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इतिहास के पन्नों से

इतिहास हमारे वीर योद्धाओं और वीरांगनाओं का जिन्होंने तैमूर की सेना को गाजर मूली की तरह काट दिया

डॉ. विवेक आर्य पिछले दिनों करीना कपूर ने जब अपने बेटे का नाम तैमूर रखा तो देश में एक चर्चा चल पडी कि एक विदेशी आक्रांता और निर्मम हत्यारे के नाम पर कोई अपने बेटे का नाम कैसे रख सकता है? इस क्रम में यह बात तो सबने कहा कि तैमूर ने लाखों लोगों जिनमें […]

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इतिहास के पन्नों से

मालाबार की मोपला हिंसा और गांधीजी

#डॉविवेकआर्य देश के इतिहास में सन् 1921 में केरल के मालाबार में एक गांव में मोपलाओं ने हिन्दू जनता पर अमानवीय क्रूर हिंसा की थी। इस घटना पर देशभक्त जीवित शहीद वीर सावरकर जी ने ‘मोपला’ नाम का प्रसिद्ध उपन्यास लिखा था। हिन्दू विरोधी इस कुकृत्य को जानने के लिए हिन्दू जनता द्वारा इस उपन्यास […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

क्रान्ति के पुरोधा : ब्रह्मर्षि स्वामी विरजानन्द सरस्वती

दो शताब्दी पूर्व , ( सन् १७७८, ई० ) में जन्म लेकर , छह वर्ष की अल्पायु में ही शीतला माता के प्रकोप से दोनों आंखें खो देने वाला अनाथ बालक ब्रजलाल सारे देश की दृष्टि बन जाएगा , यह कौन कह सकता था ? माता – पिता के न रहने पर उचित देखभाल के […]

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धर्म-अध्यात्म

जीवन में सोलह संस्कारों का महत्व और संक्षिप्त परिचय*

१. गर्भाधानम् संस्कार : – “गर्भस्याऽऽधानं वीर्यस्थापनं स्थिरीकरणं यस्मिन् येन वा कर्मणा, तद् गर्भाधानम् ।” गर्भ का धारण, अर्थात् वीर्य का स्थापन, गर्भाशय में स्थिर करना जिस संस्कार में होता है, इसी को गर्भाधान संस्कार कहते हैं । युवा स्त्री-पुरुष उत्तम् सन्तान की प्राप्ति के लिये विशेष तत्परता से प्रसन्नतापूर्वक गर्भाधान करे । २. पुंसवनम् […]

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इतिहास के पन्नों से

इतिहास की अमर गाथा

आर्यसमाज के इतिहास में अनेक प्रेरणादायक संस्मरण हैं जो अमर गाथा के रूप में सदा सदा के लिए प्रेरणा देते रहेंगे। एक ऐसी ही गाथा रोपड़ के लाला सोमनाथ जी की हैं। आप रोपड़ आर्यसमाज के प्रधान थे। आपके मार्गदर्शन में रोपड़ आर्यसमाज ने रहतियों की शुद्धि की थी। यूँ तो रहतियों का सम्बन्ध सिख […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

जय भीम-जय मीम और CAA का विरोध न जोगेंद्रनाथ मंडल से सीखा, न मरीचझापी में नामशूद्रों के नरसंहार से

वर्ष 1979, जनवरी का महीना था। पश्चिम बंगाल के दलदली सुंदरबन डेल्टा में मरीचझापी नामक द्वीप पर बांग्लादेश से भागे करीब 40,000 शरणार्थी एकत्रित हो चुके थे। मुख्यतः नामशूद्र दलित हिंदुओं का यह समूह उस महापलायन के क्रम में छोटी-सी एक कड़ी थी जिसमें बंग्लादेश बन जाने के बाद से लगभग 1 करोड़ उत्पीड़ित हिंदू […]

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इतिहास के पन्नों से

गांधी का पूरा हाथ था स्वामी श्रद्धानंद के हत्यारे अब्दुलराशिद पर

तारीख 23 दिसंबर 1926 । दिल्ली के चांदनी चौक क्षेत्र में दोपहर के समय स्वामी श्रद्धानंद अपने घर में आराम कर रहे थे। वो बेहद बीमार थे। तब वहां पहुंचा एक व्यक्ति। नाम अब्दुल रशीद। उसने स्वामी जी से मिलने का समय मांगा। स्वामी जी ने समय दे दिया। वो उनके पास पहुंचा उन्हें प्रणाम […]

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इतिहास के पन्नों से

मराठा शक्ति का पराक्रम और भारत का गौरव

भारतीय इतिहासकार मूलत विदेशी इतिहासकारों और मुग़लों के वेतनभोगी इतिहास लेखकों का अनुसरण करते दीखते हैं। पाठ्य पुस्तकों में हो या मिडिया में हर जगह हिन्दुत्व को नीचा दिखाने की कोशिश होती है. जावेद अख्तर राजपूतों को हारा हुआ राजा बताता है तो मुगलों को अपना अब्बाजान. मनोज मुन्तशिर के मुगलों पर कडवा सच कहने […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

गांधी के अनजाने कार्यों में हिंदी का विकृतिकरण भी था।

आजादी के पूर्व 1937 में गांधीजी के आदेश पर देश मे धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढ़ाने के लिए ‘वर्धा शिक्षा समिति’का पाठयक्रम तैयार किया। इस पाठ्यक्रम में अरबी,फारसी ,उर्दू और हिंदी को जोड़ कर एक नई भाषा तैयार की गई। जिसे “हिंदूस्तानी भाषा” का नाम दिया गया। इस भाषा मे हिंदी शब्दों को मात्र दस प्रतिशत […]

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इतिहास के पन्नों से

प्रो० मैक्समूलर और उनका वैदिक अध्ययन

✍🏻 लेखक – प्रो० भवानीलाल भारतीय (दैनिक जागरण समाचार पत्र दिनांक 11 सितम्बर 2021, दिल्ली संस्करण में ‘दुनिया की दृष्टि बदलने वाले विवेकानंद ‘ शीर्षक के अंतर्गत प्राच्यविद्या के आचार्य डॉ. विनोद कुमार तिवारी का लेख प्रकाशित हुआ। इस लेख में लेखक ने पश्चिमी लेखक मैक्समूलर को प्राचीन ऋषि लिखा है। मैक्समूलर के कार्यों को […]

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