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आज का चिंतन

मनुष्य का आत्मा ही ईश्वर प्राप्ति और प्रार्थनाओं की पूर्ति का धाम है

ओ३म् ============== मनुष्य की अपनी अपनी आवश्यकतायें एवं इच्छायें हुआ करती हैं। वह उनकी पूर्ति के लिये प्रयत्न भी करते हैं। मनुष्य जिस सामाजिक वातावरण में रहता है वहां उसे अपने बड़ों से जो शिक्षा मिलती है उसमें उसकी स्वाभाविक प्रवृत्ति हो जाती है। वह बिना छानबीन व विवेक से उन्हें स्वीकार कर लेता है। […]

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धर्म-अध्यात्म

ईश्वर में आस्था सत्य व ज्ञान से युक्त होने पर ही सार्थक होती है

ओ३म् ========== हम एक बहु प्रचारित विचार को पढ़ रहे थे जिसमें कहा गया है‘ईश्वर में आस्था है तो मुश्किलों में भी रास्ता है।’ हमें यह विचार अच्छा लगा परन्तु यह अपने आप में पूर्ण न होकर अपूर्ण विचार है। इसको यदि ठीक से समझा नहीं गया तो इससे लाभ के साथ कभी कभी बड़ी […]

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पर्व – त्यौहार

मकर संक्रांति का वास्तविक पर्व पड़ता है 22 दिसंबर को

ओ३म् ========= 📷 श्री राधेश्याम गोयल ‘ढाणीवाला’, नीचम का एक लेख22 दिसम्बर को ‘‘सूर्य मकर रेखा पर” पाणिनी कन्या गुरुकुल की आचार्या जी से व्हटशप पर प्रसारित होकर हमें प्राप्त हुआ है। इस लेख में लेखक की दो बातों का हम उद्धृत कर रहे हैं। 1- 22 दिसम्बर को पृथिवी पर मकर रेखा पर जब […]

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उगता भारत न्यूज़

वेदिक साधन आश्रम तपोवन गमन का वृतांत

ओ३म् ======== हम आज दिनांक21-12-2020 को वैदिक साधन आश्रम तपोवन भ्रमण पर गये। आश्रम के अधिकारी एवं अन्य बन्धु आश्रम संबंधी कार्यों से यत्र-तत्र गये हुए थे। वहां हमें एक सज्जन मिले जो दिल्ली से आये हुए हैं। उन्होंने बताया कि वह दस बारह दिन से यहां आयें हैं और यहीं रहेंगे तथा आश्रम की […]

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आज का चिंतन

ऋषि दयानंद ने सबको वेदों और मत मत मतान्तरों का अध्ययन कर असत्य को छोड़ने का परामर्श दिया

ओ३म् ========== मनुष्य के जीवन की आवश्यकता है सद्ज्ञान की प्राप्ति और उसको धारण करना। बिना सद्ज्ञान के उसका जीवन सही दिशा को प्राप्त होकर जीवन के उद्देश्य व लक्ष्य को प्राप्त नहीं हो सकता। मनुष्य एक मननशील प्राणी है। इसे मनन करना आना चाहिये और मननपूर्वक सत्य व असत्य का निर्णय करना भी आना […]

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धर्म-अध्यात्म

पृथ्वी आदि लोकों का आकाश में भ्रमण का सिद्धांत वेदों की देन है

ओ३म् ========== महर्षि दयानन्द ने ईश्वर प्रदत्त ज्ञान चार वेदों की भूमिका स्वरूप जिस ग्रन्थ का निर्माण किया है उसका नाम है‘ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका’। इस ग्रन्थ में ऋषि दयानन्द जी ने चार वेदों के मन्त्रों के प्रमाणों से अनेक ज्ञान विज्ञ़़ान से युक्त विषयों को प्रस्तुत किया है। सृष्टि विद्या विषय भी इस ग्रन्थ में सम्मिलित है। […]

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आज का चिंतन

ऋषि दयानंद की ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ने वेदों का विस्तृत परिचय कराया

-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा ने वनस्पति जगत सहित पृथिवी पर अग्नि, जल, वायु, आकाश आदि पदार्थ प्रदान किये थे। जब यह पृथिवी मनुष्यों के निवास के अनुकूल हुई वा बन गई तो इसमें पशु, पक्षी आदि नाना प्रकार के प्राणियों सहित मनुष्यों की रचना व उत्पत्ति की गई। मनुष्य के […]

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आज का चिंतन

ईश्वर एक सच्चिदानंद स्वरूप सर्वव्यापक तथा सर्वांतर्यामी सत्ता है

-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हमारा यह संसार एक सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, अनादि, नित्य तथा सर्वशक्तिमान सत्ता से बना है। ईश्वर में अनन्त गुण हैं। उन्हीं गुणों में उसका सत्य, चित्त व आनन्द गुण सहित सर्वव्यापक तथा सर्वान्र्यामी होना भी सम्मिलित है। अनादि व नित्य होने से वह काल से परे है। उसका आरम्भ व अन्त नहीं […]

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धर्म-अध्यात्म पर्यावरण

देवयज्ञ अग्निहोत्र करने से मनुष्य पाप से मुक्त और सुखों से युक्त होते हैं

ओ३म् ============ मनुष्य चेतन प्राणी है। चेतन होने के कारण इसे सुख व दुख की अनुभूति होती है। सभी मनुष्य सुख चाहते हैं, दुःख प्राप्त करना कोई मनुष्य नहीं चाहता। ऐसा होने पर भी अनेक कारणों से हमें सुख व दुःख दोनों ही प्राप्त होते हैं। मनुष्य को सुख प्राप्त करने के लिये प्रयत्न व […]

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धर्म-अध्यात्म

ऋषि दयानंद ने वेदोद्धार सहित अंधविश्वास एवं कुरीतियों को दूर किया था

-मनमोहन कुमार आर्य प्रकाश करने की आवश्यकता वहां होती है जहां अन्धकार होता है। जहां प्रकाश होता है वहां दीपक जलाने वा प्रकाश करने की आवश्यकता नहीं होती। हम महाभारत काल के उत्तरकालीन समाज पर दृष्टि डालते हैं तो हम देखते हैं कि हमारा समाज अनेक अज्ञान व अविद्यायुक्त मान्यताओं के प्रचलन से ग्रस्त था। […]

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