ओ३म् ============ धर्म क्या है इसका ज्ञान देश देशान्तर के सभी मनुष्यों को नहीं है। अधिकांश लोग मत विशेष को ही धर्म मानते हैं। धर्म संस्कृत भाषा का शब्द है। यह शब्द किसी भी विदेशी भाषा में नहीं है। धर्म से कुछ मिलते जुलते विदेशी शब्द रिलीजन व मजहब आदि हैं परन्तु वह धर्म के […]
श्रेणी: समाज
राकेश राणा वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में भारत लगातार पिछड़ रहा है. 2020 की हैप्पीनेस रिपोर्ट में दुनिया के मात्र 12 देश ही भारत से पीछे हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा के नेतृत्व में ’संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास समाधान नेटवर्क (यूएनएसडीएसएन) द्वारा 20 मार्च, 2020 को जारी आठवीं ‘विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट’ (वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट-2020) में भारत 156 […]
(हिन्दू समाज के धर्मगुरुओं ने हिन्दुओं को मूर्तिपूजा सिखाई। मूर्तिपूजा छोड़कर वेद विदित निराकार ईश्वर की पूजा करनी सिखाई होती तो आज हिन्दुओं की संतान मुसलमानों की कब्रों पर सर नहीं पटक रही होती। ) डॉ विवेक आर्य दैनिक समाचार पत्रों में सदा यह खबर छपती रहती है कि बॉलीवुड का कोई प्रसिद्द अभिनेता […]
प्रस्तुति : ज्ञान प्रकाश वैदिक[ब्रह्मचर्य का व्रत धारण करने से मनुष्य ऐश्वर्यशाली बनता है। आज नौजवान ब्रह्मचर्य के व्रत को भूलकर भोगवाद की ओर भाग रहे हैं। ब्रह्मचर्य के अभाव में मनुष्य शारीरिक, मानसिक और आत्मिक उन्नति से वंचित हो रहा है। आर्यसमाज के सुप्रसिद्ध विद्वान् स्व० पं० बुद्धदेव विद्यालंकार जी (स्वामी समर्पणानन्द जी) का […]
……………………………………………… राकेश छोकर / नई दिल्ली ……………………………. …………. गुर्जर समाज के जाने-माने विद्वत इतिहासकार इसम सिंह चौहान को अखंड भारत गुर्जर महासभा का राष्ट्रीय मार्ग दर्शक मनोनीत किया गया है। महासभा के पदाधिकारियों के बीच हुई वीडियो कांफ्रेंस के बाद यह निर्णय लिया गया। इतिहासकार इसमसिंह चौहान अखंड भारत गुर्जर महासभा की कोर कमेटी की […]
….…………………………………………….. राकेश छोकर / नई दिल्ली ……………………………………………. कोरोना वाइरस से उपजी वैश्विक आपदा से जन, धन की अपार क्षति के बाद जो विपदा आ खड़ी हुई है, उससे पार पाना एक बड़ी चुनौती होगी।इस संदर्भ में विद्वानों के मत,उम्मीद पैदा करते हैं। ……………………………. 1.डॉ मोहन लाल वर्मा (संपादक- देव चेतना)जयपुर, राजस्थान। ……………………… “हमें कोरोना संक्रमण […]
★ भारतीयता और मानवीय धर्म की स्वीकार्यता, वैश्विक संकट से दिला सकती है निजात★ पृथ्वी तल का कठिन दौर, आत्मीय और भावनात्मक ऊर्जा से रहे परिपूर्ण………………………………………………….राकेश छोकर/ नई दिल्ली…………………………………………………कोरोना वायरस जनित वैश्विक महामारी ने पृथ्वी तल पर आपातकाल का जो कठिन दौर खड़ा कर दिया है,उस से पार पाना मानवीय ज्ञान ,विज्ञान के लिये आसमान […]
– कार्तिक अय्यर जूठ को हज़ार बार चिल्लाओ सत्य लगने लगेगा। यही काम आज अम्बेडकरवादी ,भीमसैनिक, ओशोवादी, वामपंथी जैसे कि सुरेंद्रकुमार अज्ञात व राकेश नाथ, पेरियार समर्थक आदि कर रहे हैं। रावण को खूब महान बताते है। किसी किसी ने तो दशहरे के अवसर पर रावण के दहन पर रोक लगाने के लिए न्यायालय […]
दुलीचंद कालीरमन इटली और अमेरिका की तस्वीर आप सभी ने देखी होगी जिसमें ग्राहक शॉपिंग मॉल में आपस में छीना-झपटी करते नजर आ रहे थे। यहां तक कि टॉयलेट पेपर तक की कमी हो गई तथा उसकी प्रति ग्राहक संख्या निश्चित करनी पड़ी । ऐसा वहां की मॉल-संस्कृति के कारण हुआ। पश्चिम के विकसित देशों […]
मनुष्य जो कुछ भी करता है सोच समझकर कर करता है, वह मंदिर जाता है, चोरी करता हो या किसी अनैतिक कार्य को करता हो वह सोच समझकर ही करता है। मंदिर जाने के पहले वह मंदिर आने का विचार करता है, तब मंदिर जाता है। अनैतिक कार्य करने के पहले भी वह विचार करता […]