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आज का चिंतन

संसार में होते हैं अधिकतर लोग कामचोर : विवेकानंद परिव्राजक जी महाराज

“संसार में देखा जाता है, कि सामान्य व्यक्ति अधिकतर कामचोर होता है। वह पुरुषार्थ करने से बचना चाहता है। “बैठे बिठाए सारी सुविधाएं मिल जाएं, और कुछ खास मेहनत करनी न पड़े।” ऐसी मनोवृत्ति लोगों की प्रायः देखी जाती है।” जब उनका दूसरे लोगों के साथ व्यवहार होता है, तो दूसरे लोग अर्थात माता पिता […]

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आज का चिंतन

मनुस्मृति और नारी जाति (विश्व मातृ दिवस पर विशेष रूप से प्रकाशित)

भारतीय समाज में एक नया प्रचलन देखने को मिल रहा है। इस प्रचलन को बढ़ावा देने वाले सोशल मीडिया में अपने आपको बहुत बड़े बुद्धिजीवी के रूप में दर्शाते है। सत्य यह है कि वे होते है कॉपी पेस्टिया शूरवीर। अब एक ऐसी ही शूरवीर ने कल लिख दिया मनु ने नारी जाति का अपमान […]

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आज का चिंतन

*यजुर्वेद में प्राणी शास्त्र*

यजुर्वेद का 24 वां अध्याय प्राणी शास्त्र के नाम से जाना जाता है। इस अध्याय में 337 प्रकार के पशु पक्षियों का वर्णन मिलता है। जगत में आने वाले प्राकृतिक उत्पातो आपदाओं का ज्ञान पशु पक्षियों को स्वाभाविक रूप से शीघ्र हो जाया करता है। इसके अतिरिक्त यह भी विचारणा एवं जानना आवश्यक है कि […]

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स्वास्थ्य

मोटा_अनाज__खाओ_मस्त_रहो___________________________

__________________ आजादी से पहले उसके पश्चात कुछ समय तक हमारे देश में मोटे अनाज खाने का ही व्यापक प्रचलन था.. भारत के जनजातियां समाज में तो आज भी है| हमारे पूर्वज मोटे अनाज को खाकर.. या यूं कहें मिलाजुला खाते थे मिल जुल कर रहते थे.. शरीर स्नायु लोहे की तरह मजबूत विचारों से धनी […]

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गौ और गोवंश

*गौ दुग्ध और श्वास रोग*”

=============== वर्ष 2020 में स्पेन कोरोना वैश्विक महामारी से बुरी तरह प्रभावित रहा। अब वहां कोरोना संक्रमण थम गया है। कोरोना संक्रमण से होने वाली lungs डिजीज का कोई अभी स्पेसिफिक ट्रीटमेंट मेडिकल साइंस में नहीं है केवल कुछ स्टेरॉइड एंटीवायरल मेडिसिन से लक्षणों का उपचार किया जा रहा है। दूसरा विकल्प एक्वायर्ड आर्टिफिशियल एक्टिव […]

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आज का चिंतन

*शिक्षा शिक्षार्थी शिक्षक और यजुर्वेद*

वैदिक गुरुकुलीय आर्ष शिक्षा पद्धति संसार की सबसे प्राचीन वैज्ञानिक तार्किक बहुआयामी विकसित शिक्षा पद्धति है। जिसे भारतीय शिक्षा पद्धति के नाम से भी पहचाना संबोधित किया जाता है ।अंग्रेजों के भारत आगमन से पूर्व भारतीय शिक्षा पद्धति भारत के लाखों ग्रामों में स्थापित एकछत्र व्यापकता से प्रचलित थी। भारतीय अर्थात गुरुकुलीय वैदिक शिक्षा पद्धति […]

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कृषि जगत

पेट भरा लेकिन स्वाद पौष्टिकता नदारद*

______________ हरित क्रांति के साथ देश में नारा दिया गया अधिक अनाज पैदा करो नतीजा निकला देश में अनाज के भंडार लग गए अनाज उत्पादन में देश आत्मनिर्भर हो गया.. देश में गेहूं की सैकड़ों संकर प्रजाति के बीज तैयार किए गए जिनसे रिकॉर्ड अनाज उत्पादन मिला | देश के हर व्यक्ति को अनाज की […]

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आज का चिंतन

*पीडक ही, पीड़ित हो गया*

___________________ पशु पक्षी जीव जंतुओं से हमारा संबंध अनेक आयामों में है पशु पक्षी जीव जंतु पालनीय हैं ,हम इनके पालक हैं| यह रक्षा करने योग्य रक्षनीय हैं, हम इनके रक्षक हैं | सृष्टि के आदि से लेकर मनुष्य ने इस कर्तव्य को भलीभांति निभाया… सभी जीवो से यथा योग्य कार्य लिया… बगैर पीड़ा पहुंचाए […]

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विविधा

मधुमास मधुमक्खी और मधु*

================== मधुमक्खी गजब का परिश्रमी सामाजिक बुद्धिमान कीट है । मधुमक्खी अपना जीवन अप्रैल से लेकर सितंबर इन 6-7 महीनों में जी लेती है…. सितंबर के पश्चात सर्दियों का मौसम मधुमक्खियों के लिए बहुत बेरहम विध्वंसक होता है…. इस मौसम में मधुमक्खियां भुख ठंड से मरती हैं। छत्ते में शहद लगभग खत्म हो जाता है […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

नशेड़ी युवक से क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल*____

शहीद रामप्रसाद बिस्मिल का जीवन प्रेरणा बन सकता है उन हजारों लाखों भारत के नव युवको के लिए जो नशे धूम्रपान की गिरफ्त में फंसे हुए हैं..| राम प्रसाद बिस्मिल को किशोरावस्था में घर से पैसे चुराने सिगरेट पीने भांग पीने तथा *उपन्यास पढ़ने जैसी कई बुरी आदतें लग गई थी छठी जमात में कई […]

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