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इतिहास के पन्नों से

नशा छोड़ राष्ट्रभक्त कैसे बने थे क्रांतिकारी बिस्मिल

प्रस्तुति आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक 🎯नशा छोङ राष्ट्र भक्त कैसे बने🌷 पं० रामप्रसाद बिस्मिल जी का जन्म उत्तरप्रदेश में स्थित *शाहजहांपुरा* में 11 जून 1897 ई. को हुआ था। इनके पिता का नाम *मुरलीधर* तथा माता का नाम *मूलमती* था। इनके घर की आर्थिक अवस्था अच्छी नहीं थी। बालकपन से ही इन्हें गाय पालने का […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

हिंदुस्तान से हिंदुओं का खात्मा होना चाहिए और अपनी कोख में पल रहे हिंदुओं के बच्चों का गर्भपात कराओ

  – स्वेच्छा से हिन्दू धर्म में आई लड़की को उसके माँ-बाप ने कहे ये शब्द – मेरे मां-बाप मेरे पति तथा मेरे गर्भ में पल रहे बच्चे की हत्या करवाना चाहते – काव्या कश्यप (बेनजीर आदिल) वैन (अम्बुज मिश्रा – हरदोई, उत्तर प्रदेश) :: कहते हैं कि प्यार में कब और कहां क्या हो […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

महर्षि दयानंद के अनमोल वचन

प्रस्तुति : आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक १. आर्य – जो श्रेष्ठ स्वभाव, धर्मात्मा, परोपकारी, सत्य विद्यादि गुणयुक्त और आर्यावर्त देश में सब दिन से रहने वाले हैं, उनको ‘आर्य’ कहते हैं। – आर्योद्देश्य रत्नमाला (४०) टिप्पणी : आर्य शब्द दो भावों में प्रयोग होता है। एक, वे सब लोग जो श्रेष्ठ हैं, शुभ कर्म करते […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

वेदोद्धारक महर्षि दयानंद के जीवन पर एक दृष्टि

प्रस्तुति : आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक लेखक- स्व० श्री पं० चमूपति जी, एम०ए० ऋषि दयानन्द की जन्मभूमि होने का गौरव गुजरात प्रान्त को है। पिता जन्म के ब्राह्मण थे, और भूमिहारी तथा जमीदारी का कार्य करते थे। शिव के बड़े भक्त थे। शिवरात्रि के दिन बालक को मन्दिर में ले गए और उसे उपवास करा […]

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आज का चिंतन

परमात्मा के निज और प्रमुख नाम ओ३म की महिमा

  वेद, उपनिषद्, ब्राह्मण ग्रंथ, महाभारत गीता, योगदर्शन, मनुस्मृति में एक “ओंकार का ही स्मरण और जप” करने का उपदेश दिया गया है। ओ३म् का जाप स्मरण शक्ति को तीव्र करता है,इसलिए वेदाध्ययन में मन्त्रों के आदि तथा अन्त में “ओ३म् “शब्द का प्रयोग किया जाता है। *ओ३म् क्रतो स्मर ।।-(यजु० ४०/१५)* “हे कर्मशील ! […]

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भारतीय संस्कृति

अष्टांग योग के निरंतर अभ्यास से ही ईश्वर का साक्षात्कार संभव है

प्रस्तुति : आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक सभी प्रकार के योग में अष्टांग योग का सर्वाधिक प्रचलन और महत्व है। इसी योग को हम अष्टांग योग के नाम से जानते हैं। अष्टांग योग अर्थात योग के आठ अंग। दरअसल पतंजल‍ि ने योग की समस्त विद्याओं को आठ अंगों में श्रेणीबद्ध कर दिया है। *योग-सूत्र की रचना […]

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भारतीय संस्कृति

सभी आर्ष ग्रंथों में केवल ओ३म का ही जप और स्मरण करने की शिक्षा दी गई है

*वेद, उपनिषद्, ब्राह्मण ग्रंथ, महाभारत गीता, योगदर्शन, मनुस्मृति में एक “ओंकार का ही स्मरण और जप” करने का उपदेश दिया गया है।* ओ३म् का जाप स्मरण शक्ति को तीव्र करता है,इसलिए वेदाध्ययन में मन्त्रों के आदि तथा अन्त में ओ३म् शब्द का प्रयोग किया जाता है। यजुर्वेद में कहा है- *ओ३म् क्रतो स्मर ।।-(यजु० ४०/१५)* […]

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मुद्दा

बाबा रामदेव के काम से तो खलबली मचनी ही थी

★★★★★★★★★★★★★★★★ ■आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक जून की 23 तारीख़ की दोपहर इसीलिए भी याद रखी जाएगी क्योंकि इस दिन #पतंजलि द्वारा कोरोना की औषधि बाज़ार में लाई गई। दोपहर बीती भी नहीं कि सरकार के #आयुष मंत्रालय ने #पतंजलि के विज्ञापन पर आपत्ति भी ले ली, शाम होते ही देश के कई नागरिकों की बाँछें […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

सावधान ! यह जाल भारत को लूटने के लिए ही फैलाया गया है

प्रस्तुति आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक क्या आपके परिवार की औरतें या मर्द तांत्रिक जेहाद का शिकार तो नही हो रहे? जब भी आप बस या रेलगाड़ी में बैठतें है तो आपको वहा पर कुछ पर्चे लगे हुए मिलेंगे जिन पर लिखा हुआ मिलेगा बंगाली ख़ान बाबा या रहमान मिया आदि। उन पर साई बाबा की […]

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धर्म-अध्यात्म

ईश्वर प्राप्ति का एकमात्र उपाय पतंजलि प्रणीत यम नियम

प्रस्तुति : आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक प्रियांशु सेठ मूर्तिपूजा अर्वाचीन है, वेदादि शास्त्रों के विरुद्ध और अवैदिक है फिर हम अपने ईश्वर को कैसे प्राप्त करें? हमारी उपासना-विधि क्या हो? उपासना का अर्थ है समीपस्थ होना अथवा आत्मा का परमात्मा से मेल होना। महर्षि पतञ्जलि द्वारा वर्णित अष्टाङ्गयोग के आठ अङ्गब्रह्मरूपी सर्वोच्च सानु-शिखर पर चढ़ने […]

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