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स्वर्णिम इतिहास

रामायण और महाभारत का कम समय आंकने में गांधीजी का यह दुराग्रह भी एक कारण

  हमारे देश के इतिहास में विकृतिकरण से अधिक इतिहास का विलोपीकरण किया गया है । इतिहास के विलोपीकरण की यह षड्यंत्रकारी योजना जानबूझकर यूरोपियन देशों के इतिहास लेखकों , मुस्लिम इतिहास लेखकों के साथ-साथ कम्युनिस्ट विचारधारा के लेखकों ने बनाई है । विलोपीकरण की इस प्रक्रिया को पूरा करने के दृष्टिकोण से इन लोगों […]

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स्वर्णिम इतिहास

भारत के सांस्कृतिक वैभव का प्रतीक : विश्व का सबसे बड़ा विष्णु मंदिर – अंकोरवाट

  भारत एक गौरवपूर्ण विश्व धरोहर का नाम है । विश्व के अतीत से भारत को निकाल दो तो यह सत्य है कि समस्त संसार के पास फिर ऐसा कुछ भी नहीं रहेगा जिस पर उसे गर्व और गौरव हो सकता हो । वैदिक सृष्टि संवत के अनुसार अभी तक हमारा यह सूर्य और हमारी […]

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स्वर्णिम इतिहास

भारतीय इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठ : पुष्पक विमान से भी अलग कई प्रकार के विमान बनते थे भारत में

  भारत प्राचीन काल से ही वैज्ञानिक आविष्कारों के लिए जाना जाता रहा है। यहाँ पर व्योमयान अर्थात विमान दो प्रकार के बनाए जाते थे। ऋषि भारद्वाज ने अपने ग्रंथ ‘वृहदविमानभाष्य’ में ऐसे विमान के बारे में भी उल्लेख किया है जो एक साथ जल , थल और नभ में उड़ान भर सकता था या […]

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स्वर्णिम इतिहास

है गौरवशाली इतिहास हमारा : हिंदुत्व का पराक्रमी सम्राट पृथ्वीराज चौहान और वीरांगना श्यामली

  पृथ्वीराज चौहान भारतीय त्याग, तपस्या, साधना और पौरूष का प्रतीक है। वह अपने गुणावगुणों से तत्कालीन हिंदू राजाओं में से कई के लिए ईर्ष्या और द्वेष का कारण बन गया था। कई इतिहासकारों ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान के एक से अधिक विवाहों के होने का उल्लेख किया है। अत: थोड़ी सी असावधानी से एक […]

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स्वर्णिम इतिहास

नहीं दिया गया था सीता जी को वनवास

रामायण एक ऐसा ग्रंथ है जिसके प्रमुख पात्र रामचन्द्र जी को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के रूप में सम्मान प्रदान किया गया है । इसी रूप में मर्यादा पुरुषोत्तम रामचंद्र जी को न केवल भारतवर्ष अपितु संसार के सभी देशों में समान रूप से सम्मान प्रदान किया गया है । यह अलग बात है कि ईसाइयत […]

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स्वर्णिम इतिहास

कुतुबमीनार है प्राचीन गरुड़ध्वज या विष्णु ध्वज

  भारत की राजधानी दिल्ली में दिल्ली की आन , बान और शान के नाम से प्रसिद्ध कुतुबमीनार हिंदू स्थापत्य कला का एक बेजोड़ नमूना है । विश्व इतिहास में स्थापत्य कला का ऐसा कोई अन्य उदाहरण मिलना दुर्लभ है । इस स्तंभ के देखने से पता चलता है कि भारत के आर्यों की वास्तुकला […]

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स्वर्णिम इतिहास

क्यों लिखा गया महाभारत जैसा महत्वपूर्ण ग्रंथ ?

महाभारत जैसा महान ग्रंथ क्यों लिखा गया ? इसका महत्व क्या है ? इसका अर्थ क्या है ? यह प्रश्न अक्सर आपके मन मस्तिष्क में उठते रहते होंगे । यदि इन् प्रश्नों का उत्तर खोजा जाए तो महाभारत के अन्त में महाभारत का महत्व और उपसंहार करते हुए इस पर प्रकाश डाला गया है। जिसमें […]

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स्वर्णिम इतिहास

इतिहास का महानायक नागभट्ट द्वितीय जिसने अबसे 1200 वर्ष पहले कराई थी ‘घर वापसी’ और जिसके भय से मुसलमानों ने बना लिया था शहर ए महफूज

इतिहास का महानायक नागभट्ट द्वितीय जिसने अब से 1200 वर्ष पहले कराई थी ‘घर वापसी’ और जिसके भय से मुसलमानों ने बसाया था शहरे महफूज मिहिर भोज के ग्वालियर अभिलेख में नागभट्ट द्वितीय की मुसलमानों पर प्राप्त की गई विजय का उल्लेख किया गया है । जिससे यह भी पता चलता है कि मुसलमानों के […]

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लाल कोट के नाम से राजा अनंगपाल तोमर ने बनवाया था दिल्ली का लाल किला

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स्वर्णिम इतिहास

इतिहास का एक बहुत बड़ा वाकजाल : नहीं किया भारत ने कभी किसी देश पर हमला

भारत के विषय में अक्सर यह कहा जाता है कि यह वह देश है जिसने कभी दूसरे देश की संप्रभुता को हड़पने या समाप्त करने के उद्देश्य से हमला नहीं किया । यह बात तो सही है परंतु इसे कुछ इस प्रकार प्रस्तुत किया जाता है जैसे भारत को हर स्थिति परिस्थिति में मौन साधे […]

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