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राजनीति

कोर्ट के सुझाव पर अब तो बने बात

हृदयनारायण दीक्षित सभ्यता देह है और संवाद प्राण। दुनिया की सभी सभ्यताओं का विकास सतत संवाद से हुआ है। भारतीय संस्कृति में आस्था से भी संवाद की परंपरा है। सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि विवाद को परस्पर संवाद से हल करने का सुझाव दिया है। न्यायालय ने अयोध्या विवाद को संवेदनशील और भावनात्मक मुद्दा बताया […]

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राजनीति

आस्था को तर्कों की कसौटी पर तौलने के मायने ?

निर्मल रानी हमारे देश और दुनिया में विभिन्न धर्मों व समुदायों के मध्य इस प्रकार की अनेकानेक ऐसी धार्मिक व सामाजिक मान्यताएं व रीति-रिवाज हैं जिनका सीधा संबंध लोगों की आस्था,उनके संस्कार तथा धार्मिक विश्वास से जुड़ चुका है। इनमें तमाम रीति-रिवाज व मान्यताएं ऐसी भी हैं जो भले ही इन्हें मानने वालों के लिए […]

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अन्य

क्या अज्ञान, अन्धविश्वास, अन्धी श्रद्धा व आस्था का खण्डन अनुचित है?

सभी मनुष्यों का धर्म एक है या अनेक? वर्तमान में सभी समय में प्रचलित अनेक मत व धर्मों में लोग किसी एक को मानते हैं। प्रश्न का उत्तर देने के लिए हमें धर्म व मत को जानना होगा। यथार्थ धर्म को जान लेने के बाद स्वयं उत्तर मिल जायेगा। धर्म मनुष्य जीवन में श्रेष्ठ गुणों […]

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संपादकीय

राष्ट्र की आस्था बनाम व्यक्ति की आस्था

स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज ने सांईबाबा के लिए पिछले दिनों कह दिया कि सांई हिंदू नही, मुसलमान थे। इसलिए उनकी पूजा उचित नही कही जा सकती। स्वरूपानंद जी महाराज द्वारका पीठ के शंकराचार्य हैं, उनका कहना है कि सांई भगवान का अवतार नही है। स्वरूपानंद जी महाराज ने ये भी कहा है किसांई हिंदू मुस्लिम […]

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