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भारतीय संस्कृति विश्वगुरू के रूप में भारत

पुस्तक का नाम : मेरे मानस के राम : अध्याय 1, गुण गण सागर श्री राम

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म त्रेता काल में हुआ। विद्वानों की मान्यता है कि जिस समय दशरथनंदन श्री राम का जन्म हुआ, उस समय त्रेतायुग के एक लाख वर्ष शेष थे। इस प्रकार अबसे लगभग पौने दस लाख वर्ष पहले मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का आगमन हुआ। वह सद्गुणों के भंडार थे :- दशरथ […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

मेरे मानस के राम 3 ( वाल्मीकि कृत रामायण का दोहों में अनुवाद )

राम की मूर्ति से संवाद इस प्रकार की अनेक घटनाएं हैं जब रामचंद्र जी ने अपने पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए अधर्मी लोगों का विनाश किया। जब हम किसी मंदिर में जाएं और वहां पर रामचंद्र जी की मूर्ति को देखें तो उस मूर्ति से भी हमारा संवाद होना चाहिए। सचमुच वह हमसे बहुत कुछ […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

मेरे मानस के राम 2 ( वाल्मीकि कृत रामायण का दोहों में अनुवाद )

श्री राम का महासंकल्प रामचंद्र जी वनवास में जाते हैं तो वहां पर अनेक ऋषि उनके पास आकर उन्हें अपना दुख दर्द बताते हैं। वाल्मीकि जी उसे घटना का वर्णन करते हुए कहते हैं कि ‘धर्मात्मा ऋषियों का वह समूह धर्मधारियों में श्रेष्ठ श्री राम के पास जाकर बोला हे महारथी राम ! जैसे देवताओं […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

लोकसभाध्यक्ष पद और ओम बिरला का चुनाव

भाजपा के सांसद ओम बिरला लोकसभाध्यक्ष चुन लिए गए हैं। लगातार दूसरी बार इस संवैधानिक पद को प्राप्त करके उन्होंने एक इतिहास रचा है। इससे पहले कांग्रेस के बलराम जाखड़ के अतिरिक्त पी0ए0 संगम और जी0एम0सी0 बालयोगी दूसरी बार इस संवैधानिक पद को प्राप्त करने में सफल हुए थे। यद्यपि पूरे 10 वर्ष तक इस […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

मेरे मानस के राम ( वाल्मीकि कृत रामायण का दोहों में अनुवाद )

लेखकीय निवेदन श्री राम को समझने के लिए हमें वाल्मीकि कृत रामायण का अध्ययन करना चाहिए। उनका सही स्वरूप हमें वहीं से प्राप्त होगा। उन पर अभी बहुत कुछ सत्यान्वेषण करने की आवश्यकता है। जब हम वाल्मीकि कृत रामायण को पढ़ते हैं तो पता चलता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम हमारे सनातन के साकार […]

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इतिहास के पन्नों से

अफगानिस्तान का हिंदू वैदिक अतीत: हिन्दू संघ का निर्माता गुर्जर प्रतिहार शासक नागभट्ट प्रथम*

भारत एक अध्यात्मवादी राष्ट्र है। इसके बारे में यह भी सत्य है कि हर युग में इसका नेतृत्व अध्यात्मवाद ने ही किया है। भारत की शासन व्यवस्था भी इस बात का स्पष्ट संकेत करती है कि ब्रह्मबल सदा ही क्षात्रबल से पहले पूजनीय है। ब्रह्मबल के बिना कोई भी राष्ट्र उन्नति नहीं कर सकता। यह […]

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इतिहास के पन्नों से

राम मंदिर और देश के छद्दम कालनेमि बन रहे राजनीतिज्ञ

लेखक संपादक उगता भारत डॉ राकेश कुमार आर्य श्रीरामचन्द्र जी और कृष्णा भगवान के चरित्रों का अध्ययन करने पर एक बात प्रमुखता से सामने आती है कि अपने जीवनकाल में इस दोनों को ही अनेक बार जनता ने ही अपमानित किया। लेकिन उनका अंत किस तरह हुआ, उससे हमें शिक्षा लेनी चाहिए। रावण, कंस और […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

आपराधिक पृष्ठभूमि के सांसद और हमारी संसद

यह बहुत ही चिंता का विषय है कि देश की 18 वीं लोकसभा के कुल 543 सदस्यों में से 46% सांसद दागी प्रवृत्ति अर्थात आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं। पिछली लोकसभा में ऐसे सांसदों की संख्या 43% थी। जब राजनीति में शुचिता और अपराधियों के राजनीतिकरण की प्रक्रिया पर रह – रहकर चर्चाएं की जा रही […]

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आतंकवाद संपादकीय

सिर उठाता आतंकवाद और हमारा पड़ोसी देश

‘ इंडिया’ गठबंधन के कई नेताओं ने जिस प्रकार अपने आपको चीनपरस्त और पाकिस्तानपरस्त दिखाकर देश के लोगों से वोट मांगे थे, उससे यह आशंका पहले से ही व्यक्त की जा रही थी कि यदि ‘ इंडिया ‘ गठबंधन मजबूत हुआ या इसकी सरकार आई तो पाक प्रायोजित आतंकवाद का बढ़ना निश्चित है। अब जबकि […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

हल्दीघाटी युद्ध के वास्तविक विजेता महाराणा प्रताप थे ,अकबर नहीं

….और रणभेरी बज गयी महाराणा प्रताप अपने दृढ़ निश्चय पर अडिग थे कि वह अकबर के दरबार में जाकर शीश नही झुकाएंगे, वह अकबर को अपना शत्रु मानते थे। अकबर ने जब देखा कि महाराणा स्वतंत्रता के गीत गाने की अपनी प्रवृत्ति से बाज आने वाला नही है, तो उसने जून 1776 ई. में मेवाड़ […]

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