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इतिहास के पन्नों से

क्या आप जानते हैं ? लोहडी पंजाबी हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार है ?

लोहड़ी का पर्व एक राजपूत योद्धा दुल्ला भट्टी कि याद में पुरे पंजाब और उत्तर भारत में मनाया जाता है , लोहड़ी की शुरुआत के बारे में मान्यता है कि यह राजपूत शासक दुल्ला भट्टी द्वारा गरीब कन्याओं सुन्दरी और मुंदरी की शादी करवाने के कारण शुरू हुआ है. दरअसल दुल्ला भट्टी पंजाबी आन का […]

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आज का चिंतन

विष्णु आख्यान – भाग -4

विष्णु का वाहन गरुड़ का तात्पर्य : डॉ डी के गर्ग हिंदू धर्म में जितने भी काल्पनिक देवी देवता हैं उनमें अधिकांश को उनके गुण दोष के आधार पर किसी न किसी वाहन के साथ जोड़ दिया गया है जबकि किसी भी शरीरधारी का इन पर सवारी करना असंभव ही नहीं ना मुमकिन है ,कल्पना […]

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इतिहास के पन्नों से

महमूद गजनवी और पाकिस्तान

-पुरुषोत्तम [पाकिस्तान ने अपनी मिसाइल का परीक्षण किया। इस मिसाइल का नामकरण पाकिस्तान ने गजनवी किया हैं। महमूद गजनवी आक्रमणकारी था जिसने भारत के जिस भूभाग पर सर्वप्रथम आक्रमण किया था वह भाग आज पाकिस्तान का भाग हैं। आज जो पाकिस्तान के मुसलमान है कभी उन्हीं के हिन्दू पूर्वजों को गजनवी ने अपनी तलवार के […]

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इतिहास के पन्नों से

महाजनपद काल – एक सम्पूर्ण यात्रा (भाग-14)-अश्मक महाजनपद

उगता भारत ब्यूरो *अश्मक अथवा अस्सक महाजनपद पौराणिक 16 महाजनपदों में से एक था। *नर्मदा और गोदावरी नदियों के बीच अवस्थित इस प्रदेश की राजधानी ‘पाटन’ थी। *आधुनिक काल में इस प्रदेश को महाराष्ट्र कहते हैं। *दक्षिण भारत में स्थित यह एकमात्र जनपद था। *पुराणों के अनुसार इस महाजनपद के शासक इक्ष्वाकु वंश के थे। […]

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इतिहास के पन्नों से

आइये जाने भारत के राष्ट्रवादी ओजस्वी पुरुष भीमराव आंबेडकर के बारे में

जिन्हें आज बामसेफी/बहुजन/नमो बुधाय/जय भीम वालो ने इतना निचे गिरा दिया है की ये नाम अब स्वर्ण हिन्दू के लिए हिन्दू धर्म के लिए नफरत पैदा करता है आज इनकी छवि समाज में इतनी गिरा दी गयी है जैसे भारत में इन्होने ने ही हिन्दुओ का बटवारा किया। बाबा शाहब ने कुछ गलतिया जरुर की […]

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इतिहास के पन्नों से

गांधी की कर्मस्थली से नहीं मिट रहा छुआछूत और भेदभाव

रूबी सरकार भोपाल, मप्र मप्र के जिस हरदा जिले से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1933 में समाज से छुआछूत मिटाने का संकल्प लिया था, वहां आजादी के 75 साल बाद भी अनुसूचित जाति व जनजाति समुदाय के साथ भेदभाव व उंच-नीच को लेकर अत्याचार और अन्याय हो रहे हैं. इसकी शिकार अक्सर महिलाएं ज्यादा होती […]

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महत्वपूर्ण लेख

हिन्दू की एकता में सेंध लगाने का घातक प्रयास है जातिगत जनगणना

अजय कुमार यह देश का दुर्भाग्य है कि 21वीं सदी में भी हम जातिवाद में उलझे हुए हैं। एक तरफ समाज के सभी वर्गों में समानता लाने के लिए तमाम समाजसेवी संगठन मुहिम चला रहे हैं तो वहीं कई राजनैतिक दल वोट बैंक की सियासत के सहारे सत्ता सुख भोगने के लिए जातिगत जनगणना कराये […]

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आज का चिंतन

विष्णु आख्यान* भाग – 3

Dr D K Garg कृपया अपने विचार व्यक्त करे और अन्य ग्रुप में फॉरवर्ड करें *विष्णु के चारभुजा से क्या तात्पर्य है?* विष्णू का वाहन गरुड़ का तात्पर्य? विष्णु उस राजा को भी कहते हैं जिस राजा के यहां चारभुज होते हैं।एक भुज में पदम, दूसरे में गदा ,तीसरे चक्र और चैथे में शंख होता […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

स्वामी विवेकानंद और वेदांत का प्रसार

लोकेन्द्र सिंह राजपूत माँ भगवती की कृपा से स्वामी विवेकानंद सिद्ध संचारक थे। उनके विचारों को सुनने के लिए भारत से लेकर अमेरिका तक लोग लालायित रहते थे। लेकिन हिन्दू धर्म के सर्वसमावेशी विचार को लेकर स्वामीजी कहाँ तक जा सकते थे? मनुष्य देह की एक मर्यादा है। भारत का विचार अपने वास्तविक एवं उदात्त […]

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इतिहास के पन्नों से

महाजनपद काल – एक सम्पूर्ण यात्रा (भाग-14)-अश्मक महाजनपद

उगता भारत ब्यूरो *अश्मक अथवा अस्सक महाजनपद पौराणिक 16 महाजनपदों में से एक था। *नर्मदा और गोदावरी नदियों के बीच अवस्थित इस प्रदेश की राजधानी ‘पाटन’ थी। *आधुनिक काल में इस प्रदेश को महाराष्ट्र कहते हैं। *दक्षिण भारत में स्थित यह एकमात्र जनपद था। *पुराणों के अनुसार इस महाजनपद के शासक इक्ष्वाकु वंश के थे। […]

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