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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

152 वी पुण्य तिथि 14 सितम्बर 2022 पर- “स्वामी विरजानन्द ऋषि दयानन्द के वेदप्रचार कार्यों के प्रेरणास्रोत थे”

ओ३म् =========== प्रज्ञाचक्षु स्वामी विरजानन्द सरस्वती जी ऋषि दयानन्द के विद्यागुरु थे। उन्होंने ही स्वामी दयानन्द को अष्टाध्यायी-महाभाष्य पद्धति से व्याकरण पढ़ाया था और शेष समय में उनसे शास्त्रीय चर्चायें करते थे जिससे स्वामी दयानन्द जी ने अनेक बातें सीखी थी। स्वामी विरजानन्द की एक प्रमुख बात यह थी कि वह ऋषि मुनियों के प्रशंसक […]

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धर्म-अध्यात्म

ऋग्वेद यज्ञ एवं वेदकथा का भव्य आयोजन- ‘जो मनुष्य यज्ञ करता है उसका अगला जन्म मनुष्य का ही होता हैः शैलेशमुनि सत्यार्थी’

ओ३म् ========== देहरादून में श्री प्रेमप्रकाश शर्मा, मंत्री, वैदिक साधन आश्रम तपावेन, देहरादून के निवास 22 दून विहार, जाखन पर ऋग्वेद यज्ञ एवं वेदकथा का आयोजन दिनांक 7-9-2022 से चल रहा है। आज आयोजन के चौथे दिन प्रातः 8.00 बजे से सन्ध्या से आयोजन आरम्भ किया गया। सन्ध्या के बाद आचार्य श्री शैलेशमुनि सत्यार्थी जी […]

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आज का चिंतन

परिवार व अन्य किसी स्नेही व्यक्ति का संबंध अचानक छूट सकता है

मनुष्य सामाजिक प्राणी है। समाज में हम जिन लोगों से परिचित हैं वह सभी वर्तमान में अपनी-अपनी आयु के किसी चरण या सोपान पर है। मनुष्य की भी एक औसत आयु है तथा इसी प्रकार से अन्य प्राणियों की भी अधिकतम आयु होती है। मनुष्य की अधिकतम आयु एक सौ वर्ष या अपवादों में इससे […]

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आज का चिंतन

देहरादून में ऋग्वेद-यज्ञ एवं वेद-कथा का 5 दिवसीय आयोजन”

ओ३म् ========== वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के यशस्वी मंत्री जी श्री प्रेम प्रकाश शर्मा जी देहरादून के दून विहार क्षेत्र में निवास करते हैं। वह अपने निवास पर प्रत्येक वर्ष सितम्बर के महीने में वेद पारायण यज्ञ सहित एक वैदिक विद्वानों, वैदिक पुरोहितों तथा भजनोपदेशकों को बुलाकर पांच दिनों का आयोजन रखते हैं। इस […]

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आज का चिंतन

“प्रातः सायं ईश्वर की उपासना करना मनुष्य का अनिवार्य धर्म है”

ओ३म् ========= मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। हम मननशील हैं, अतः हमारा प्रमुख कार्य मननपूर्वक सभी कार्यों को करना है। मनुष्य संसार में आता है तो वह संसार को देख कर जिज्ञासा करता है कि यह संसार किसने बनाया है? सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, ग्रह-उपग्रह तथा लोक लोकान्तर किसने बनाये हैं? पृथिवी पर वायु, जल, […]

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उगता भारत न्यूज़

गुरुकुल में 47 नये बालकों का उपनयन संस्कार सम्पन्न- “आप जीवन में जो संकल्प लेंगे वह पूरा होगाः स्वामी प्रणवानन्द”

ओ३म् ========= आर्यसमाज द्वारा संचालित गुरुकुलों में श्रावणी पर्व व उसके निकट के दिवसों में नए बालक-बालिकाओं का प्रवेश कराया जाता है। इस अवसर पर वैदिक परम्परााओं के अनुसार संस्कारविधि में निर्दिष्ट विधिविधान का पालन करते हुए बालक-बालिकाओं के उपनय एवं वेदारम्भ संस्कार किए जाते हैं। श्री मद्दयानन्द आर्ष ज्योतिर्मठ गुरुकुल, पौंधा, देहरादून में आज […]

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उगता भारत न्यूज़

गुरुकुल पौंधा में 47 ब्रह्मचारियों के उपनयन एवं वेदारम्भ संस्कार सम्पन्न- “गुरुकुलीय आर्ष विद्या जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने का साधन है: स्वामी चित्तेश्वरानन्द”

ओ३म् ======== सोमवार, दिनांक 22-8-2022 को श्रीमद्दयानन्द आर्ष ज्योतिर्मठ गुरुकुल, पौंधा, देहरादून में 47 ब्रह्मचारियों का उपनयन एवं वेदारम्भ संस्कार सम्पन्न किया गया। इस अवसर पर आर्यजगत के सुप्रसिद्ध संन्यासी स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती जी का प्रभावशाली उपदेश हुआ। स्वामी जी ने अपने सम्बोधन के आरम्भ में कहा कि ब्रह्मचारियों का सौभाग्य है कि उन्हें इस […]

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आज का चिंतन

“अद्वितीय महापुरुष योगेश्वर कृष्ण का जीवन आदर्श व अनुकरणीय है”

ओ३म् -कृष्ण जन्माष्टमी पर्व 18 अगस्त, 2022 पर- =========== मनुष्य का जन्म आत्मा की उन्नति के लिये होता है। आत्मा की उन्नति में गौण रूप से शारीरिक उन्नति भी सम्मिलित है। यदि शरीर पुष्ट और बलवान न हो तो आत्मा की उन्नति नहीं हो सकती। आत्मा के अन्तःकरण में मन, बुद्धि, चित्त एवं अहंकार यह […]

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भारतीय संस्कृति

“वेदों का यथार्थ ज्ञान वेदांगों के अध्ययन से ही सम्भव”

ओ३म् ========== वेद ईश्वरीय ज्ञान है और सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। सभी विद्याओं का विस्तार वेदों के आधार व ज्ञान से ही सम्भव हो सका है। वेद सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा से उत्पन्न हुए। परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में अमैथुनी सृष्टि की थी। इस अमैथुनी सृष्टि में सभी स्त्री व पुरुष […]

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आज का चिंतन

“देश में जन्मना जाति व्यवस्था लगभग 1350 वर्ष पूर्व आरम्भ हुई”

ओ३म् ========= वेद मनुष्य के गुण, कर्म व स्वभाव को महत्व देते हैं। जो मनुष्य श्रेष्ठ गुण, कर्म व स्वभाव वाला है वह द्विज और गुण रहित व अल्पगुणों वाला है उसे शूद्र कहा जाता है। द्विज ब्राह्मण, क्षत्रिय व वैश्य को कहते हैं जो गुण, कर्म व स्वभाव की उत्तमता से होते हैं। ब्राह्मण […]

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