Categories
महत्वपूर्ण लेख

भाजपा को मिला भागवत का ज्ञान

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से धर्मनिपरपेक्ष चेहरे को राजग की ओर प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाए जाने की मांग पर भाजपा अभी कुछ बोलती, इससे पहले ही भाजपा के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन राव भागवत ने यह कह कर कि हिंदूवादी चेहरे का प्रधानमंत्री बनाने में क्या […]

Categories
भारतीय संस्कृति

रायसीना की रेस, विवादों का इतिहास

देश के सर्वोच्च पद के लिए महाभारत छिड़ा है. सर्वोच्च पद की लड़ाई अब प्रतिष्ठा का सवाल बन गयी है। रायसीना की रेस..यानि राष्ट्रपति पद को लेकर मची तकरार की। सरकार और विपक्ष में तो छोडि़ए. सरकार और उनके सहयोगियों में ही तकरार चरम पर है। एक दूसरे को देख लेने तक की धमकियां दी […]

Categories
भारतीय संस्कृति

कश्मीर में खिली उम्मीद की कली

लगता है कि कश्मीर घाटी में सामान्य जनजीवन पटरी पर लौट रहा है। जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में बीते कुछ महीनों के दौरान खासी कमी आई है। वर्ष 2010 में अलगाववादियों के बहकावे में आकर पत्थरबाजी पर उतारू होने के बाद लहुलुहान हुई घाटी में यह बदलाव सबको महसूस हो रहा है। इस बार […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

भारत को कैसे मिले अब तक के अपने राष्ट्रपति

रायसीना हिल्स पर बना राष्ट्रपति  भवन गणतांत्रिक भारत के हर ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना है। आजादी से पूर्व इसे वायसरीगल हाउस के नाम से जाना जाता था। लेकिन 26 जनवरी 1950 को सुबह 10.15 बजे जब डा. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति  के रूप में शपथ लेकर गणतांत्रिक भारत के राजपथ पर कदम रखे […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी – एक प्रेरणास्पद जीवन

स्वतंत्र प्रभुतासम्पन्न भारत के निर्माताओं में डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम उल्लेखनीय है। जो एक महान देशभक्त, शिक्षाविद, संसदविज्ञ, राजनेता, मानवतावादी और इन सबसे ऊपर राष्ट्रीय एकता और अखंडता के समर्थक थे। 6 जुलाई, 1901 को कलकत्ता में जन्मे श्यामा प्रसाद को विद्वत्ता, राष्ट्रीयता की भावना और निर्भयता अपने पिता श्री आशुतोष मुखर्जी से […]

Categories
राजनीति

अब ये हिंदुस्तान नहीं

  संसद में नारेबाजी, हंगामा शोर-शराबा है।और देश में होता रहता निशदिन खून-खराबा है।। अपने देश के नेता भैया, करते रहते ताता थैया।उनको प्यारी है बस कुर्सी, चाहे रोए भारत मैया।। कैसी गंदी राजनीति ये, जिसकी अजब कहानी है।।कोई मुद्दा मिले उसी पर, होती खींता-तानी है।। देश में भ्रष्ट तंत्र हावी है,नाम की हैं सरकार […]

Categories
बिखरे मोती

गौतम महात्मा,बुद्घ का संदेश

गौतम महात्मा बुद्घ ने अपने प्रिय शिष्य सारीपुत्र से कहा था- सारीपुत्र तुम्हारा रोम-रोम गुरूमय हो गया है। सारा जीवन क्रियामय हो गया है। तुम सत्य के इतने समीप पहुंच चुके हो जैसे कोई मरूस्थल को खोदते-खोदते जल स्रोत तक पहुंच जाय। काश तुम्हारा अनुकरण संसार के अन्य लोग भी करें किन्तु सबसे बडा आश्चर्य […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

राजग की दरकती दीवारें

मगन देव नारायण सिंह जनता दल (यू.) और भाजपा नेताओं के वाक्युद्ध से राजग अर्थात राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की दीवारें दरकने लगीं है। राजनीतिक विश्लेषकों को अब यह विश्वास हो गया है कि राजग के देदिप्यमान भवन के ध्वस्त होने में अब देर नहीं है। वैसे राजनीति के पंडितों का यह भी कहना है कि […]

Categories
संपादकीय

भारतीय साम्यवाद और कम्युनिस्ट विचार धारा में मौलिक अंतर है

पिछले अंक का शेष … सारे संसार को एक विश्व संस्था के रूप में शासित करके चक्रवर्ती राज्य स्थापित करने की भावना में इसके लिए कोई स्थान नही है। यहां व्यष्टि से समष्टिï की ओर दृष्टिïपात करना है। समष्टिï में प्राणिमात्र का भला करना है। अपने विचार में बाधक लोगों को सही रास्ते पर लाना […]

Categories
संपादकीय

मोहन की बंसरी पर मोदी की तान

नरेन्द्र मोदी के समर्थन में जिस प्रकार भाजपा और संघ उतरकर मैदान में आये हैं उससे मोदी की प्रधानमंत्री पद की दावेदारी मजबूत हुई है। आर. एस. एस. के सरसंघचालक मोहन भागवत ने लातूर में स्पष्ट कह दिया है कि एक हिन्दुत्ववादी व्यक्ति प्रधानमंत्री क्यों नही हो सकता? बात सही भी है क्योंकि हिन्दुत्व एक […]

Exit mobile version