* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ बस किसी तरह यह अन्न छानने, कूटने,पकाने के विविध मानव श्रमचालित पात्र उपकरण पुनः हमारे घर में स्थान पाकर प्रयोग में आ जाए तो मधुमेह ,अवसाद,ह्रदय पेट रोगों से धीमी व तेज मौत मरते लोगों को पुनर्जीवन स्वास्थ्य मिल जाएगा। पहले प्राचीन भारतीय घरों में अन्नागार बनता था। जहां […]
लेखक: आर्य सागर खारी
लेख संख्या 18* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️। महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती के उपलक्ष्य में 200 लेखों की लेखमाला के क्रम में आर्य जनों के अवलोकनार्थ लेख संख्या 18। गुरु के पास से विदा होने के समय स्वामी दयानंद के पास यह वस्तुएं थी।1) उनके पास संस्कृत व्याकरण दर्शनों का पांडित्य था। […]
11 लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ (जगतगुरु महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200 वी जयंती के उपलक्ष्य में 200 लेखों की लेखमाला के क्रम में आर्य जनों के अवलोकनार्थ लेख संख्या11) दंडी जी के द्वारा सार्वभौम सभा की स्थापना के वैचारिक आग्रह , पाठशाला में अध्यापन कराने, पंडितों के साथ शास्त्रार्थ करने देशी राजाओं से […]
(जगतगुरू महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200 वी जयंती के उपलक्ष्य में 200 लेखों की लेखमाला के क्रम में आर्य जनों के अवलोकनार्थ लेख संख्या 9) प्रज्ञा चक्षु दंडी स्वामी विरजानन्द जी को ‘सार्वभौम सभा’ के गठन व उसके प्रथम विद्ववत सम्मेलन का आश्वासन देकर जयपुरपति राम सिंह द्वितीय ने गंभीर ध्यान आश्वासन को कार्य […]
* (महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200 वीं जयंती के उपलक्ष्य में 200 लेखो की लेखमाला के क्रम में आर्य जनों के अवलोकनार्थ लेख संख्या 8) दंडी जी ने आर्ष ग्रंथों के प्रचार अनार्ष ग्रन्थों के समूल उच्छेद की प्रतिज्ञा ली थी। यद्यपि वृद्धावस्था ने धीरे-धीरे उन्हें मृत्यु का निकटवर्ती बना दिया था लेकिन अपने […]
* (जगतगुरु महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200 वीं जयंती के उपलक्ष्य में 200 लेखों की लेखमाला के क्रम में आर्य जनों के अवलोकनार्थ लेख संख्या 7) प्रज्ञा चक्षु विरजानन्द जी अपने प्रत्येक विद्यार्थी को अपूर्व व अभिनव प्रणाली से पढ़ाते थे। जैसे अध्यापक गण सब छात्रों को एकत्रित करके उनका विभाग करके एक-एक श्रेणी […]
* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ वैदिक संस्कृति पर्व प्रधान रही है। वैदिक संस्कृति के नियामक ग्रंथ ग्रह्य सूत्र हैं। आपस्तम्ब आश्वलायन, गोभिल, पारस्कर जैसे असंख्य ऋषियों द्वारा समय समय पर वेदानुकूल प्रणीत ग्रह्य सूत्रों ने भारतीय जीवन को परिष्कृत नियमित व्यवस्थित आदर्श बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।अध्यात्म आधिदैव, धर्माचार, कर्तव्य ,यज्ञ कर्मकांडादि […]
लेखक आर्य सागर खारी ✍ आज नाग पंचमी है ऐसी कथित मान्यता है सांप को दूध पिलाना आज पुण्य माना जाता है लेकिन मुद्दा यह है क्या सांप दूध पीते हैं? हमारे देश में सर्प एकमात्र ऐसा सरीसृप जंतु है जिसके बारे में लोगों को तथ्यात्मक कम कल्पनात्मक ज्ञान ज्यादा है| बात यदि सांप के […]
* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ हमारे पूर्वज इस आर्यवर्त की महान भूमि पर नाना प्रकार के यज्ञ का अनुष्ठान करते थे| इनमें सर्वाधिक प्रचलित वृष्टि यज्ञ था| वृष्टि यज्ञ के अनुष्ठान से इच्छा अनुसार वर्षा कराई जाती थी| तब तब बारिश कराई जाती थी जब जब वर्षा की आवश्यकता होती थी| आज हम आपको […]
नोट―यह उपदेश सभी स्त्रियों के लिए बहुत प्रेरक उपदेश है, आचरण में लायें। देवो मनुष्यो गन्धर्वो युवा चापि स्वलंकृत: । द्रव्यवानभिरुपोवा न मेऽन्य: पुरुषोमत: ।। भावार्थ― देवता, मनुष्य, गन्धर्व, युवक अच्छी सज धज वाला धनवान अथवा परम सुन्दर कैसा ही पुरुष क्यों न हो, मेरा मन भर्ता (पति) को छोड़कर कहीं नहीं जाता। दुर्व्याह्रताच्छंकमाना दु:स्थिताद् […]