Categories
धर्म-अध्यात्म

ईश्वर की न्याय व्यवस्था सर्वज्ञता पर आधारित होने के कारण निर्दोष है

ओ३म् ========= संसार में अनेक देश हैं जिनमें अपनी अपनी न्याय व्यवस्था स्थापित वा कार्यरत है। सभी देशों की न्याय व्यवस्थायें एक समान न होकर अलग-अलग हैं। भारत की न्याय व्यवस्था अन्य देशों से भिन्न प्रकार की है जिसका एक कारण भारत का अपना संविधान है। हमारे देश में वादों के निर्णय होने में वर्षों […]

Categories
प्रमुख समाचार/संपादकीय

पंडित शिवपूजन सिंह कुशवाहा के 50 ग्रंथों का तीन खंडों में प्रकाशन

ओ३म् -जिज्ञासु स्वाध्यायशील पाठकों के लिये हर्षप्रद समाचार- ============= पं. शिवपूजनसिंह कुशवाह जी आर्यसमाज के उच्च कोटि के वैदिक विद्वानों में अग्रणीय विद्वान थे। आपने शास्त्रों का अध्ययन कर उच्च कोटि की विद्वता प्राप्त कर आर्यसमाज के वैदिक सिद्धान्तों वा विचारधारा का लेखनी के द्वारा समर्पण भाव से प्रचार किया। आचार्य कुशवाह जी ने लगभग […]

Categories
हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

ऋषि दयानंद और आर्य समाज ने देश , धर्म , संस्कृति को क्या योगदान किया ?

ओ३म् ============ भारत देश, इसका धर्म वैदिक धर्म एवं वैदिक संस्कृति संसार में प्राचीनतम हैं। संसार में प्रचलित मत-मतान्तरों को तो यह भी पता नहीं है कि संसार की उत्पत्ति कब, किससे, क्यों व कैसे हुई? इन प्रश्नों के उत्तर वैदिक धर्म के अनुयायी आर्यसमाज के सामान्य बन्धु तथा विद्वान सभी जानते हैं। जो मनुष्य […]

Categories
सैर सपाटा

गुरुकुल पौंधा देहरादून की हमारी यात्रा विषयक कुछ बातें

ओ३म् =========== कल शनिवार दिनांक 11-7-2020 को हम अपने एक वरिष्ठ स्थानीय मित्र कर्नल रामकुमार आर्य जी के साथ गुरुकुल पौंधा भ्रमण के लिये गये। कल गुरुकुल के आचार्य डा. धनंजय आर्य जी का जन्म दिवस भी था। इस दृष्टि से हमारा कल जाना अधिक सार्थक रहा। हमने आचार्य जी को जन्म दिवस की बधाई […]

Categories
आज का चिंतन

एक अकेला ईश्वर सृष्टि की उत्पत्ति , पालन और प्रलय कैसे कर सकता है ?

ओ३म् ============ वैदिक धर्मी मानते हैं कि संसार में ईश्वर एक है और वही इस सृष्टि का रचयिता, पालनकर्ता तथा प्रलयकर्ता है। वही ईश्वर असंख्य जीवों के सभी कर्मों का साक्षी होता है तथा उन्हें उनके अनेक जन्म-जन्मान्तरों में सभी कर्मों के सुख व दुःख रूपी फल देता है। एक ईश्वरीय सत्ता के लिये इस […]

Categories
हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

ऋषि दयानंद का गुरु विरजानंद से विद्या प्राप्ति का उद्देश्य और उसका परिणाम

ओ३म् ============ ऋषि दयानन्द ने सच्चे शिव वा ईश्वर को जानने के लिए अपने पितृ गृह का त्याग किया था। इसके बाद वह धर्म ज्ञानियों व योगियों की तलाश कर उनसे ईश्वर के सत्यस्वरूप व उसकी प्राप्ति के उपाय जानने में तत्पर हुए थे। देश के अनेक स्थानों पर वह इस उद्देश्य की पूर्ति में […]

Categories
पर्व – त्यौहार

योगेश्वर श्रीकृष्ण एक अद्वितीय महापुरुष थे जिनका जीवन और कार्य अनुकरणीय है

ओ३म् -आगामी कृष्ण जन्माष्टी पर्व दिनांक 12 अगस्त, 2010 पर- ============= मनुष्य का जन्म आत्मा की उन्नति के लिये होता है। आत्मा की उन्नति में गौण रूप से शारीरिक उन्नति भी सम्मिलित है। यदि शरीर पुष्ट और बलवान न हो तो आत्मा की उन्नति नहीं हो सकती। आत्मा के अन्तःकरण में मन, बुद्धि, चित्त एवं […]

Categories
भारतीय संस्कृति

महर्षि दयानंद ने मत मतान्तरों के सत्य असत्यकी परीक्षा कर सत्य के ग्रहण करने का सिद्धांत दिया

ओ३म् ============ ऋषि दयानन्द ने अपने ज्ञान व ऊहा से वेदों को सृष्टि के आरम्भ में चार ऋषियों को सर्वव्यापक परमात्मा से प्राप्त सत्य ज्ञान के ग्रन्थ स्वीकार किया था। इस सिद्धान्त व मान्यता की उन्होंने डिण्डिम घोषणा की है। इसके पक्ष में उन्होंने उदाहरणों सहित एवं तर्क युक्त बातें विस्तार से अपने विश्व प्रसिद्ध […]

Categories
हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

देश की आजादी की लड़ाई में महर्षि दयानंद और आर्य समाज का योगदान

ओ३म् ============ माना जाता है कि देश 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेज़ों की दासता से मुक्त हुआ था। तथ्य यह है कि सृष्टि के आरम्भ से पूरे विश्व पर आर्यों का चक्रवर्ती राज्य रहा। आर्यों वा उनके पूर्वजों ने ही समस्त विश्व को बसाया है। सभी देशों के आदि पूर्वज आर्यावर्तीय आर्यों की ही सन्तानें […]

Categories
हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सामवेद भाष्यकार आचार्य रामनाथ विद्यालंकार अपनी वेद सेवा के लिए सदैव अमर रहेंगे

ओ३म् – 106 वी जयन्ती पर- ============ ऋषि दयानन्द की शिष्य मण्डली एवं विश्व के शीर्ष वैदिक विद्वानों में आचार्य डा. रामनाथ वेदालंकार जी का गौरवपूर्ण स्थान है। अपने पिता की प्रेरणा से गुरुकुल कागड़ी, हरिद्वार में शिक्षा पाकर, वहीं एक उपाध्याय व प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवायें देकर तथा अध्ययन, अध्यापन, वेदों पर […]

Exit mobile version