आज यह सर्वविदित है कि हमारे प्रिय देश भारत में बढ़ती जनसँख्या एक भयानक रुप ले चुकी है ? जिससे देश में विभिन्न धार्मिक जनसँख्या अनुपात निरंतर असंतुलित हो रहा है। इससे भविष्य में बढ़ने वाले अनेक संकटों का क्या हमको कोई ज्ञान है ? आज की बढ़ती जनसंख्या भारत के लिए अभिशाप बन चुकी […]
लेखक: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
पिछले दिनों देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कई बार यह कहा है कि कश्मीर धारा 370 को लगवाने और कश्मीर का अंतरराष्ट्रीय करण कर इस समस्या को उलझाने का पाप देश के पहले प्रधानमंत्री और कांग्रेस के नेता रहे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया था । यदि हम इतिहास के तथ्यों की समीक्षा करें […]
जब जब मां भारती को बलिदानों की आवश्यकता पड़ती है तो इसकी सुरक्षा और संरक्षा के लिए इसके अनेकों सपूत बलिवेदी पर कूद पड़ते हैं । हमारे देश ने यज्ञ की परंपरा का आविष्कार ऐसे ही नहीं किया इसने राष्ट्रवेदी को भी एक यज्ञ कुंड के समान समझा है और राष्ट्र के मूल्यों की रक्षा […]
ववाराणसी । (विशेष संवाददाता ) कविता में कवि की कल्पना ही नहीं होती अपितु उसके भाव और शब्द जब श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दें तो समझना चाहिए कि कविता बोल रही है और वह जनमानस को प्रभावित करते हुए कोई नया संदेश और संकेत भी देने में सफल हो रही है । जमशेदपुर निवासी सुप्रसिद्ध […]
——————————————- अध्याय – 9 सरहिंद फिर बन गया — ‘ सर – ए – हिंद ‘ पंजाब में अब गुरु गोविंदसिंह के शहीद सपूतों का प्रतिशोध लेने की हवा बड़ी तेजी से चल रही थी और पंजाब ही क्यों मां भारती के प्रति समर्पण का भाव रखने वाले हिंदुस्तान के प्रत्येक व्यक्ति का खून इस […]
नेहरु जी ने बिना सोचे समझे और बिना सरदार पटेल से किसी प्रकार की वार्ता किये भारतीय संविधान की आपत्तिजनक धारा 370 को उसमें रखवा दिया था। इसे शेख अब्दुल्लाह से परामर्श करके पंडित नेहरू ने अपनी स्वीकृति प्रदान की और गोपाल स्वामी आयंगर द्वारा तैयार कराया गया । उस समय नेहरू अमेरिका की अपनी […]
अध्याय —– 8 पंजाब में आकर करने लगा पुरुषार्थ गुरु गोविंदसिंह जी और बंदा वीर बैरागी जो उस समय माधोदास के नाम से गोदावरी के तट पर अपना आसन लगाए पंचवटी में बैठे थे , की भेंट कैसे हुई ? – इस पर अपने विचार प्रकट करते हुए भाई परमानंद जी ने अपनी पुस्तक ‘ […]
========= यज्ञ में पांच घृत आहुतियों को देने का मुख्य प्रयोजन यह है कि समिधाओं पर इन घृत आहुतियों से अग्नि पूर्णरूप से जल उठे अर्थात् यज्ञ वेदी में रखी समिधायें भली प्रकार से जलने लगे। इसका कारण यह है कि इन आहुतियों के कुछ अन्तराल पर हम सामग्री वा साकल्य की आहुतियां देते हैं। […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। संसार में हम सूर्य, चन्द्र तथा पृथिवी आदि लोकों तथा पृथिवी पर अग्नि, जल, वायु सहित वनस्पतियों एवं अन्यान्य प्राणियों की सृष्टि को देखते हैं। इनको उत्पन्न करने वाला अर्थात् इनका रचयिता कौन है, इसका निभ्र्रान्त ज्ञान हमें व हमारे अधिकांश बन्धुओं को नहीं है। इसका उत्तर महर्षि दयानन्द ने सन् […]
25 दिसंबर 1861 को जन्मे पंडित मदन मोहन मालवीय जी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक दैदीप्यमान नक्षत्र हैं । उन्होंने गांधी जी के साथ रहकर भी और गांधीजी से अलग होकर भी मुस्लिम तुष्टीकरण जैसी उनकी राष्ट्रघाती नीतियों का विरोध किया था । मालवीय जी से पहले स्वामी दयानंद जी ने सत्यार्थ – प्रकाश हिन्दी […]