बेहतरीन उपयोग किया है। तकनीक का प्रयोग भी उन्होंने बेहतरीन तरीके से किया है और प्रचार के किसी अवसर को वे हाथ से जाने नहीं देते। हाल के अमरीका दौरे में उन्होंने न केवल […]
चंदन श्रीवास्तव उच्च शिक्षा-संस्थानों में कौन कितना बेहतर है, यह निर्धारित करने के लिए सरकार ने एक देसी फ्रेमवर्क बनाया है. संस्थानों को उनकी श्रेष्ठता के क्रम में ऊपर से नीचे सजाने की तरकीब आकर्षक लग सकती है और जरूरी भी. जो अभिभावक अपने होनहारों की उच्च शिक्षा पर बरसों की जमा रकम खर्च करने […]
मनमोहन सिंह अगर वोटों के हिसाब से देखें तो वामपंथी विचारधारा पिछड़ती नजर आ रही है। सोवियत संघ के टूटने के बाद पूर्वी यूरोप के देशों ने जिस तरह इस विचारधारा को दरकिनार किया, उसने पूरी दुनिया के साम्यवादी आंदोलन को कठघरे में ला खड़ा किया है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। चौंतीस साल […]