जब औरंगजेब ने मथुरा का श्रीनाथ मंदिर तोड़ा तो मेवाड़ के नरेश राज सिंह 100 मस्जिद तुड़वा दिये थे। अपने पुत्र भीम सिंह को गुजरात भेजा, कहा ‘सब मस्जिद तोड़ दो तो भीम सिंह ने 300 मस्जिद तोड़ दी थी’।वीर दुर्गादास राठौड़ ने औरंगजेब की नाक में दम कर दिया था और महाराज अजीत सिंह […]
श्रेणी: स्वर्णिम इतिहास
अभी टी0वी0 चैनल पर महाभारत धारावाहिक समाप्त हुआ है । जिसमें दिखाया गया है कि अंतिम समय में भीष्म पितामह के पास पांचों पांडव और श्रीकृष्ण जी गए थे । उनके अतिरिक्त वहाँ पर अन्य कोई व्यक्ति उपस्थित नहीं था । यहाँ पर प्रश्न यह खड़ा होता है कि भीष्म पितामह जैसे महामानव का जिस […]
लेखक अशोक चौधरी मेरठ। सन् 1857 के स्वतंत्रता-संग्राम का प्रारंभ मेरठ से हुआ।इस स्वतंत्रता-संग्राम में मेरठ के किला-परिक्षत गढ़ कस्बे के निकटवर्ती गांव पूठी के निवासी राव कदम सिंह ने विदेशी अत्याचारी ब्रिटिश सत्ता से भारतीय क्रांतिकारियों के साथ मिलकर जो संघर्ष किया,वह भुलाने योग्य नहीं है। आखिर राव कदम सिंह किस पृष्ठभूमि से थे,वो […]
हमारे देश में अधिकांश ऐतिहासिक स्थलों का हिंदू निर्माण छुपा कर उसे मुगलों या किसी विदेशी आक्रमणकारी नवाब या बादशाह या सुल्तान द्वारा निर्मित दिखाई जाने की बहुत ही खतरनाक प्रवृत्ति चली आ रही है । इस प्रवृत्ति के चलते देश के इतिहासकारों और लेखकों ने भी उन तथ्यों और प्रमाणों की पूर्णतया उपेक्षा की […]
आर्य हिंदू समाज को तोड़ने की गंभीर कोशिश की जा रही है और हम सब इस भूल में है कि ऐसा करने वाले चाहे कुछ कर लें हम सब एक हैं । इस भूल ने ही हमें अतीत में खून के आंसू रुलाया है और हम हैं कि इस भूल को त्यागने का प्रयास नहीं […]
कांग्रेस की निंदनीय कार्यशैली इस बीच कांग्रेस क्या कर रही थी ? उसने अपना ध्येय स्वराज्य से बदलकर पूर्ण स्वतन्त्रता घोषित किया। इस घोषणा से कोई भी व्यक्ति यही निष्कर्ष निकालेगा कि कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध युद्ध की घोषणा न कर क्रांतिकारियों के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी है। इस सम्बन्ध […]
26 जनवरी 1930 ई0 का दिन कांग्रेस के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन के रूप में अंकित है । क्योंकि इसी दिन पंजाब में रावी नदी के किनारे कांग्रेस के अध्यक्ष पंडित नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने झंडा फहराकर पूर्ण स्वाधीनता का संकल्प लिया था । कांग्रेस के कार्यकर्ता सर्वत्र हर्षोल्लास व्यक्त कर रहे […]
महमूद गजनवी द्वारा सोमनाथ के मंदिर को तोड़े जाने की घटना 1026 ईस्वी की है । इसके बारे में अक्सर यह कहा जाता है कि महमूद गजनवी आया और वह आराम से हमारे मंदिर को तोड़ कर चला गया । यहां के लोगों में और यहां के तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व में किसी प्रकार की कोई […]
गुर्जर प्रतिहार वंश के शासकों ने भारतवर्ष में उन हिंदुओं को फिर से शुद्ध कर स्वधर्म में दीक्षित किया था जो किन्ही कारणों से मुसलमान बन गए थे । इसी वंश के शासकों ने आज के सिंध से लेकर ईरान तक का सारा क्षेत्र शुद्धि अभियान के माध्यम से विदेशी मजहब अर्थात मुस्लिमों से खाली […]
जब जब भी मई का महीना आता है तो प्रत्येक राष्ट्रभक्त भारतवासी के मन मस्तिष्क में 1857 की क्रांति के नायकों से जुड़ी वीर गाथाएं अनायास ही उभर आती हैं । 10 मई 1857 को उत्तर प्रदेश के मेरठ से इस क्रांति का शुभारंभ करने वाले क्रांतिवीर कोतवाल धनसिंह गुर्जर , महर्षि दयानंद , तात्या […]