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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

संघ ने गांधी के खिलाफत आंदोलन से प्रेरणा ली थी,हिटलर से नही- इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार

——————————————— पिछले 75 वर्ष से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर यह आरोप लगता रहा है कि वह हिटलर से प्रेरणा लेकर अस्तित्व में आया। जबकि जब संघ १९२५ में बना उस समय हिटलर का जर्मनी में उदय ही नही हुआ था। इस तथ्य को जानने के उपरांत भी बहुत से लोग हैं जो अनर्गल आरोप लगाते […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

नेहरू चाहते तो गाँधी बच जाते ———इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार

——————————————— गाँधी ने बाल्मीकी मन्दिर में क़ुरान पढ़ी। इसके विरोध में वहां प्रदर्शन होने लगे। गाँधी के प्राण उस समय प्रधान मन्त्री नेहरू के लिये मूल्यवान थे,उन्होंने गाँधी को भंगी कॉलोनी से हटा कर सुरक्षित स्थान, बिरला हाउस, में स्थानांतरित कर दिया। गाँधी ने पाकिस्तान को ५५ करोड़ देने के लिये नेहरू सरकार के बिरुद्ध […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

आखिर क्या कारण था कि गांधी अंग्रेजों के लिए काम करते रहे ——-इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार

———————————————गोखले के उत्तराधिकारी गाँधी ने कांग्रेस नेता के रूप में तीन जन आन्दोलन किये। पहला ख़िलाफ़त आंदोलन,दूसरा नमक सत्याग्रह व तीसरा और अंतिम ‘अंग्रेजों ! भारत छोड़ो’ पर अपनी फौज भारत में ही बनाए रहो। गांधी द्वारा देश की आजादी के नाम पर लड़े गए इन तीनों आंदोलनों की यदि हम समीक्षा करते हैं तो […]

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इतिहास के पन्नों से

दूरदूरदृष्टा सावरकर जी और भारत की आजादी का आंदोलन ———-इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार,महा मन्त्री,वीर सावरकर फ़ाउंडेशन

——————————————— आजकल दूरदर्शन पर डिबेट हो रहे हैं। जिसमें बड़े नामी लोग भाग लेते हैं। उनमें यह ही प्रश्न उठता है कि सावरकर ने जेल से छूटने के बाद कुछ नही किया,जेल में थे तो बार बार माफ़ी माँगते थे , इस प्रकार के बे सिरपैर के आरोप कई ऐसे सिरफिरे वीर सावरकर जी पर […]

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इतिहास के पन्नों से

नेहरू देश के पहले प्रधानमन्त्री कैसे बने ? इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार

भारत का जब-जब अगस्त का महीना आता है तब तब कई खट्टी मीठी कड़वी यादें लेकर आता है। 1947 में कांग्रेस के कारण हुए देश विभाजन की याद अभी भी कितने ही लोगों के मस्तिष्क में उमड़ घुमड़ कर पैदा होने लगती है। आज भी कई चेहरे हमारे बीच में ऐसे हैं जिन्होंने विभाजन की […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

देश के क्रांतिकारी आंदोलन और स्वाधीनता संग्राम के साथ कांग्रेस के नेता नेहरू का छल -इंजिनीयर श्याम सुन्दर पोद्दार

——————————————— भारत के स्वाधीनता आंदोलन के बारे में यह बात अब पूर्णतया सत्य साबित हो चुकी है कि यह एक क्रांतिकारी आंदोलन था और उस क्रांतिकारी आंदोलन से गांधी नेहरू या उनकी कांग्रेस का दूर-दूर तक भी कोई वास्ता सरोकार नहीं था। देश को आजादी मिली तो इसी क्रांतिकारी आंदोलन के कारण मिली थी। यह […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

क्रांतिकारियों की क्रान्ति भरी हुंकार के परिणाम स्वरूप मिली थी देश को आजादी

——-इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार,महामन्त्री,वीर सावरकर फ़ाउंडेशन ——————————————— लन्दन को अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों से कँपा देने वाले वीर सावरकर १९३७ में जब लम्बे कारावास से मुक्त हुवे हुए तो राजनीति न करने का उन पर लगाया गया प्रतिबंध भी हटा लिया गया अर्थात अब वे देश की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा सकते थे। तब उन्होंने […]

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इतिहास के पन्नों से

सुभाषवादी सोच से ही देश को मिली थी आजादी

इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार,महा मन्त्री, वीर सावरकर फ़ाउंडेशन                         ——————————————— गांधी की दोरंगी नीतियों से वैसे तो इतिहास भरा पड़ा है पर उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ जिस प्रकार का दुर्भाव पूर्ण बर्ताव किया था वह तो सिर्फ एक राष्ट्रवादी को आज तक अखरता है । उस समय कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नेताजी […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

व्यर्थ में ही गांधी का महिमामंडन करके कैसे बनाया गया उन्हें महान ?

-इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार, महामन्त्री, वीर सावरकर फ़ाउंडेशन                             ——————————————— कुछ लोग अपने परिश्रम से महानता के सिंहासन पर विराजमान हो जाते हैं, तो कुछ  पर महानता जबरदस्ती थोप दी जाती है। यदि भारतीय इतिहास के कथित नायक गांधी पर इस बात को लागू किया जाए तो पता चलता है कि वह महान नहीं थे पर […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

गाँधी की मूर्खता के चलते बना था पाकिस्तान

– इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार, महामन्त्री वीर सावरकर फ़ाउंडेशन                                          ——————————————— गांधी समकालीन इतिहास का एक कौतूहल हैं। इसे उनके प्रारब्ध का ही कोई खेल समझा जाएगा कि देश के लिए उन्होंने जितना ही कुछ नकारात्मक किया उतना ही उन्हें सकारात्मक समझकर इतिहास में स्थान दिया गया । उनके जीवन की ऐसी बहुत कम उपलब्धियां हैं […]

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