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आज का चिंतन

महर्षि दयानन्द का यज्ञ विषयक् वैज्ञानिक पक्ष*

* लेखक- पं० वीरसेन वेदश्रमी प्रस्तोता- डॉ विवेक आर्य, प्रियांशु सेठ यज्ञ में मन्त्रोच्चारण कर्म के साथ आवश्यक है- महर्षि स्वामी दयानन्द जी ने यज्ञ की एक अत्यन्त लघु पद्धति या विधि हमें प्रदान की जो १० मिनट में पूर्ण हो जावे। उसमें मन्त्र के साथ कर्म और आहुति का योग किया। बिना मन्त्र के […]

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Uncategorised

विषेण हन्मि ते विषम्*

* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ 🐍🧪 16वीं शताब्दी तक समूचे यूरोप में यह ज्ञान नहीं था कि सर्प के काटने से मृत्यु कैसे होती है?। यह कथन आपको अजीबोगरीब लगेगा लेकिन यही सत्य है यूरोप में सर्प के काटने से होने वाली मृत्यु को लेकर यह आम विश्वास था कि- ‘सर्प की दुष्ट आत्मा […]

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महत्वपूर्ण लेख

विश्वसनीयता की कसौटी पर खरे नहीं उतरते हैं एक्जिट पोल

(भूपेन्द्र गुप्ता-विनायक फीचर्स) वैसे तो एग्जिट पोल भारतीय चुनावी परिदृश्य को दो दशक से प्रभावित करते रहे हैं। किंतु 2023 के ताजा एग्जिट पोल सामने आने के बाद विरोधाभास की स्थिति पैदा हो गई है। देश के एक प्रतिष्ठित चैनल के प्रतिष्ठित पत्रकारों ने ही अपने चैनल पर प्रसारित किये जा रहे एग्जिट पोल से […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

आजाद हिंद सरकार के संस्थापक महान स्वतन्त्रता सेनानी #राजा_महेंद्र_प्रताप_सिंह(1 दिसम्बर 1886-29 अप्रैल1979) जयंती

राजा महेंद्र प्रताप का जन्म मुरसान के राजा बहादुर घनश्याम सिंह के यहाँ खड्ग सिंह के रूप में हुआ। बाद में उन्हें #हाथरस के राजा हरिनारायण सिंह ने गोद ले लिया व उनका नाम महेंद्र प्रताप रखा। उन्होने #निर्बल समाचार पत्र की स्थापना की व भारतीयों में स्वतन्त्रता के प्रति जागरूकता लाने का काम किया। […]

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कृषि जगत

किसान दिवस पर विशेष- किसान की दयनीयता.. क्या व्यवस्था की कमी है

सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां की लगभग अस्सी प्रतिशत आबादी खेती किसानी पर ही निर्भर है। अर्थात हमारे देश का अधिकतर वर्ग किसान की श्रेणी में आता है! फिर भारत में प्राकृतिक संसाधनों, ऊर्जा, औद्योगिक वातावरण, कुशल श्रम सभी कुछ आवश्यक तत्वों के होते हुए भी आज का किसान […]

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विविधा

भारत की वर्ण व्यवस्था और जाति व्यवस्था

जय सिया राम, हर हर महादेव, प्रताह स्मरणीय योगीराज सन्त शिरोमणि Sri 1001 बर्फनी दादाजी महाराज की जय ॐ योगीराजाये विद्महे कायाकल्पिदिव्य देहाय धीमहि तन्नो सच्चिदानंदरूपाय गुरु बर्फानीं दादाजी प्रचोदयात। ॐ। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं, ‘चर्तुवर्णयम् माया श्रीष्टाम् गुणकर्म विभागसा अर्थात् गुण और कर्म के आधार पर मेरे द्वारा समाज को चार वर्णों में विभक्त […]

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कविता

किसीने पूछा कि ख्वाब क्या है??…

किसीने पूछा कि ख्वाब क्या है??… बस वही जो रातों को सोने ना दे…! किसी ने पूछा कि आराम क्या है??… बस वही जो माँ के आंचल में सोने से मिले…! किसी ने पूछा कि सुकून क्या है??… बस वही जो नन्हे से बच्चे की आँखों में दिखे…! किसी ने पूछा कि ख्वाइशें क्या है??… […]

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आतंकवाद

इस्लाम समर्थक हिन्दू आचार्य ?

बृजनंदन शर्मा आजकल प्रचार का जमाना है .और लोग अपना प्रचार करने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाते रहते हैं .इसीलिए कुछ मुस्लिम ब्लोगरों ने इस्लाम का प्रचार करने के लिए यही तरकीब अपना रखी है .सब जानते हैं कि अधिकांश हिन्दू संगठन और संस्थाए भी दोगली विचारधारा रखती हैं .और कुछ तथाकथित स्यंभू […]

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आज का चिंतन

“सभी आत्माएं एक जैसी हैं।”

“सभी आत्माएं एक जैसी हैं।” ऐसा वेद आदि शास्त्रों में बताया गया है। उसका एक अनुमान प्रमाण यह भी है कि “सभी को सुख चाहिए, दुख किसी को भी नहीं चाहिए। थोड़ा सा भी नहीं चाहिए। सभी को सुख 100 प्रतिशत चाहिए। उत्तम क्वॉलिटी का चाहिए।” इससे पता चलता है कि सभी आत्माएं एक जैसी […]

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महत्वपूर्ण लेख

जैसी माँ वैसी बेटी !

भारतीय परम्परा में महिलाओं को पूज्यनीय मानकर आदर और सम्मान दिया जता है।लेकिन इतिहास साक्षी है की जब भी किसी विदेशी वर्णसंकर महिला के हाथों में असीमित अधिकार आजाते हैं तो वह सत्ता के मद में अंधी हो जाती है।और देश,समाज,व् अपने परिवार के लिए घातक बन जाती है। ऎसी महिला अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए […]

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