ओ३म् ========== किसी भी वस्तु या पदार्थ का स्वरूप कुछ विशिष्ट गुणों को लिये हुए होता है। उन गुणों को जानकर उसके अनुरूप उसके बारे में विचार रखना व उसका सदुपयोग करना ही उचित होता है। ईश्वर भी एक द्रव्य व पदार्थ है जिसमें अपने कुछ गुण, कर्म व स्वभाव आदि हैं। हमें ईश्वर के […]
लेखक: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
पंडित मदनमोहन मालवीय जी का कहना है कि-”भारत की एकता का मुख्य आधार है-एक संस्कृति जिसका उत्साह कभी नही टूटा। यही इसकी विशेषता है। भारतीय एकता अक्षुण्ण है क्योंकि भारतीय संस्कृति की धारा निरंतर बहती रही है और बहेगी।” दुला भट्टी का आदर्श जीवन अब हम आते हैं इतिहास के उस अभिनंदनीय व्यक्तित्व के जीवन […]
डॉ विवेक आर्य विश्व इतिहास इस बात का प्रबल प्रमाण हैं की हिन्दू समाज सदा से शांतिप्रिय समाज रहा हैं। एक ओर मुस्लिम समाज ने पहले तलवार के बल पर हिन्दुओं को मुस्लमान बनाने की कोशिश करी थी, अब सूफियो की कब्रों पर हिन्दूओं के सर झुकवाकर, लव जिहाद या ज्यादा बच्चे बनाकर भारत की […]
नई दिल्ली । ( आरबीएल निगम वरिष्ठ पत्रकार ) जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर जारी गहमागहमी के बीच भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस विश्वविद्यालय को लेकर अपना प्लान सामने रखा है। बकौल स्वामी जेएनयू कैंपस में पुलिस स्टेशन बनना चाहिए। बीएसएसएफ और सीआरपीएफ जवानों की तैनाती होनी चाहिए। यूनिवर्सिटी को […]
‘हम ने शक्ति को छोड़ दिया है और इसलिए शक्ति ने भी हमें छोड़ दिया है। … __________________________________ श्री अरविन्द ने सौ साल पहले ही कहा था कि भारत की सब से बड़ी समस्या विदेशी शासन नहीं है। गरीबी भी नहीं है। सब से बड़ी समस्या है – सोचने-समझने की शक्ति का ह्रास! इसे उन्होंने […]
प्रति वर्ष मक्का में हज पर काबा की परिक्रमा करने लाखों मुस्लमान आते हैं. भारत से हज जाने वालों की संख्या अब दो लाख मुस्लिम प्रति वर्ष हो गयी है | ऐसा माना जाता है कि दुनिया भर के मुसलमानों के लिए काबा मात्र एक कमरा नहीं अपितु सारी कायनात के मालिक अल्लाह का घर […]
कांग्रेसियों की ओर से अक्सर यह कहा जाता रहा है कि सावरकर वीर नहीं कायर थे और उन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगी थी इस बारे में आज हम आपको इसका सच बता रहे हैं।इस विषय उपलब्ध ऐतिहासिक दस्तावेज और उससे जुड़े संदर्भ ग्रंथ भी सावरकर को एक कट्टर देशभक्त सिद्ध करते हैं। इतिहासकार और लेखक […]
देश की तीसरी लोकसभा का गठन 1962 में हुआ था । इसी वर्ष हमारे देश को चीन के हाथों करारी पराजय का सामना भी करना पड़ा । तीसरी लोकसभा का कार्यकाल 1967 तक रहा । किस लोकसभा के कार्यकाल में कई ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं हुई जो इस लोकसभा को इतिहास में कुछ खास बना गयीं […]
डाॅ. राकेश राणा करुणा ही आम सहमति और सद्भाव ला सकती है, यदि सच्ची भावना से उसका पालन किया जाय। दैनंदिन जीवन में यह सोच सार्वजनिक नीति और समाज में लोकतांत्रिक भाव के लिए मार्गदर्शक हो सकती है- स्वामी विवेकानंद श्रीविश्वनाथ दत्त के घर में 12 जनवरी,1863 को बालक नरेन्द्र दत्त का जन्म हुआ जो […]
ओ३म् ========== हम इस संसार में रहते हैं और हमसे पहले हमारे पूर्वज इस सृष्टि में रहते आये हैं। संसार में प्रचलित मत-मतान्तर तो कोई लगभग दो हजार और कोई पन्द्रह सौ वर्ष पुराना है, कुछ इनसे भी अधिक प्राचीन और कुछ अर्वाचीन हैं, परन्तु यह सृष्टि वैदिक मत व गणना के अनुसार 1.96 अरब […]