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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारत के अंतिम हिंदू सम्राट महाराजा रणजीत सिंह

2 नवम्बर/जन्म-दिवस   अठारहवीं शती के पंजाब में सिखों की शुकरचकिया मिसल (छोटी रियासत) के उत्तराधिकारी के रूप में दो नवम्बर 1780 को गुजराँवाला मे जन्मे रणजीत सिंह ने अपने शौर्य, पराक्रम, सूझबूझ और कूटनीति से सिख राज्य की सीमाएँ अटक, पेशावर, काबुल और जमरूद तक पहुँचा दी थीं। रणजीत सिंह के पिता का नाम […]

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उगता भारत न्यूज़

विश्व में केवल वेद ही विश्व बंधुत्व को बढ़ाते हैं : महेंद्र आर्य

  दादरी देवेंद्र सिंह आर्य ग्राम छाँयसा में चले सामवेद पारायण यज्ञ में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए आर्य प्रतिनिधि सभा गौतमबुद्ध नगर के प्रधान और आर्य समाज के नेता महेंद्र सिंह आर्य ने कहा कि विश्व में केवल वेद ही विश्व बंधुत्व की भावना को बढ़ाते हैं ,अन्य कोई धर्म ग्रंथ नहीं […]

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देश विदेश महत्वपूर्ण लेख

किसने बनाया चीन को भारत का पड़ोसी, भाग – 3

लेखिका:- प्रो0 कुसुमलता केडिया 5 अप्रैल 1952 को चाउ एन लाई ने नेहरू जी के (भारत सरकार के) राजदूत से कहा कि हमें तिब्बत में अपनी सेनाओं के लिये खाद्यान की आपूर्ति के लिये भारत पर निर्भर रहना पड़ेगा। हम चाहते हैं कि भारत इस मामले में हमारी सहायता करे। पणिक्कर ने नेहरू को यह […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत के परमाणु कार्यक्रमों के प्रणेता डॉ होमी जहांगीर भाभा

30 अक्तूबर/जन्म-दिवस विश्व में परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों में भारत का भी नाम है। इसका श्रेय प्रसिद्ध वैज्ञानिक डा. होमी जहाँगीर भाभा को जाता है। वे सामरिक और शान्तिपूर्ण कार्यों में इसकी उपयोगिता को समझते थे। उनका जन्म 30 अक्तूबर, 1909 को मुम्बई के एक प्रतिष्ठित पारसी परिवार में हुआ था। बचपन से इनकी बुद्धि […]

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देश विदेश महत्वपूर्ण लेख

किसने बनाया चीन को भारत का पड़ोसी , भाग – 2

लेखिका :- प्रो. कुसुमलता केडिया प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1949 ईस्वी के अक्टूबर तक तिब्बत को लगातार एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में देखा और पत्राचार किया। स्तालिन के संकेत पर जब उन्होंने एशियाई मैत्री सम्मेलन बुलाया तो उसमें स्वतंत्र तिब्बत राष्ट्र का प्रतिनिधि मंडल भी आमंत्रित हुआ। प्रतिनिधि मंडल को भारत के प्रधानमंत्री ने […]

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देश विदेश महत्वपूर्ण लेख

किसने बनाया चीन को भारत का पड़ोसी – 1

लेखिका :- प्रो. कुसुमलता केडिया जैसा मैंने पूर्व के अपने उद्बोधनों मंे बताया है, हुआंगहुआ, जिसे विगत 100 वर्षों से यूरोप के लोगों ने पहली बार भारत के द्वारा प्राचीन काल से प्रयुक्त चीन शब्द को ग्रहण कर ‘चाईना’ कहना शुरू किया है और जिसे वे पहले ‘कैथे’ और ‘सेरे’ कहते रहे हैं, प्रशांत महासागर […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

राष्ट्रीय एकता के बेजोड़ शिल्पी व नये भारत के निर्माता सरदार पटेल

रमेश सर्राफ धमोरा स्वतंत्र भारत के पहले तीन वर्ष सरदार पटेल देश के प्रथम उप-प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, सूचना प्रसारण मंत्री रहे। पटेल ने भारतीय संघ में उन रियासतों का विलय किया जो स्वयं में सम्प्रभुता प्राप्त थीं। उनका अलग झंडा और अलग शासक था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ वर्ष पूर्व गुजरात के नर्मदा जिले […]

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राजनीति

आगामी चुनावों में ‘रोजगार’ पूरे देश में बड़ा मुद्दा बन सकता है

डॉ. उदित राज बिहार के चुनाव में दस लाख नौकरी देना मुद्दा बना जो शायद कभी-कभार होता है, इसका परिणाम केवल बिहार में ही नहीं दिखेगा बल्कि पूरे देश में दिखेगा। अगर, बिहार के लोगों ने इस मुद्दे पर मतदान किया तब ऐसा देखने को मिल सकता है। अमेरिका एवं यूरोप की सम्पन्नता और सुविधाएं […]

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समाज

नागरिक पत्रकारिता आम आदमी की अभिव्यक्ति

डॉ. पवन सिंह मलिक पिछले कुछ वर्षों में देश में नागरिक पत्रकारिता के लिए स्थितियां अनुकूल हुई हैं। इंटरनेट के विस्तार से इसे मजबूत रीढ़ मिली है। देश में डेटा की खपत अमेरिका और चीन की कुल डेटा खपत से भी ज्यादा है। नई पीढ़ी भी खबर की खोज में नए साधनों की ओर मुड़ने […]

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आर्थिकी/व्यापार

बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल बनाम ‘ फेरीवाले ‘

डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा फेरीवाले अपनी किस्म-किस्म की आवाजों और बोलियों के बहाने भाषा को समृद्ध बनाते थे। सच्चे अर्थों में वे भाषा का विकास करने वाले व्यावहारिक प्रोफेसर थे। उनके शब्द-भंडार, वाक्य, संदर्भ और अनुच्छेद किसी प्रवाहमय सरिता का स्मरण कराती थी। एक समय था जब फेरीवाले अपनी किस्म-किस्म की आवाजों से हमारा ध्यान […]

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