रिंकू कुमारी मुजफ्फरपुर, बिहार देश भर में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए केंद्र से लेकर सभी राज्य सरकार अपने अपने स्तर पर विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है. महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक का सर्वसम्मति से संसद से पारित होना इस बात का सबूत है कि इस मुद्दे पर देश की सभी राजनीतिक दल […]
श्रेणी: समाज
सुभाष बड़ावनवाला-विनायक फीचर्स बच्चे बेहद मासूम और भोले होते हैं। उनके मासूम सवाल और बाल सुलभ हरकतें किसी को भी अपनी और आकर्षित कर लेती हैं लेकिन यही बच्चे जब कहना नहीं मानते या फिर कंट्रोल से बाहर हो जाते हैं तो किसी भी मां-बाप के लिए मुसीबत से कम नहीं होते। आखिर ऐसे बच्चों […]
दिव्य अग्रवाल ऐसा क्या कारण है की अवैध शस्त्रों का निर्माण हो या व्यापार, इसमें संलिप्त लोग ज्यादातर इस्लाम मजहब से सम्बन्ध रखते हैं । अभी जुलाई माह में गाजियाबाद में एक फैक्ट्री पकड़ी गयी थी जो पूर्णतः आधुनिक थी उसमें वी ऍम सी जैसी उच्च कोटि की मशीने थी जिनकी लागत लाखो रुपये से […]
रिंकू कुमारी मुजफ्फरपुर, बिहार लखींद्र सहनी दूसरे के खेतों में मजदूरी करते हैं. पत्नी के अलावा उनकी छह बेटियां और चार बेटे हैं. सबसे बड़ी बेटी की कम उम्र में ही शादी हो गयी और सबसे छोटी पांच साल से कम उम्र की है. सबसे बड़ा बेटा किशोरावस्था में ही दूसरे प्रदेश में कमाने चला […]
खुशबू बोरा मेगड़ी स्टेट, उत्तराखंड कभी कभी हमारे देश में देखकर लगता है कि देश तो आजाद हो गया है, जहां सभी के लिए अपनी पसंद से जीने और रहने की आज़ादी है. लेकिन महिलाओं और किशोरियों खासकर जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहती हैं, उनके लिए आजादी का कोई मतलब नहीं है. उनके लिए तो […]
* ================= आचार्य विष्णु हरि सनातन विरोधियों और अंधविश्वासी, ढोंगी-ठगी, बाबाओं, ब्राम्हणों और तथाकथित हिन्दू संगठनों द्वारा बनियों को ठगने, मूर्ख बनाने और उनके पैसों पर मौज करने के खिलाफ मैं लगातार जागरूक कर रहा हूं पर परिणाम नहीं निकल रहा है। इसका दुष्परिणाम यह देख लीजिये। एक बनिया की दो बेटियो ने आत्महत्या कर […]
लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ पत्नी वह जो पति को पतन के मार्ग पर जाने से बचाए बुराइयों से रोके इसलिए उसे पत्नी कहा गया है| आयुर्वेद, जीवन दर्शन के ग्रंथों में आयु को घटाने -बढ़ाने वाले कर्म का विस्तार से वर्णन किया गया है | पति के सदाचार के पालन करने संयमित जीवन जीने […]
डॉ. राधे श्याम द्विवेदी पितृ पक्ष समापन की ओर अग्रसर है। व्यक्ति अपने अपने पितरों को तर्पण जल और श्रद्धा दे रहे हैं।इस दौरान पुत्र और संतति का अर्थ और दोनों में विभेद का जानना समीचीन है। पुत्र’ शब्द की व्युत्पत्ति के लिये यह कल्पना की गई है कि जो पुन्नाम [‘पुत्’ नाम] नरक से […]
भारती देवी पुंछ, जम्मू वर्षों बीत जाते हैं यह सुनते सुनते की किशोरियों और महिलाओं पर आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं. दुनिया में इतनी तरक्की हो रही है जिसमें महिलाओं एवं किशोरियों का विशेष योगदान रहा है. फिर भी आज 21वीं सदी में भी महिलाएं एवं किशोरियों सुरक्षित नहीं दिखाई देती हैं. लड़कियों के साथ […]
आज हम में से बहुतों के लिए खून के रिश्तों का कोई महत्त्व नहीं। ऐसे लोग संबंधों को महत्त्व देने लगे हैं। और आश्चर्य की बात ये कि ऐसा उन लोगों के बीच भी होने लगा है जिनका रिश्ता पावनता के साथ आपस में जोड़ा गया है। वैसे तो हमारे सामाजिक संबंधों और सगे रिश्तों […]