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संपादकीय

जनसंख्या को लेकर इन्दिरा गांधी ने लिया था एक सही निर्णय

भारत की जनगणना को लेकर लोगों में इस समय काफी चर्चा बनी हुई है। ‘सुदर्शन न्यूज़ चैनल’ के चीफ एडिटर श्री सुरेश चव्हाणके द्वारा भारत की जनसंख्या में हो रही मुस्लिमों की अप्रत्याशित वृद्धि को लेकर एक यात्रा भी निकाली गई है। जिसमें उन्होंने एक वर्ग द्वारा अपनी जनसंख्या बढ़ा कर भारत के जनसांख्यिकीय आंकड़े […]

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संपादकीय

भारत की खाप पंचायतों के तालिबानी फरमान

भारत में प्रचलित खाप पंचायतों के विरुद्ध शिक्षित वर्ग और देश के न्यायालयों की कड़ी आपत्ति समय-समय पर आती रही है। इसके उपरांत भी खाप पंचायतों के अन्यायपूर्ण और निर्दयता से भरे निर्णय को हम बार-बार सुनते रहते हैं। ऐसे में खाप पंचायतों की स्थिति के बारे में हमें गंभीरता से चिंतन करने की आवश्यकता […]

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संपादकीय

राजनीतिक दलों की मतभिन्नता देश के लिए एक अभिशाप

लोकतंत्र मतभिन्नता की अनुमति इसलिए देता है कि अंत में सब पक्षों में मतैक्यता हो जाये। किसी भी विषय में गुणावगुण पर सब पक्ष खुलकर बहस करें और फिर किसी एक सर्वमान्य निष्कर्ष पर पहुंच कर एक मत हो जाएं। भारतवर्ष के संविधान ने लोगों को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इसलिए प्रदान की है […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

अंग्रेजों के अत्याचारों को उन्हीं के विद्वानों ने एक अभिशाप माना

‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ के नाम का रहस्य जिस समय मुगल साम्राज्य अपने चरमोत्कर्ष पर था। उसी समय भारत में अंग्रेजों और कुछ अन्य यूरोपियन जातियों का आगमन हुआ। सन 1600 में भारत में अकबर का शासन था, तभी ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ की स्थापना हुई। इस कंपनी को ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ इसलिए कहा गया कि कोलंबस ने […]

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संपादकीय

एक परिश्रमी मंत्री के रूप में जानी जाती हैं रीता बहुगुणा

रीता बहुगुणा जोशी उत्तर प्रदेश की 16वी विधानसभा में विधायक रहीं। वह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री हेमवती नंदन बहुगुणा की पुत्री हैं। श्रीमती बहुगुणा जोशी अपने आप में एक संघर्षशील और जुझारू महिला राजनीतिज्ञा के रूप में जानी जाती हैं। वह दिसंबर 2016 में भाजपा में सम्मिलित हुई थीं। उससे पहले उन्होंने 2007 […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

इतिहास के तथ्यों को छुपाते इतिहासकार

केके मुहम्मद अयोध्या के स्वामित्व के संबंध में 1990 में राष्ट्रीय स्तर पर बहस ने जोर पकड़ा। इसके पहले 1976- 77 में पुरातात्विक अध्ययन के दौरान अयोध्या उत्खनन में भाग लेने का मुझे अवसर मिला। प्रो बीबी लाल के नेतृत्व में अयोध्या उत्खनन की टीम में ‘दिल्ली स्कूल ऑफ आर्कियोलॉजी’ के 12 छात्रों में से […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

शंकराचार्य ने हमारे ब्रह्मतेज बल को कभी निस्तेज नहीं होने दिया

राजपूत शब्द ‘क्षत्रिय’ का सूचक राजपूत शब्द किसी जाति का सूचक नहीं हैं। यह उस वर्ण का सूचक है जिसे मनु महाराज ने ‘क्षत्रिय’ कहा है। इस प्रकार राजपूत शब्द के अंतर्गत सारे क्षत्रिय कुल और राजवंश समाहित हो जाते हैं। ‘अलबेरूनी का भारत’ के लेखक अलबेरूनी ने भारत में कहीं पर भी राजपूत जाति […]

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संपादकीय

भारत किस विदेशी सत्ता या आक्रांता का कितनी देर गुलाम रहा? 3

ग्वालियर महाकौशल, इंदौर, रीवां, झाँसी, ये सारी रियासतें मुस्लिम शासनकाल में अपनी स्वतन्त्रता को बचाए रखने में सफल रहीं। एक दिन के लिए भी ये रियासतें किसी मुस्लिम सुल्तान या बादशाह के अधीन नहीं रही। महाकौशल की 1818 की तथा झाँसी में 1858 में अंग्रेज़ो से संधि हो गयी। इससे महाकौशल लगभग 130 वर्ष तो […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

हमारे गोत्र हमें आज भी गौरवबोध और इतिहासबोध कराते हैं

गोत्रों में छिपा है हमारा गौरवभाव  भारत की गोत्र परंपरा भी अनूठी है। प्रत्येक गोत्र की उत्पत्ति किसी वीर क्षत्रिय से या किसी महाविद्वान के नाम से हुई है। अपने पूर्वजों के नाम को अमर बनाये रखने तथा उनके उल्लेखनीय कृत्यों की गौरवगाथा को अपने हृदय में श्रद्घा पूर्ण स्थान दिये रखने की भावना के […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

शम्भाजी राजाराम और शाहू बने छत्रपति की विरासत के स्वामी

हमारा राष्ट्रीय जीवन और व्यक्तिगत जीवन हमारे व्यक्तिगत जीवन की भांति हमारा एक राष्ट्रीय जीवन भी होता है। जैसे हम व्यक्तिगत जीवन में कभी अपने शुभकार्यों के परिणाम के आने पर प्रसन्नता और अशुभकार्यों के परिणाम के आने पर अप्रसन्नता प्रकट करते हैं, वैसे ही हमारे राष्ट्रीय जीवन में भी कभी-कभी ऐसे क्षण आते हैं-जब […]

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