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भाषा

-हिन्दी दिवस 14 सितम्बर पर- “स्वामी दयानन्द और हिन्दी”

ओ३म् ========= भारतवर्ष के इतिहास में महर्षि दयानन्द पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने पराधीन भारत में सबसे पहले राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता के लिए हिन्दी को सर्वाधिक महत्वपूर्ण जानकर मन, वचन व कर्म से इसका प्रचार-प्रसार किया। उनके प्रयासों का ही परिणाम था कि हिन्दी शीघ्र लोकप्रिय हो गई। यह ज्ञातव्य है कि हिन्दी को स्वामी […]

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आज का चिंतन

ऋग्वेद पारायण यज्ञ, भजन एवं सत्संग का आयोजन- ‘मनुष्य को सच्चिदानन्दस्वरूप ईश्वर की उपासना करनी चाहियेः शैलेशमुनि सत्यार्थी

ओ३म्’ वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के मंत्री श्री प्रेम प्रकाश शर्मा जी प्रत्येक वर्ष सितम्बर महीने में अपने निवास पर वेद पारायण यज्ञ का आयोजन करते हैं। इस वर्ष उन्होंने 8 सितम्बर से 11 सितम्बर 2021 तक ऋग्वेद पारायण यज्ञ का आयोजन किया है। वार्तालाप में उन्होंने हमें बताया कि वह ऋग्वेद के सात […]

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आज का चिंतन

“ईश्वर सृष्टि की रचना व संचालन क्यों व किसके लिए करता है?”

ओ३म मनुष्य, आस्तिक हो या नास्तिक, बचपन से ही उसके मन में सृष्टि व इसके विशाल भव्य स्वरूप को देखकर अनेक प्रश्न व शंकायें होती हैं। एक प्रश्न यह होता है कि इस सृष्टि का रचयिता कौन है और उसने किस उद्देश्य से इसकी रचना की है? इसका उत्तर या तो मिलता नहीं है और […]

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आज का चिंतन

–आर्य धामावाला, देहरादून का रविवारीय सत्सग– “उपासक समाधि से प्राप्त सुख को पाकर फूला नहीं समाताः शैलेशमुनि सत्यार्थी”

ओ३म् ============= आज रविवार दिनांक 5-9-2021 को हम आर्यसमाज धामावाला, देहरादून के रविवारीय सत्संग में सम्मिलित हुए। हमने समाज में सम्पन्न अग्निहोत्र में भाग लिया। आर्यसमाज के प्रधान श्री सुधीर गुलाटी जी यजमान के आसन पर उपस्थित होकर यज्ञाग्नि में साकल्य से आहुतियां दे रहे थे। यज्ञ आर्यसमाज के विद्वान पुरोहित श्री विद्यापति शास्त्री जी […]

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धर्म-अध्यात्म

“महाभारत के कृष्ण आदर्श योगी, आप्त विद्वान एवं अनुकरणीय महापुरुष”

ओ३म् ========== योगेश्वर श्री कृष्ण जी पूरे विश्व में विख्यात हैं। इसका कारण उनका श्रेष्ठ आदर्श जीवन, उनके कार्य और श्रीमद्भगवद् गीता में उनके द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश है। योगेश्वर कृष्ण लगभग 5,200 वर्ष से कुछ पूर्व इस भारत भूमि के मथुरा नामक नगर में जन्मे थे। उनकी माता देवकी, पिता वसुदेव तथा […]

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धर्म-अध्यात्म

“‘ईश्वर अनादि काल से हमारा साथी है और हमेशा रहेगा”

ओ३म् ========== अथर्ववेद के एक मन्त्र ‘अन्ति सन्तं न जहात्यन्ति सन्तं न पश्यति। देवस्य पश्य काव्यं न ममार न जीर्यति।।’ में कहा गया है कि ईश्वर जीवात्मा के अति समीप है। वह जीवात्मा का त्याग नहीं करता। इसका दूसरा अर्थ यह भी है कि ईश्वर हमारे अति समीप है, जीवात्मा उसका त्याग नहीं कर सकता […]

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आज का चिंतन

भजनोपदेशक पं. ओमप्रकाश वर्मा के जीवन का कश्मीर में प्रचार विषयक एक प्रेरक एवं रोचक प्रसंग”

ओ३म् पं. ओमप्रकाश वर्मा आर्यसमाज की पिछली पीढ़ियों से परिचित एकमात्र ऐसे आर्योपेदेशक थे जिन्हें आर्यसमाज के वरिष्ठ संन्यासियों, भजनोपदेशकों, आर्यविद्वानों के साथ कार्य करने का अनुभव प्राप्त था। उनके स्मृति-संग्रह में आर्यसमाज के गौरव को बढ़ाने वाली अनेक ऐतिहासिक घटनायें थी जिन्हें आर्यजन एवं इसके शीर्ष विद्वान भी उनसे लेखबद्ध करने का आग्रह करते […]

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पर्व – त्यौहार

“कृष्ण जन्माष्टमी एवं श्रावणी पर्व”

ओ३म् ========= श्रावण का महीना वर्षा ऋतु का सबसे अधिक वर्षा वाला महीना होता है। आजकल तो देश में बड़े-बड़े नगर बस गये हैं। सुविधाजनक सड़के हैं व सड़को पर विद्युत से मिलने वाले प्रकाश की व्यवस्था है। नगरों व ग्रामों में भी बसे एवं कारें चलती हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने […]

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Uncategorised

वैदिक साधन आश्रम देहरादून में सामवेद पारायण यज्ञ सोत्साह सम्पन्न- “ईश्वर ने विशाल पृथिवी को हम सब मनुष्यों के रहने के लिए बनाया हैः स्वामी चित्तेश्वरानन्द”

ओ३म् ========== वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून आर्यजगत् की योग, ध्यान एवं साधना के क्षेत्र की अग्रणीय राष्ट्रीय संस्था है। इसकी स्थापना लगभग 70 वर्ष पूर्व महात्मा आनन्द स्वामी सरस्वती जी की प्रेरणा से अमृतसर के बावा गुरमुख सिंह जी ने की थी। संस्था का स्वर्णिम इतिहास है। आश्रम में ध्यान एवं साधना सहित यज्ञ […]

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आज का चिंतन

“मनुष्य जीवन की चहुंमुखी उन्नति विद्या की वृद्धि से ही सम्भव है”

ओ३म् ========= मनुष्य के जीवन के दो यथार्थ हैं, पहला कि उसका जन्म हुआ है और दूसरा कि उसकी मृत्यु अवश्य होगी। मनुष्य को जन्म कौन देता है? इसका सरल उत्तर यह है कि माता-पिता मनुष्य को जन्म देते हैं। यह उत्तर सत्य है परन्तु अपूर्ण भी है। माता-पिता तभी जन्म देते हैं जबकि ईश्वर […]

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