भारत एक कृषि प्रधान देश है। प्रकृति की कृपा तथा हमारे किसानों कि आर्थिक मेहनत से हमारी भूमि सदा उपजाऊ रही है। प्राचीन समय में हमारी खेती प्राकृतिक संपदा व संसाधनों पर ही निर्भर थी और देश की खाद्यान्नों सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा कर पाती थी। जैसे-जैसे देश में शहरीकरण व औद्योगिकरण बढते गये , […]
महीना: जून 2012
ममता बनर्जी, एक ऐसा नाम जो काँग्रेस की हर राह में रोड़ा बन कर खड़ा हो जाता है। पिछले 3 सालों में ममता ने ना जाने कितनी बार काँग्रेस के लिए मुसीबतें खड़ी की हैं। जिसके कारण काँग्रेस की स्थिति ममता के हाथों कई बार कठपुतली की तरह नाचने जैसी दिखाई देने लगती है। हालांकि […]
उगता भारत ज्ञान प्रतियोगिता — बताइये-1-भारत को भारत क्यो कहा जाता है ? 2-भारत महान क्यो है ? 3-भारत का शाब्दिक अर्थ क्या है ? प्रत्येक प्रश्न का उत्तर हमे अधिकतम सौ शब्दो मे भेजिये हम सबसे सुंदर और उपयुक्त उत्तर भेजने वाले को उगता भारत समाचार पत्र की ओर से पाँच सो […]
भारत की संस्कृति विश्व संस्कृति है। यह करोड़ों वर्ष से मानवता का दिग्दर्शन करती आयी है। संस्कृतियाँ कभी अनेक नहीं होती, अपितु संस्कृति सदा एक ही होती है। चूँकि संस्कृति धर्म-प्रेरित होती है। जैसे मनुष्य का धर्म मानवता एक है, उसी प्रकार उसकी संस्कृति भी सदा एक (मानव संस्कृति) ही रहती है। सभ्यता सभ्य समाज […]
भारत में बाजारीकरण के दौर में बड़ी मांग अंगदान की उठ रही है। पैसे से सब कुछ खरीदा जा सकता है लेकिन आज जरूरत मानव अंगों की है। समाज का कौन सा पेशा है जो भौतिक काम न करके पैसा कमाने में न लगा हो। भ्रष्टाचार ने गरीबी अमीर की बहुत बड़ी दीवार खड़ी कर […]
सूरत नकली नीयत नकली, इंसां ऐसा हो गया।भगवन तेरी दुनिया का, ये हाल कैसा हो गया।। दुनिया में कुछ अच्छा करने,भेजा था इंसान को,लेकिन भूल गया वो आकरअपने ही भगवान को।। नाम और हर काम है नकली, नकली पैसा हो गया,भगवन तेरी दुनिया का, ये हाल कैसा हो गया।भाई भाई का हत्यारा,बेटा बाप को […]
मजहबों को धर्म मानने वाले भारत पर्याप्त में हैं। उनमें इतना साहस नहीं है कि वे मजहब को सम्प्रदाय मान सकें। इसलिए (सर्वधर्म-समभाव) की एक बे सिर पैर की परिकल्पना, भारत में आविष्कृत कर ली गयी है। इस अवधारणा के पीछे बड़ा गम्भीर षडय़न्त्र कार्य कर रहा है। अत: साम्प्रदायिकता की जिस विषबेल को समाप्त […]
बुरी आदत चाहे शराब पीने अथवा अन्य मादक पदार्थों की हो, धूम्रपान की हो, चोरी करने, ठगी करने, झूठ व कटु बोलने, असंगत बकवास करने, चुगली निंदा करने, मांसाहार, व्याभिचार करने, घात लगाना अथवा षडयंत्र रचने, कुसंग में रहने, फिजूल खर्ची व बढ़बोलेपन की हो, शेखी बघारने अथवा अपने मुंह मियां मिठ्ठू बनने, ईष्र्या द्वेष […]
साम्यवाद की विचारधारा क्या भारतीय संस्कृति के अनुकूल है? या साम्यवाद का भारतीय संस्कृति, धर्म और इतिहास से भी कोई संबंध है? यदि इन जैसे प्रश्नों के उत्तर खोजे जाऐं तो ज्ञात होता है कि वास्तविक साम्यवाद भारतीय संस्कृति में ही है। संसार का कम्युनिस्ट समाज भारतीय साम्यवाद को समझ नहीं पाया है और ना […]
लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की तेज-तर्रार नेता उमा भारती जहां पूरे जोश के साथ सक्रिय थीं, वहीं सांसद वरुण गांधी ने अपने को प्रचार से अलग कर लिया था, लेकिन निकाय चुनाव में स्थितियां उलट गई है। उमा परिदृश्य से नदारद है, लेकिन वरुण जल्द ही प्रचार अभियान में उतरने […]