जातिवाद हिन्दुत्व-सनातन संहार की कील है =================== आचार्य श्री विष्णुगुप्त आज मुझे पहली बार मालूम हुआ कि महान विज्ञान शास्त्री और राजनीतिज्ञ तथा भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्टीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी जी ब्राम्हण हैं और उनकी पहचान एक जातिवादी नेता की है। इसके पूर्व मैं मुराली मनोहर जोशी को सिर्फ और सिर्फ एक […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
अशोक मधुप यूपी में पिछले पांच सालों में 172 अपराधियों की मौत पुलिस की गोली से हुई है। पुलिस ने बताया कि 2023 के 11 दिनों में ही चार बदमाश मारे गए। कुल मारे गए बदमाशों में मेरठ जोन के सबसे अधिक 67 अपराधी थे। मुठभेड़ के दौरान 4562 आरोपी पुलिस की गोली से घायल […]
डॉ. राधे श्याम द्विवेदी राम में विष्णु का आधा अंश था। भरत में विष्णु का एक चौथाई अंश था। लक्ष्मण और शत्रुघ्न में विष्णु का एक आठवां -एक आठवां अंश रहा है। इसी अनुपात में इनमें दैवी गुणों का प्रस्फुटन हुआ है। जहां त्रेता युग के भगवान राम भगवान विष्णु के अंश थे। वहीं लक्ष्मण […]
अमृतांज इंदीवर मुजफ्फरपुर, बिहार बिहार सरकार जिन क्षेत्रों में सबसे अधिक सुधार की ज़रूरत पर बल दे रही है, उनमें शिक्षा और स्वास्थ्य प्रमुख है ताकि पढ़ाई और इलाज के लिए बच्चों और मरीज़ों को दूसरे राज्यों में भटकना न पड़े. लेकिन हैरत की बात यह है कि इतने प्रयासों के बाद भी इन्हीं दोनों […]
Dr DK Garg *यज्ञो वै विष्णुः* यज्ञ को विष्णु क्यों कहा गया है? विष्लेषण ईश्वर के अनेक गुणवाचक नामों में से एक नाम है ‘‘यज्ञ‘‘ । (यज देवपूजा संगतिकरणदानेषु) इस धातु से ‘यज्ञ’ शब्द सिद्ध होता है। ‘यज्ञो वै विष्णुः’ यह ब्राह्मण ग्रन्थ का वचन है। ‘यो यजति विद्वद्भिरिज्यते वा स यज्ञः’ जो सब जगत् […]
@ कमलेश पांडेय/वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार सरल और टिकाऊ विकास के लिए ‘ग्लोबल साउथ’ का वैश्विक एजेंडा क्या होना चाहिए, इस पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी गम्भीर दिखाई देते हैं और वे चाहते हैं कि तीसरी दुनिया के विकासशील देश भी उनके साथ कदमताल भरें। वैसे तो विकसित देशों के सामने वो अक्सर विकासशील […]
कृष्ण कान्त वैदिक, देहरादून महर्षि के अनुसार ‘‘जो ज्ञानादि गुणवाले का यथायोग्य सत्कार करना है उसको पूजा कहते हैं।’ परमेश्वर की पूजा की क्या विधि हो सकती है? वेद कहता है कि परमात्मा आत्मिक, मानसिक, शारीरिक, सामाजिक आदि बलों का देने वाला है। इसी कारण से सकल देव एवं समस्त विश्व उसकी उपासना-पूजा- सेवा सत्कार, […]
डाo शिबन कृष्ण रैणा कश्मीरी भाषा में रचित रामायणों की संख्या लगभग सात है। इनमें से सर्वाधिक लोकप्रिय ‘‘रामवतरचरित“ है। इसका रचनाकाल 1847 के आसपास माना जाता है और इसके रचयिता कुर्यग्राम/कश्मीर निवासी श्री प्रकाशराम हैं। सन् 1965 में जम्मू व कश्मीर प्रदेश की कल्चरल (साहित्य) अकादमी ने ‘रामावतारचरित’ को ‘लवकुश-चरित’ समेत एक ही जिल्द […]
Dr D K Garg राम को विष्णु क्यों कहा गया है? ईश्वर अवतार नही लेता ,ईश्वर सर्वशक्तिशाली है और समस्त भू- लोक में एक ही समय में विराजमान है , अवतारवाद पर बहुत कुछ लिखा जा चुका है । राम विष्णु के अवतार थे इस बात का उत्तर इसी वाक्य में छिपा है कि राम […]
Dr D K Garg राम को विष्णु क्यों कहा गया है? ईश्वर अवतार नही लेता ,ईश्वर सर्वशक्तिशाली है और समस्त भू- लोक में एक ही समय में विराजमान है , अवतारवाद पर बहुत कुछ लिखा जा चुका है । राम विष्णु के अवतार थे इस बात का उत्तर इसी वाक्य में छिपा है कि राम […]