(1) *ब्रह्मयज्ञ* :- ब्रह्म यज्ञ संध्या ,उपासना को कहते है। प्रात: सूर्योदय से पूर्व तथा सायं सूर्यास्त के बाद जब आकाश में लालिमा होती है, तब एकांत स्थान में बैठ कर ओम् वा गायत्री आदि वेद मंत्रों से ईश्वर की महिमा का गुणगान करना ही ब्रह्मयज्ञ कहलाता है। (2) *देवयज्ञ* :- अग्निहोत्र अर्थात हवन को […]
लेखक: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
विजय मनोहर तिवारी जो दिखता है, वो बिकता है। दिखाऊ माल ही बिकाऊ माल है। शाहीनबाग दिख रहा है। शाहीनबाग बिक रहा है। एक महीना हो गया। शो हाऊसफुल है। एक समीक्षा में किसी परम ज्ञानी ने शाहीन का मतलब लिखा- “एक ऐसी चिड़िया जो बहुत ऊँचाई पर उड़ती है और अपने शिकार को उड़ते […]
1947 के बाद कांग्रेस ने किस प्रकार के भारत का निर्माण करना आरंभ किया ? यह आज के परिप्रेक्ष्य में बहुत ही प्रासंगिक प्रश्न है । वास्तव में कांग्रेस का चिंतन वैदिक भारत की ओर कभी गया ही नहीं । उसने मुगलों व तुर्को से पिछले इतिहास को भुलाने का प्रयास किया और पश्चिमी विचारकों […]
परिवर्तन का जोश भरा था, कुर्बानी के तेवर में। सब कुछ हमने लुटा दिया था, आजादी के जवर में।। हम खुशनसीब हैं कि इस वर्ष 26 जनवरी को 71वाँ गणतन्त्र दिवस मना रहे हैं। 15 अगस्त सन् 1947 को पायी हुई आजादी कानूनी रूप से इसी दिन पूर्णता को प्राप्त हुई थी। अपना राष्ट्रगान, अपनी […]
ओ३म् ========== मनुष्य को उपासना की आवश्यकता क्यों है? इसके अनेक कारण हैं। मुख्य कारण तो उपासना से हमें उपास्य ईश्वर के सद्गुणों का ज्ञान होने सहित ईश्वर से अपनी जीवन यात्रा को सुगम रीति से चलाने में मार्गदर्शन भी प्राप्त होता है। ईश्वर उपासक निर्धन व दरिद्र नहीं होता। ईश्वर की उपासना से उपासक […]
ओ३म् ========== परमात्मा ने हमें मानव शरीर और इसमें पांच ज्ञानेन्द्रियां एवं पांच कर्मेन्द्रियां दी हैं। हमारे नेत्र हमारी ज्ञानेन्द्रिय है जो हमें स्थूल दृश्यों का दर्शन कराती हैं। अपने नेत्रों से हम स्वयं को व दूसरे मनुष्यो, अन्य प्राणियों एवं पृथिवी, वृक्ष, सूर्य, चन्द्र, जल आदि पदार्थों को देखते हैं। वेद से हमें ज्ञात […]
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार फ़िल्म ‘छपाक’ के प्रमोशन के लिए पब्लिसिटी स्टंट के चक्कर में जेएनयू जाने वाली दीपिका पादुकोण को बॉक्स ऑफिस पर तगड़ा झटका तो लगा ही है, साथ ही उनकी ब्रांड वैल्यू को भी चोट पहुँची है। दीपिका पादुकोण जिन ब्रांड्स का प्रचार करती हैं, उनकी विजिबिलिटी में कमी आई है। वामपंथियों के […]
भारत को क्रांति के माध्यम से स्वतंत्रता दिलाने का संकल्प ले चुके नेताजी सुभाष चंद्र बोस आजीवन अंग्रेजों की आंखों की किरकिरी बने रहे थे। अपनी योजना को फलीभूत करने के लिए 22 जून 1940 को वह सावरकर जी से मिल चुके थे और उनसे आशीर्वाद ले चुके थे कि उन्हें भारत छोड़कर रासबिहारी बोस […]
भारत को क्रांति के माध्यम से स्वतंत्रता दिलाने का संकल्प ले चुके नेताजी सुभाष चंद्र बोस आजीवन अंग्रेजों की आंखों की किरकिरी बने रहे थे। अपनी योजना को फलीभूत करने के लिए 22 जून 1940 को वह सावरकर जी से मिल चुके थे और उनसे आशीर्वाद ले चुके थे कि उन्हें भारत छोड़कर रासबिहारी बोस […]
पाकिस्तान स्थित मुल्तान बार काउंसिल की बैठक में अल्पसंख्यक विरोधी निर्णय आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार जहाँ एक तरफ भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध के नाम पर ‘जिन्ना वाली आज़ादी’ के नारे लगते हैं, उसी जिन्ना के पाकिस्तान में ऐसा प्रस्ताव पास किया गया है जिससे वहाँ के अल्पसंख्यकों की स्थिति का अंदाज़ा हो जाता […]