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विशेष संपादकीय

‘न्यू इंडिया’ और गांवों की समृद्घि का रास्ता

‘भारत गांवों का देश है’-ऐसा कहा जाता है। पर आज हम देख रहे हैं कि गांवों से भारत शहरों की ओर भाग रहा है। मानो, वह इस कहावत को अब बदल देना चाहता है कि ‘भारत गांवों का देश है।’ भारत शहरों का देश बनता जा रहा है। लोगों का मिट्टी से लगाव कम होकर […]

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राजनीति

गाँव, गरीब और किसानों के लिए संकल्पबद्ध योगी सरकार

उप्र में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा गठबंधन की सरकार ने एक माह पूरा कर लिया है। साथ ही मीडिया में उप्र सरकार के कामकाज की चर्चा भी होने लग गयी है । प्रदेश विधानसभा में 325 सीटे जीतने के बाद भाजपा सरकार ने अपना काम संकल्पपत्र के अनुरूप ही शुरू किया हैं। हालांकि […]

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महत्वपूर्ण लेख

महात्मा गांधी का सपना और आज के गांव

निरंकार सिंह महात्मा गांधी ने ऐसी हिंसक पंचायती राज व्यवस्था की कल्पना नहीं की थी जैसी कि आज उत्तर भारत के कई राज्यों में दिखाई दे रही है। हमने ग्रामसभाओं को जिस तरह की राजनीति का अखाड़ा बना दिया है उससे ग्रामीण समाज की समरसता और एकता नष्ट हो गई है। उत्तर प्रदेश के नब्बे […]

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विशेष संपादकीय

…तो बंजर हो जाएंगे उत्तराखंड के गांव

हिमालयन एनवायरमेंट स्टडीज एंड कंजर्वेशन आर्गेनाइजेश (एचईएससीओ) के प्रमुख डा. अनिल जोशी का मानना है कि विकास की गलत नीतियों के कारण उत्तराखंड के गांवों में आज भी विकास की किरणें नहीं पहुंच पाई हैं। राज्य बनने के डेढ़ दशक के गांवों की स्थिति नहीं सुधरी। पहले गांव सिर्फ बदहाल थे लेकिन अब बंजर भी […]

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महत्वपूर्ण लेख

गांव तक पहुंचे डिजिटल इंडिया की चमक

अभिषेक कुमार देश डिजिटलीकरण की नई इबारत लिखने जा रहा है। सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘डिजिटल इंडिया’ की धमाकेदार शुरुआत के लिए पहली जुलाई से डिजिटल भारत सप्ताह मनाने की घोषणा सरकार की तरफ से की जा चुकी है। इस दौरान बिल गेट्स, सत्य नडेला और एनआर नारायणमूर्ति जैसी हस्तियां इंटरनेट विस्तार के नए मानदंड […]

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