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विश्वगुरू के रूप में भारत वैदिक संपत्ति

चितपावन ब्राह्मणों के बारे में

  गतांक से आगे… हिंदुस्तान में आ जाने पर द्रविड़ों के साथ मेलजोल होने से उनकी गणना पच द्रविड़ो में हो गई । जहां नई बस्ती होती है, वहीं पर सब जातियों की वर्गाकार बस्ती बन सकती है ।इस तरह की पद्धतिवार बस्ती वाले गांव कोकण में ही है।इससे सिद्ध हो जाता है कि कोकणस्थ […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

गांधी जी को सत्याग्रह की प्रेरणा देने वाले विजय सिंह पथिक और भारत का क्रांतिकारी आंदोलन

अंग्रेज जितना अपनी नींव को भारतवर्ष में जमाने का प्रयास कर रहे थे उतना ही भारतीय जनता उनके खिलाफ हो रही थी। इसका प्रभाव राजपूताना क्षेत्र में नसीराबाद, देवली ,अजमेर, कोटा ,जोधपुर आदि जगह पर भी देखने को मिला था। राजपूताना में उस समय अट्ठारह रजवाड़े थे और वे सभी देशी शासक अंग्रेज राज्य के […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

18 57 की क्रांति के अमर शहीद धनसिंह कोतवाल और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का क्रांतिकारी इतिहास

मेरठ की अमर क्रांति सन 1857 और कोतवाल धनसिंह चपराना गुर्जर का इतिहास 10 मई 1857 की प्रातःकालीन बेला। स्थान _मेरठ । क्रांति का प्रथम नायक _ धन सिंह चपराणा गुर्जर कोतवाल। नारा _ मारो फिरंगियों को। मेरठ में ईस्ट इंडिया कंपनी की थर्ड केवल्री की 11 और 12 वी इन्फेंट्री पोस्टेड थी ।10 मई […]

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स्वर्णिम इतिहास

भारत के दिव्य भव्य और स्वर्णिम इतिहास की एक झलक : आर्यों का विदेश गमन

    पश्चिमी एशिया भारत में पश्चिम की ओर सबसे प्रथम अफरीदी काबुली और बलूची देश आते हैं । इन देशों में इस्लाम के प्रचार के पूर्व आर्य ही निवास करते थे । यहीं पर गांधार था। गांधार को इस समय कंधार कहते हैं। जिसका अपभ्रंश कंदार और खंदार भी है। इसी के पास राजा […]

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इतिहास के पन्नों से

धारा नगरी के राजा भोज का है भारत के इतिहास में विशेष और महत्वपूर्ण स्थान

  सत्यार्थ प्रकाश में महर्षि दयानंद ने लिखा है कि पत्नी और पति वियुक्त न रहें ,तथा यह भी लिखा है कि एक दूसरे पर एक दूसरे का पूर्ण अधिकार होता है। इसी सिद्धांत का अनुगामी होकर मेरा जीवन में प्रयास रहता है कि मैं जब भी कहीं देशाटन पर या देश यात्रा पर जाऊं […]

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स्वर्णिम इतिहास

……जिन के बिना भारत अधूरा है

  610 ई0 में इस्लाम की स्थापना पैगंबर मोहम्मद साहब द्वारा की गई । इसके कुछ समय पश्चात ही इस्लाम के आक्रमणकारियों के भारत पर आक्रमण आरंभ हो गए ।638 ई0 से 712ई0 तक के 73वर्ष के कालखंड में 9 खलीफाओं ने 15 आक्रमण भारतवर्ष पर किए । यद्यपि यह सारे आक्रमण बहुत ही कम […]

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कृषि जगत

सर्दी के मौसम में खाया जाने वाला अन्न बाजरा

  नंदकिशोर प्रजापति कानवन भारत में सर्दी के मौसम में खाया जाने वाला अनाज है बाजरा। पर इसकी उपयोगिता हम भूल चुके हैं, यदि आप इस लेख को पूरा पढ़ लें तो 10 किलो बाजरा निश्चित ही पिसवा लेंगे। सर्दी की मौसम में इसकी रोटी या खिचड़ी अवश्य खानी चाहिये। बाजरा शरीर को गर्मी देने […]

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कविता

मेरा हिंदुस्तान कहां है ?

🇮🇳 *मेरा हिन्दुस्तान कहां है?* जिसपर था सर्वस्व लुटाया, मेरा वो अरमान कहां है? बोलो नेहरू बोलो गांधी, मेरा हिन्दुस्तान कहां है? सैंतालीस में भारत बांटा, ‘उनको’ पाकिस्तान दे दिया; “दो गालों पे थप्पड़ खा लो” मुझे फालतू ज्ञान दे दिया; मुझे बताओ यही ज्ञान तुम, ‘उनको’ भी तो दे सकते थे; नहीं बंटेगी भारत […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

विश्व के पहले समुद्र यात्री थे महर्षि अगस्त्य

महावीर प्रसाद द्विवेदी कूपमण्डूकता बड़ी ही अनिष्टकारिणी क्या एक प्रकार से, विनाशकारिणी होती है। मनुष्य यदि अपने ही घर, ग्राम या नगर में आमरण पड़ा रहे तो उसकी बुद्धि का विकास नहीं होता, उसके ज्ञान की वृद्धि नही होती, उसकी दृष्टि को दूरगामिनी गति नहीं प्राप्त होती। देश—विदेश जाने, भिन्न भिन्न जातियों और धम्मों के […]

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भारतीय संस्कृति

वैदिक संपत्ति: विदेशियों का भारत आगमन

  गतांक से आगे… अर्थात वशिष्ठ की नंदनी गौ की कथा के पूर्व ही मलेच्छ जातियों ने द्रविड़ देश आबाद कर दी लिया था। वाल्मीकि रामायण और महाभारत के इन दोनों प्रमाणों से इनका ऑस्ट्रेलिया से आना सिद्ध होता है। इन प्रमाणों के अतिरिक्त इनकी भाषा, रूप ,गठन आदि के मिलन से पाश्चात्य विद्वानों ने […]

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