◼️रिफ़ॉर्मर (सुधारक)◼️ ✍🏻 लेखक – स्वामी दर्शनानन्द जी प्रस्तुति – 🌺 ‘अवत्सार’ प्यारे मित्रो! हमारे प्राचीन ऋषि-मुनि जिसे आचार्य कहते थे, पाश्चात्य देशों में जिसे पैग़म्बर कहते थे और यूरोपीय लोग जिसे रिफ़ॉर्मर कहते हैं, ये वे लोग हैं जो अपने स्वार्थ सर्वसाधारण के हित पर न्यौछावर करके अपने तन और धन को दूसरे के […]
लेखक: आर्य सागर खारी
* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ भारत की गणना जैव विविधता (Biodiversty)अर्थात जीव-जंतुओं पक्षियों की विविधता, संख्या, उपलब्धता के मामले मैं धनी देशों (Megadiverse)में रही है….| जैव विविधता के मामले में भारत महादीपो के बीच टक्कर लेता है.. |लेकिन 700 वर्ष के गुलामी के कालखंड में भारत के आर्थिक संसाधनों को ही नहीं लूटा गया, […]
आम से मैंगो की यात्रा____________________ लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ फलों का राजा आम भारत ,पाकिस्तान व फिलीपींस का राष्ट्रीय फल होने के साथ -साथ बांग्लादेश का राष्ट्रीय वृक्ष भी है.. ।वर्ष 2010 में ही बांग्लादेश ने आम के वृक्ष को राष्ट्रीय वृक्ष का दर्जा दिया है| आम का वृक्ष भारतवर्ष का मूल देशज वृक्ष […]
लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ हष्टपुष्टजनोपेतं चातुर्वण्रर्यसमाकुलम्| (महा0 सभा पर्व) स्फीतोत्सवमनाधृष्यमासेदुश्च गिरिव्रजम्|| कातिर्कस्य तु मासस्य प्रवृतं प्रथमेहनि| (महा0 सभा पर्व) अनाहारं दिवारात्रमविश्ररान्तमवर्तत|| “कुरुदेश से चलकर गंगा और सोनभद्र को पार करके गोरथ पर्वत पर पहुंचकर उन तीनों ने मगध की राजधानी को देखा| वहां से चलकर वे तीनों गिरीब्रज के निकट जा पहुंचे वह नगर […]
आर्य सागर खारी गाय का घी उत्तम रसायन है, लेकिन बात जब गायों की दर्जनों देसी प्रजातियों मैं किसका घी उत्तम माना जाए ? तो वहां साहीवाल राठी गिर जैसी उत्तम नस्लों को पीछे छोड़ते हुए मध्यम आकार की सफेद सलेटी कबरे रंग की देसी गाय की अनोखी नस्ल नारी बाजी मार लेती है। इस […]
सारस का सर्वनाश,ये कैसा विकास । सारस इस पृथ्वी का सबसे बड़ा उड़ने वाला पक्षी है। सौभाग्य से भारत सहित दक्षिण एशिया आदि में ही पाया जाता है। गंभीर रूप से संकटग्रस्त इस पक्षी की महज पूरे विश्व में 20 से 25 हजार की आबादी मानी जाती है। इसमें भी आधे सारस भारत में पाए […]
आर्य सागर खारी🖋️ 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में संयुक्त प्रांत उत्तर प्रदेश के जिस जनपद में मेरठ के पश्चात सर्वाधिक क्रांति की चिंगारी उठी वह जनपद एकमात्र बुलंदशहर ही था तथा बलिदानीयो ने अपने खून से स्वाधीनता की होली खेली बुलंदशहर में जो गंगा -यमुना के बीच एकमात्र विशाल जनपद था। क्रांति भूमि मेरठ […]
=============== भारत की आत्मा गांवों में बसती है । वैदिक कालीन परंपराओं संस्कृति की कुछ झलकियां आज भी गांवो में दिखाई देती हैं। यह छवि हमारे गांव के चैत्य ( देव) स्थल जिसे ग्रामीण’ प्राचीन झीडी तपोभूमि ‘कहते हैं की है। जिसमे स्थित असंख्य पेड़ों में से एक मंजूफल के पेड़ पर एक वानर बैठा […]
गोरों की युद्धक की निशानियां….! आज 10 मई है भारतीय स्वाधीनता संग्राम 1857 को लगभग 176 वर्ष पूरे हो गए हैं। कभी दुनिया के 50 देशों पर शासन करने वाले अंग्रेज राजघराने का शासन आज महज इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड आयरलैंड जैसे 5 देशों में सिमट गया है कोई लंबे चौड़े देश नहीं है उन्हें देश […]
अनन्या मिश्रा त्यागराज ‘कर्नाटक संगीत’ के महान ज्ञाता और भक्ति मार्ग के एक प्रसिद्ध कवि थे। त्यागराज ने भगवान श्रीराम को समर्पित भक्ति गीतों की रचना की थी। उन्होंने समाज और साहित्य के साथ-साथ कला को भी समृद्ध करने का काम किया था। त्यागराज की हर रचना में इनकी विद्वता झलकती है। बता दें कि […]