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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

पं. दीनदयाल जी के एकात्म मानववाद संबंधी सिद्धांत पर केंद्रित है मोदी सरकार की हर नीति

धरमलाल कौशिक  विश्व जगत हर क्षेत्र में भारत से नेतृत्व की उम्मीद कर रहा है। इसके पीछे एकात्म मानववाद पर आधारित मौजूदा केंद्र सरकार की नीतियां और कार्यशैली है। यहां मैं कुछ बातों का जिक्र करना चाहूंगा, जिनसे प्रत्यक्ष रूप से पं. दीनदयाल उपाध्याय जी द्वारा प्रदत्त दर्शन की अभिव्यक्ति होती है। श्रद्धेय पंडित दीनदयाल […]

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आतंकवाद

*हिन्दू माता-पिता अपनी बेटियों को मुसलमान लड़कों के पीछे लगाते हैं-मसूद हाशमी*

🙏बुरा मानो या भला 🙏 —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” इस देश में दो प्रकार के आतंकवादी जिहाद चला रहे हैं। एक वह जो “गोली” से आतंकवाद फैलाते हैं, और दूसरे वह हैं जो “बोली” से आतंक फैलाने की साजिश कर रहे हैं। यह दोनों ही प्रकार के आतंकी भारत की एकता, अखंडता और सम्प्रभुता के लिए […]

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इतिहास के पन्नों से

महात्मा_गांधी या #स्वामी_श्रद्धानंद ? देश की जनता निर्णय करें

स्वामी श्रद्धानंद जी,लाला लाजपत राय जी और महात्मा हंसराज इन तीनो आर्य नेताओं ने धर्म परिवर्तन करने वाले हिन्दुओं को पुन: वैदिक धर्म में शामिल करने का अभियान शुरू किया ।। स्वामी श्रद्धानंद जी उस समय कांग्रेस कार्यकारिणी के सदस्य भी थे,गाँधी जी के निर्देश पर कांग्रेस ने स्वामी जी को आदेश दिया की वे […]

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आज का चिंतन

शत्रु कौन है? ठन्डे दिमाग से विचार करें

शत्रु कौन है? ठन्डे दिमाग से विचार करें 19 साल की अमृता (एमी) जिसका अभी अभी कॉलेज में एडमिशन हुआ है, उसने टीवी पर चल रहे वाद विवाद को देखते हुए अपने पापा से पूछा “व्हाट्स रॉन्ग विद दिस ऐड पापा? व्हाय ऑल द हिंदूस आर अगेंस्ट दिस ऐड? आलिया इज़ राइट, डॉटर्स आर नॉट […]

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राजनीति

सम्राट मिहिर भोज का इतिहास: यूपी में योगी आदित्यनाथ के लिए बना सिरदर्द

 संजीव सिंह  भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। विडंबना यह है कि योगी आदित्यनाथ, जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में विकासोन्मुख नेता के रूप में अपनी छवि बनाई है, उन्हें एक ऐसे समुदाय से नाराजगी और गुस्से का सामना […]

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विविधा

एक आर्टिकल और दस घंटे* *लेखक की मेहनत अनमोल है*

आम व्यक्ति के विश्वास से परे है, उसकी कल्पना से भी परे। आम आदमी विश्वास ही नहीं कर सकता है कि एक साधारण आर्टिकल लिखने में एक लेखक को दस घंटे लग सकते हैं। पर मुझे एक आर्टिकल लिखने मे दस घंटे लग गये। विषय था ‘‘ दीनदयाल उपाध्याय के सपनों का भारत ‘‘। दो […]

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महत्वपूर्ण लेख

नागालैंड : विपक्षहीन सरकार का खतरनाक प्रयोग

डॉ. दीपक पाचपोर नागालैंड एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है जहां मानवाधिकार सम्बन्धी कई मसले हैं। वहां ऐसे प्रयोग जनता के खिलाफ ही जायेंगे। सीमावर्ती होने के नाते यह राज्य संवेदनशील भी है। हमें यह भी नहीं भूलना चाहिये कि लोकतंत्र का जन्म ही विरोध से हुआ है। एक लम्बी लड़ाई के जरिये इंग्लैंड में राजशाही […]

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कविता हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविताओं से अंग्रेज भी घबराते थे

अमृता गोस्वामी  कवि दिनकर की प्रारंभिक रचनाएं उनके काव्य संग्रह ‘प्राणभंग’ और ‘विजय संदेश’ थे जो उन्होंने 1928 में लिखे थे। इसके बाद दिनकर ने कई प्रसिद्ध रचनाएं लिखीं जिनमें रेणुका, ‘परशुराम की प्रतीक्षा’, ‘हुंकार’ और ‘उर्वशी’ काफी प्रचलित रचनाएं हैं। हिंदी साहित्य में रामधारी सिंह दिनकर को उनकी राष्ट्र प्रेम और ओजस्वी कविताओं के […]

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आओ कुछ जाने

दलित शब्द के उपयोग से क्यों रोका जा रहा है ? क्या है ‘दलित’ का शाब्दिक अर्थ ?

राकेश सैन दलित शब्द का शाब्दिक अर्थ है- दलन किया हुआ। भारतीय वांगमय में दलित का अर्थ शंकराचार्य जी ने मधुराष्टकम् में द्वैत से लिया है। उन्होंने ‘दलितं मधुरं’ कहकर श्रीकृष्ण को सम्बोधित किया, उनके कहने का अर्थ है कि श्रीकृष्ण जी के पांवों तले दली गई या कुचली गई हर वस्तु मधुर है। पंजाब […]

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राजनीति

अखिलेश जी आपने परिवार द्वारा, परिवार के लिए, परिवार का शासन बना दिया*

🙏बुरा मानो या भला —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” मीडिया के हवाले से ख़बर मिली है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि “भाजपा के कारण लोकतंत्र कमजोर हुआ है।” यहाँ एक प्रश्न श्री अखिलेश यादव से बनता है कि महोदय क्या मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे गुंडों-माफियाओं के बलबूते […]

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