नीरज पिछले दिनों कर्नाटक हाईकोर्ट ने ये कहते हुए शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर रोक लगा दी कि हिजाब इस्लामी परम्परा का हिस्सा नहीं है। फैसले के बाद मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी को जान से मारने की धमकी दी गई। इस बारे में एक वीडियो सामने आया जिसमें धमकी देने वाले बता रहे […]
श्रेणी: आतंकवाद
नीरज पिछले दिनों कर्नाटक हाईकोर्ट ने ये कहते हुए शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर रोक लगा दी कि हिजाब इस्लामी परम्परा का हिस्सा नहीं है। फैसले के बाद मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी को जान से मारने की धमकी दी गई। इस बारे में एक वीडियो सामने आया जिसमें धमकी देने वाले बता रहे […]
#डॉ_विवेक_आर्य कश्मीर फाइल्स का विरोध, हिजाब पहन कर शिक्षण संस्थान में जाने की जिद, महाविद्यालय में नमाज़ पढ़ना आदि में एक तथ्य समान है। जहाँ जहाँ मुस्लिम जनसंख्या देश में बढ़ रही है। वहां वहां विरोध के स्वर मुखर है। उत्तर प्रदेश में योगी जी चाहे दूसरी बार सत्ता में आ गए हो। अगली बार […]
साभार- JK मीडिया ज़हर उगल कर माफ़ी मांगने वाले मौलानाओं की वजह से कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार नहीं बल्कि देश में साम्प्रदायिक दंगे होते […]
———इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार, वीर सावरकर फ़ाउंडेशन आजादी से पूर्व शेख़ अब्दुल्ला ने मुस्लिम कांफ्रेंस के नाम से अपने राजनीतिक दल का गठन किया था। इस प्रकार उसकी शुरुआत ही भारत विरोध और कश्मीर में फिर से मुस्लिमों के शासन को स्थापित कर हिंदुओं के दलन और दमन के सपने को लेकर हुई थी। 1939 […]
उगता भारत ब्यूरो “हाल ही में एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया, वर्ष 2009 से केरल और मैंगलोर की लगभग 32000 लड़कियों को हिंदू और ईसाई से इस्लाम मजहब में कन्वर्ट किया गया है और उनमें से ज्यादातर सीरिया, अफगानिस्तान और अन्य ISIS व हक्कानी प्रभावशाली क्षेत्र में पहुँच जाती हैं।” कश्मीरी पंडितों के नरसंहार […]
— – इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार, महामन्त्री, वीर सावरकर फ़ाउंडेशन ——————————————— आज जब ‘द कश्मीर फाइल्स’ के माध्यम से वस्तुस्थिति को हमने बहुत कुछ समझ लिया है , तब कश्मीर के बारे में और भी कुछ जानने , समझने व सुनने की हमारी जिज्ञासा बढ़ने लगी है । यह अच्छी बात है कि आज का […]
एक बार प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी ने पूछा था, ”जिस मजहबी विश्वास में मुसलमानों की इतनी श्रद्धा है, उसमें ऐसा क्या है जो सब जगह इतनी बड़ी संख्या में हिंसक प्रवृत्तियों को पैदा कर रही है?” दुर्भाग्य से अभी तक इस पर विचार नहीं हुआ। जबकि पिछले दशकों में अल्जीरिया से लेकर अफगानिस्तान और लंदन […]
विक्रम शर्मा जन्म से मैं स्वयं एक ब्राह्मण हूँ, इसलिए यह लिखने की धृष्टता कर रहा हूँ. मेरे पूर्वज भी मूलतः कश्मीर से ही थे जो शताब्दियों पूर्व, शायद बुतशिकन की यातनाओं के ज़माने में या किसी और समय पंजाब में लाहौर और गुजरांवाला में आकर बस गए थे। 1947 में उन्हें वहां से भी […]
अंकुर अरोड़ा मेरे दादा जी एवं उन की पीढ़ी के असंख्य हिन्दुओं ने सन १९४७ में भारत विभाजन एवं उसके फलस्वरूप उपजे मज़हबी उन्माद के कारण जो भयंकर कष्ट उठाये , मेरी ये कविता उनको बयान करने की एक छोटी सी कोशिश है मुझे मालूम है बच्चे तू अब क्या बात पूछेगा वो ज़ालिम दिन […]