चार वेदों पर काव्यार्थ लिख रहे आर्य वेद-कवि श्री वीरेन्द्र कुमार राजपूत, देहरादून की दो निजी कवितायें प्रस्तुत हैं। यह कवितायें उन्होंने कुछ अन्य कविताओं के साथ अपनी निजी डायरी में लिखी हुई हैं। वह हमसे प्यार करते हैं। इसी कारण उन्होंने हमें वह कवितायें दिखाईं व सुनाईं भी। हमें ये कवितायें अच्छी लगीं। अतः […]
लेखक: मनमोहन कुमार आर्य
ओ३म् ========== मनुष्य जीवन और इतर प्राणियों के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण अन्तर यह है कि मनुष्य अपनी बुद्धि की सहायता से विचार व चिन्तन सहित सत्यासत्य का निर्णय करने व अध्ययन-अध्यापन करने में समर्थ है जबकि अन्य प्राणियों को ईश्वर ने मनुष्यों के समान बुद्धि नहीं दी है। मनुष्यों को दो प्रकार का ज्ञान […]
श्री वीरेन्द्र राजपूत उत्तराखण्ड राज्य के देहरादून नगर व राजधानी में निवास करते हैं। श्री वीरेन्द्र राजपूत जी ने वेदों का काव्यानुवाद किया है। इन्होंने यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद का काव्यानुवाद का कार्य पूर्ण कर लिया है।यह सभी काव्यानुवाद अनेक खण्डों में उनकी ओर से एव कुछ आर्य संस्थाओं की ओर से प्रकाशित किए जा […]
ओ३म् ========= दिनांक 31 दिसम्बर, 2021 अंग्रेजी वर्ष 2021 का अन्तिम दिवस है। अंग्रेजी वर्ष का प्रथम दिन 1 जनवरी ग्रेगोरियन कैलेण्डर के अनुसार होता है। जनवरी के इस प्रथम दिन से कोई महत्वपूर्ण इतिहास जुड़ा हुआ नहीं है। सन् 1582 में यह ग्रेगोरियन कलेण्डर पोप ग्रेगोरी-13 द्वारा अस्तित्व में लाया गया था। ईसाईयों का […]
ओ३म् हमारे इस संसार में जन्म लेने से पूर्व से ही यह संसार इसी प्रकार व्यवस्थित रुप से चल रहा है। हमसे पूर्व हमारे माता-पिता, उससे पूर्व उनके माता-पिता और यही परम्परा सृष्टि के आरम्भ से चली आ रही है। इस परम्परा का आरम्भ कब व कैसे हुआ? इसका उत्तर है कि यह परम्परा इस […]
ओ३म् ========= यह निर्विवाद है कि मूल वेद संहितायें ही संसार में सबसे पुरानी पुस्तकें हैं। वेद शब्द का अर्थ ज्ञान होता है। अतः चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद ज्ञान की पुस्तकें हैं। इन चारों वेदों पर ऋषि दयानन्द का आंशिक और अनेक आर्य वैदिक विद्वानों का सभी वेदों पर भाष्य वा टीकायें […]
ओ३म् संसार में अनेक भाषायें हैं। इन भाषाओं की अपनी-अपनी व्याकरण प्रणालियां हैं। संसार की प्रथम भाषा संस्कृत है। संस्कृत का आरम्भ सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा के चार ऋषियों को वेद ज्ञान के उपदेश से हुआ। यह चार ऋषि थे अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा तथा यह उपदेश चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा […]
ओ३म् ======= वैदिक धर्म सृष्टि का सबसे पुराना धर्म है। यह धर्म न केवल इस सृष्टि के आरम्भ से प्रचलित हुआ है अपितु इससे पूर्व जितनी बार भी प्रलय व सृष्टि हुई हैं, उन सब सृष्टि कालों में भी एकमात्र वैदिक धर्म ही पूरे विश्व में प्रवर्तित रहा है। इसका कारण यह है कि ईश्वर, […]
ओ३म हम इस ब्रह्माण्ड के असंख्य व अनन्त गृहों में से एक पृथिवी नामी ग्रह पर रहते हैं। इस ब्रह्माण्ड को सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, अनादि, नित्य तथा सृष्टिकर्ता परमेश्वर ने बनाया है और वही इसका संचालन वा पालन कर रहा है। ईश्वर के समान व उससे बड़ी उस जैसी कोई सत्ता नहीं है। उसका […]
ओ३म् ========= आर्यसमाज धामावाला, देहरादून ऋषि दयानन्द के जीवनकाल में स्थापित समाज है। यह समाज सन् 1879 में स्थापित हुई थी। आज इस समाज का तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव सोल्लास सम्पन्न हुआ। हम भी इस समारोह में सम्मिलित हुए। आरम्भ में समाज की यज्ञशाला में यज्ञ हुआ। यज्ञ के बाद जलपान एवं उसके बाद भजन एवं […]