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धर्म-अध्यात्म

वेद रूपी गंगा

वेद रूपी गंगा इंग्लैंड प्रदेश से एक विदेशी जिज्ञासु युवक गंगा नदी की महिमा सुनकर कोलकाता आया। मगर हावड़ा पुल से गंदे गंगा जल को देखकर वह हैरान हो गया। उसके मन में शंका हुई कि क्या यही गंगा नदी है जिसके जल को अमृत समान माना जाता है? एक पंडित जी से उन्होंने अपनी […]

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इतिहास के पन्नों से

कितनों ने धर्म बदला इसकी जानकारी रखें

[ पिछड़ी जातियों को धार्मिक संरक्षण विधेयक पर लोकसभा में 4 मार्च 1960 को बहस का समाहार ] स्त्रोत :- पंडित प्रकाशवीर जी के संसदीय भाषण संकलनकर्ता :- डॉ. सत्यवीर त्यागी प्रस्तुतकर्ता – अमित सिवाहा सुश्री मणिबेन पटेल ( आनन्द ) : मैं मिनिस्टर साहब से जानना चाहती हूँ कि हमें आजादी मिलने से पहले […]

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आज का चिंतन

रावण के नाम पर फैलाया जा रहा है बौद्धिक प्रदूषण

कार्तिक अय्यर जूठ को हज़ार बार चिल्लाओ सत्य लगने लगेगा। यही काम आज अम्बेडकरवादी ,भीमसैनिक, ओशोवादी, वामपंथी जैसे कि सुरेंद्रकुमार अज्ञात व राकेश नाथ, पेरियार समर्थक आदि कर रहे हैं। रावण को खूब महान बताते है। किसी किसी ने तो दशहरे के अवसर पर रावण के दहन पर रोक लगाने के लिए न्यायालय में याचिका […]

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इतिहास के पन्नों से

◼️आर्यावर्त क्या है?◼️*

✍🏻 लेखक – प्रो० उमाकान्त उपाध्याय, एम० ए० प्रस्तुति – 🌺 ‘अवत्सार’ जब कभी भ्रान्त विचार चल पड़ते हैं तो उनके अवश्यम्भावी अनिष्टकारी परिणामों से बचना दुष्कर हो जाता है। इसी प्रकार का एक अशुद्ध भ्रान्त विचार यह है कि आर्यावर्त की सीमा उत्तर भारत तक ही है और आर्यावर्त की दक्षिणी सीमा उत्तर प्रदेश […]

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शिक्षा/रोजगार

आर्यसमाज और भारतीय शिक्षा पद्धति

आर्यसमाज और भारतीय शिक्षा पद्धति लेखक – डॉ० भवानीलाल भारतीय अजमेर स्त्रोत – सुधारक (गुरुकुल झज्जर का मासिक पत्र) जुलाई 1976 प्रस्तुतकर्ता – अमित सिवाहा लाला लाजपतराय ने अपनी पुस्तक ‘ दुःखी भारत ‘ ( Unhappy India ) में यह बताया है कि अंग्रेजों के भारत में आगमन से पूर्व भारत में एक व्यवस्थित शिक्षा […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा

पंडित देवप्रकाश जी मौलवी अलीम फ़ाज़िल का जन्म मुस्लिम परिवार में हुआ था। आपके विचारों से परिवर्तन स्वामी दर्शनानंद जी के उर्दू ट्रैक्ट्स के माध्यम से प्रारम्भ हुआ था एवं स्वामी दयानंद द्वारा रचित अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश ने आपके जीवन कि काया ही पलट दी और आप उसे पढ़ कर आर्य प्रचारक बन गये। […]

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आज का चिंतन

“नवरात्रो में मांसाहारियों का व्रत या पाखण्ड”*

श्राद्ध के अन्तिम दिनों में माँसाहारियों ने होटलों पर भीड़ बढ़ाई और डट कर मांस खाया | क्योंकि अब आगे नौ दिन मांसाहार भोजन को छोड़कर धार्मिकता का ढोंग जो करना है । बड़ी ही आश्चर्य होती है कि यह कैसी धार्मिक आस्था है, नवरात्रों में तो मांसाहार से दूरी बना कर अपनी श्रद्धा दिखाते […]

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इतिहास के पन्नों से

नोआखाली/कोलकाता के दंगों में आर्यसमाज

आज 10 अक्टूबर का दिन है। आज के ही दिन 1946 में अविभाजित बंगाल के नोआखाली में 80% मुस्लिम बहुल जनसंख्या वाले प्रान्त में 20 % हिन्दू अल्पसंख्यक जनसंख्या पर मजहबी कहर बरपाना आरम्भ किया था। हिन्दुओं की घर संपत्ति लूट ली गई। हज़ारों की संख्या में उन्हें मार डाला गया। महिलाओं की इज्जत लूटी […]

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आओ कुछ जाने

रणथंभौर के अभयारण्य के बारे में आश्चर्यजनक तथ्य

वीडियो रणथंभौर के अभयारण्य (बाघों के लिए सुरक्षित वन क्षेत्र) का है। जहां मनुष्य के बसने पर प्रतिबंध है उस स्थान पर कब्र और उसपर हरे रंग का कवर कैसे किया गया? आज पूरे भारत में कहीं भी पीर की कब्र रातों रात बना दी जाती है। फ्लाईओवर पर भी पीर की कब्र बना दी […]

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इतिहास के पन्नों से

महर्षि दयानन्द और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम

राम और कृष्ण मानवीय संस्कृति के आदर्श पुरुष हैं। कुछ बंधुओं के मन में अभी भी यह धारणा है कि महर्षि दयानन्द और उनके द्वारा स्थापित आर्यसमाज राम और कृष्ण को मान्यता नहीं देता है।प्रत्येक आर्य अपनी दाहिनी भुजा ऊँची उठाकर साहसपूर्वक यह घोषणा करता है कि आर्यसमाज राम-कृष्ण को जितना जानता और मानता है, […]

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