(आज राष्ट्रगान के रचियता, नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर का जन्मदिवस है। इस अवसर पर गुरुदेव के द्वारा महर्षि दयानन्द की स्मृति में दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि को प्रस्तुत कर रहे है। ) महर्षि दयानन्द ने वेद प्रचार की अपनी यात्राओं में बंगाल वा कोलकत्ता को भी सम्मिलित किया था। वह राष्ट्रकवि श्री रवीन्द्रनाथ […]
लेखक: मनमोहन कुमार आर्य
ओ३म् गुरुकुल पौंधा उत्तराखण्ड की राजधानी में स्थित वैदिक अध्ययन अध्यापन का एक मुख्य केन्द्र है। यह महर्षि दयानन्द प्रणीत पद्धति पर चल रहा है। जून सन् 2000 में इसकी स्थापना स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती जी ने की थी। विगत 21 वर्षों में गुरुकुल ने कई क्षेत्रों में अनेक उपलब्धियां अर्जित की हैं। अनेक बड़े बड़े […]
ओ३म् ============== मनुष्य जानता है कि वह एक चेतन सत्ता है। जीवित अवस्था में चेतन सत्ता जीवात्मा शरीर में विद्यमान रहती है। मृत्यु होने पर जीवात्मा शरीर को छोड़कर चली जाती है। जीवात्मा का शरीर में रहना जीवन और उसका शरीर से निकल जाना ही मृत्यु कहलाता है। किसी ने न तो जीवात्मा को देखा […]
ओ३म् -आज ऋषि बाल्मीकि के आदर्श महामानव राम के जन्मदिवस रामनवमी महापर्व के उपलक्ष्य में- “राम का वनगमन से पूर्व अपने पिता दशरथ व माता से प्रशंसनीय संवाद” राम को हमारे पौराणिक बन्धु ईश्वर मानकर उनकी मूर्तियों की पूजा करते वा उनको सिर नवाने के साथ यत्र तत्र समय-समय पर राम चरित मानस का पाठ […]
अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी कोविड के तीन चरण:- 1. केवल नाक में– रिकवरी का समय आधा दिन है। (स्टीम इन्हेलिंग), विटामिन सी। आमतौर पर बुखार नहीं होता है। स्पर्शोन्मुख। 2. गले में – गले में खराश, रिकवरी का समय 1 दिन (गर्म पानी का गरारा, पीने के लिए गर्म पानी, पेरासिटामोल। विटामिन सी, Bcomplex। गंभीर हो […]
इटली विश्व का पहला देश बन गया है जिसनें एक कोविड-19 से मृत शरीर पर अटोप्सी (पोस्टमार्टम) किया और एक व्यापक जाँच करने के बाद पता लगाया है कि वायरस के रूप में कोविड-19 मौजूद नहीं है, बल्कि यह सब एक बहुत बड़ा ग्लोबल घोटाला है। लोग असल में “ऐमप्लीफाईड ग्लोबल 5G इलैक्ट्रोमैगनेटिक रेडिएशन (ज़हर)” […]
ओ३म् ========= हम संसार में जन्में हैं। हमें मनुष्य कहा जाता है। मनुष्य शब्द का अर्थ मनन व चिन्तन करने वाला प्राणी है। संसार में अनेक प्राणी हैं परन्तु मनन करने वाला प्राणी केवल मनुष्य ही है। मनुष्य का जन्म-माता व पिता से होता है। यह दोनों मनुष्य के जन्म में मुख्य कारण वा हेतु […]
ओ३म् ========== मनुष्य मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं, ज्ञानी व अज्ञानी। रोग के अनेक कारणों में से मुख्य कारण भोजन भी होता है। रोगी व्यक्ति डाक्टर के पास पहुंचता है तो कुशल चिकित्सक जहां रोगी को रोग निवारण करने वाली ओषधियों के सेवन के बारे में बताता है वहीं वह उसे पथ्य अर्थात् भक्ष्य […]
ओ३म् ========== सृष्टि के आरम्भ से लेकर अद्यावधि संसार में अनेक महापुरूष हुए हैं। उनमें से अनेकों ने अनेक ग्रन्थ लिखे हैं या फिर उनके शिष्यों ने उनकी शिक्षाओं का संग्रह कर उसे ग्रन्थ के रूप में संकलित किया है। हम अपने जीवन में उत्तम महान पुरूष को प्राप्त करने के लिए निकले तो हमें […]
ओ३म् ============ महात्मा प्रभु आश्रित जी आर्यसमाज के उच्च कोटि के साधक व वैदिक विचारधारा मुख्यतः अध्यात्म एवं यज्ञादि के प्रचारक थे। उनका जन्म 13 फरवरी, 1887 को जिला मुजफ्फरगढ़ (पाकिस्तान) के जतोई नामक ग्राम में श्री दौलतराम जी के यहां हुआ था। महात्मा जी के ब्रह्मचर्य आश्रम का नाम श्री टेकचन्द था। वानप्रस्थ आश्रम […]