ब्रह्मानंद राजपूत उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी सन् 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ जनपद की अतरौली तहसील के मढ़ौली ग्राम के एक सामान्य किसान परिवार में हुआ। कल्याण सिंह के पिता का नाम तेजपाल सिंह लोधी और माता का नाम सीता देवी था। भारतीय राजनीति के युगपुरुष, […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
आचार्य विष्णुगुप्त अश्विनी उपाध्याय के खिलाफ आज जबरदस्त आक्रोश है। सोशल मीडिया पर अश्वनी उपाध्याय के खिलाफ बहुत सारी बातें हो रही है, क्योंकि अश्वनी उपाध्याय गिरफ्तार राष्ट्रभक्तों को अपने हालातों पर छोड़ दिया, यानी कि पल्ला झाड़ लिया। कह दिया कि मैं इन लोगों को नहीं जानता। मैं इन लोगों की तथाकथित विरोधी नारों […]
—मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” लिब्रांडू गैंग के दरबारी शायर मुनव्वर राना ने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि, ‘वाल्मीकि रामायण लिखने के बाद भगवान बन गए, इससे पहले वह एक डकैत थे, व्यक्ति का चरित्र बदल सकता है. इसी तरह तालिबान अभी आतंकवादी हैं, लेकिन लोग और चरित्र बदलते हैं.’ राना ने कहा, […]
🙏बुरा मानो या भला 🙏 —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” मीडिया सूत्रों के हवाले से ख़बर मिली है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्ष के 19 दलों के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा है कि “देश की जनता मोदी शासन से मुक्ति चाहती है। इसलिए विपक्षी दलों को एकजुट होकर 2024 के लोकसभा चुनाव पर […]
सन् 1840 में काबुल में युद्ध में 8000 पठान मिलकर भी 1200 राजपूतो का मुकाबला 1 घंटे भी नही कर पाये। वही इतिहासकारो का कहना था की चित्तोड की तीसरी लड़ाई जो 8000 राजपूतो और 60000 मुगलो के मध्य हुयी थी वहा अगर राजपूत 15000 राजपूत होते तो अकबर भी जिंदा बचकर नहीं जाता। […]
अनूप भटनागर बताते हैं कि अदालतों में मुकदमे दायर करने के मामले में केंद्र और राज्य सरकारें सबसे आगे हैं। यही नहीं, केन्द्र और राज्य सरकारों के संबंधित विभागों के अधिकारी उच्चतम न्यायालय में अपील या विशेष अनुमति याचिका दायर करने के लिये निर्धारित समय सीमा की अवहेलना करने के मामले में भी सबसे […]
जी. पार्थसारथी नौ अगस्त के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक समुद्रीय सुरक्षा को लेकर संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद बैठक की अध्यक्षता करने वाले भारतीय प्रतिनिधि मंडल की अगुवाई की है। इस वार्ता में विश्व के अनेक शीर्षस्थ नेताओं ने भाग लिया था, रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन, कीनिया के राष्ट्रपति युहूरू केन्याटा, वियतनाम […]
स्वामिनाथन एस अंकलेसरिया अय्यर 15 अगस्त को यह खयाल उभर ही आता है कि क्या 1947 में भारत विभाजन टाला जा सकता था? कुछ लोग कहते हैं कि अंग्रेजों ने बंटवारा हम पर थोप दिया, लेकिन इतिहास का कोई भी छात्र बता देगा कि यह झूठ है। इस बारे में एक राय है, जिस […]
राकेश अचल भारत के पास एक मौका था 15 अगस्त को तालिबानियों से अपने भावी रिश्तों के संकेत देने के, लेकिन इस मौके का इस्तेमाल सरकार ने जानबूझकर नहीं किया। मुमकिन है कि ऐसा किसी रणनीति के तहत किया गया हो, लेकिन विदेशनीति को लेकर हमेशा सतर्क रहने की जरूरत होती है। दुर्भाग्य से […]
हर्ष वी. पंत तालिबान ने अफगानिस्तान पर बंदूक की नोक पर कब्जा किया है। यह उम्मीद गलत होगी कि काबुल पहुंचकर वे बदल जाएंगे। अब अगर अफगानिस्तान को सिविल वॉर से बचना है तो वहां राजनीतिक समझौता चाहिए होगा, मगर इसकी संभावना बहुत कम है। अभी तालिबान कह रहे हैं कि वे अफगानिस्तान के […]