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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

भारत के मार्क्सवादी इतिहासकारों के बौद्धिक घोटाले, अर्थात् इतिहास की हत्या.. ..३

. [भाग ३] हिंदू लोग, विशेषकर हिंदू बुद्धिजीवी वर्ग, अपने पर हो रहे चहुंमुखी बौद्धिक हमलों के विरुद्ध किसी ठोस वैचारिक अभियान चलाने या बौद्धिक हमलों का बौद्धिक प्रत्युत्तर देने में प्रायः निष्क्रिय रहा है. स्वयं के विरुद्ध किए गए किसी के मनगढंत दावे, विवरण या सफेद जूठ को देखकर भी उसे हल्के में लेकर […]

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कविता

इतिहास गवाह है हमेशा किले के दरवाज़े अंदर से ही खोले गए है।

शिवाजी की शमशीरें, जयसिंह ने ही रोकी थीं, पृथ्वीराज की पीठ में बरछी, जयचंदों नें घोपी थी । हल्दीघाटी में बहा लहू, शर्मिंदा करता पानी को, राणा प्रताप सिर काट काट, करता था भेंट भवानी को। राणा रण में उन्मत्त हुआ, अकबर की ओर चला चढ़ के, अकबर के प्राण बचाने को, तब मानसिंह आया […]

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महत्वपूर्ण लेख

नवनीत और हिन्दुत्व के प्रताप से उद्धव ठाकरे का सूफड़ा भी साफ हो सकता है*

*राष्ट्र चिंतन* *आचार्य श्री विष्णुगुप्त* ==================== उद्धव ठाकरे और बाल ठाकरे में वास्तविक अंतर क्या है? बाल ठाकरे अपने विचारों में अटल थे, स्पष्टवादी थे और प्रखर भी थे। उनके लिए सत्ता महत्वपूर्ण थी, उनके लिए हिन्दुत्व ही महत्वपूर्ण था। हिन्दुत्व को लेकर वे कभी समझौता नहीं किये। सत्ता में बैठना उन्हें पंसद नहीं था। […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

श्री राम की छवि पर पाश्चात्य जगत की नस्लीय व पूर्वाग्रही दृष्टि

डॉ. विवेक आर्य भारतीयों के साथ पिछले 1200 वर्षों से घोर अत्याचार होता आया है। पहले इस्लामिक शासन काल रहा फिर अंग्रेजी शासन काल रहा। इस्लामिक शासन जहाँ तलवार और जबरन धर्म परिवर्तन से आगे बड़ा। वही ईसाई शासन काल में इनके अतिरिक्त बौद्धिक अतिक्रमण मुख्य रणनीति का हिस्सा था। इस बौद्धिक अतिक्रमण का मुख्य […]

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आओ कुछ जाने

यजुर्वेद में प्राणी शास्त्र

यजुर्वेद का 24 वां अध्याय प्राणी शास्त्र के नाम से जाना जाता है। इस अध्याय में 337 प्रकार के पशु पक्षियों का वर्णन मिलता है। जगत में आने वाले प्राकृतिक उत्पातो आपदाओं का ज्ञान पशु पक्षियों को स्वाभाविक रूप से शीघ्र हो जाया करता है। इसके अतिरिक्त यह भी विचारणा एवं जानना आवश्यक है कि […]

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पर्व – त्यौहार

*अक्षय्य तृतीया एवं उसे मनाने का शास्त्रीय आधार*

वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया को अक्षय्य तृतीया कहते हैं। इसे व्रत के साथ त्यौहार के रूप में भी मनाया जाता है । इस दिन महिलाएं चैत्र शुक्ल तृतीया के दिन प्रतिष्ठापित चैत्र गौरी का विसर्जन करती हैं । चैत्र शुक्ल पक्ष तृतीया से वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया तक किसी मंगलवार अथवा शुक्रवार एवं किसी शुभ दिन […]

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आतंकवाद

समाज की अकर्मण्यता व जिहादी चरण चुंबन मानवता हेतु विषकारी होगा – दिव्य अग्रवाल

एक तरफ पूरा विश्व जिहादी कटटरपंथियो की अमानवीयता व् उपद्रवी सोच से पीड़ित है परन्तु भारत के सेक्युलर राजनेता इस उपद्रवी मजहबी सोच को रोकने , प्रतिबंधित या सुधारने के स्थान पर सत्ता की लोलुपता के कारण नित कुछ न कुछ प्रपंच कर वर्तमान में स्वम सुख भोग कर , भारत के सभ्य समाज को […]

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इतिहास के पन्नों से

आक्रांता टीपू ने कोडावा हिन्दू नरसंहार कर कावेरी नदी को रक्तरंजित किया था – दिव्य अग्रवाल

कोडागु/कोडावा/ कर्नाटक का एक पहाड़ी क्षेत्र है,जिसे कावेरी नदी का जन्म स्थान भी कहा जाता है । भारत की सेना में कोडागु जनजाति को कोडावा योद्धा कहा जाता है। जनसंख्या के आशय से आज इस दुनिया में कोडवा दूसरी सबसे कम आबादी वाली जनजाति है। जिसका जिम्मेदार मुस्लिम आक्रांता टीपू और उसका अब्बाजान हैदर अली […]

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आतंकवाद

तो क्या उत्तर प्रदेश की मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए मुसलमान नहीं आएंगे?

10 हजार मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए तथा 35 हजार मस्जिदों के लाउडस्पीकरों की आवाज धीमी की गई। अजान का मतलब नमाज के लिए बुलाना है। अब तो पांचों वक्त की नमाज के लिए अजान का मोबाइल एप भी आ गया है। ============ आपसी सहमति के बाद उत्तर प्रदेश की 10 हजार मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा […]

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महत्वपूर्ण लेख

भारत के मार्क्सवादी इतिहासकारों के बौद्धिक घोटाले, अर्थात् इतिहास की हत्या… [भाग २]

रोमिला थापर vs. सीताराम गोयल: भारत के मार्क्सवादी इतिहासकार दो हथियारों (तकनिकों) से हंमेशा लैस रहते है: उनका पहला हथियार होता है अपने इतिहास लेखन पर प्रश्न उठाने वालों या असहमत होने वालों पर तुरंत “साम्प्रदायिक – communal” होने का लांछन लगा देना, ताकि सामने वाला शुरु से ही बचाव मुद्रा में आ जाए, दिफेंसिव […]

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